चुनौतियां स्वीकारने शिक्षक और विद्यार्थी तैयार रहें
व्याख्यानमाला में हर्षवर्धन देशमुख का आह्वान
दर्यापुर/दि.16– नई शैक्षणिक नीति कई चुनौतियां निर्माण करने वाली है. इस नई प्रणाली से शिक्षा व्यवस्था में भी कई दिक्कतें आ सकती है. इसलिए शिक्षा व्यवस्था का केंद्रबिंदू रहने वाले विद्यार्थी और शिक्षकों ने कडे प्रयास कर शिक्षा व्यवस्था की चेतना निरंतर जागरूक रखें और इस शिक्षा व्यवस्था को समाज उन्नती के काम के लिए लाएं, यह आह्वान श्री शिवाजी शिक्षण संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख ने किया. जे.डी पाटील सांगलुदकर महाविद्यालय में स्व. बाबासाहेब सांगलुदकर स्मृति व्याख्यानमाला व वार्षिकोत्सव उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया था. इस समारोह में बतौर उद्घाटक वे बोल रहे थे. इस अवसर पर अमरावती स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के विधायक धीरज लिंगाडे, श्री शिवाजी शिक्षण संस्था के उपाध्यक्ष एड.जयवंत उपाख्य भैयासाहेब पाटील पुसदेकर, केशवराव मेतकर, गजाननराव पुंडकर, कोषाध्यक्ष दिलीपबाबू इंगोले, कार्यकारिणी सदस्य सुरेशराव खोटरे, प्रा. सुभाषराव बनसोड, माजी उपाध्यक्ष डॉ.रामचंद्रजी शेलके, जिजामाता महिला मंडल की अध्यक्ष कांचनमाला गावंडे, महाविद्यालय विकास समिती व शाला समिती सदस्य डॉ. वसंतराव टाले, अण्णासाहेब रेचे, नरेश लढ्ढा, जयप्रकाश भुतडा, शेषरावजी काले, प्रा.डॉ.प्रभाकरराव कोलखेडे, प्रदीपबापू देशमुख तथा भारती काले, रजनी टाले, महिला महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अविनाश चौखंडे, प्राचार्य डॉ. अतुल बोडखे मंच पर उपस्थित थे. कार्यक्रम में विधायक धीरज लिंगाडे ने महाविद्यालय की प्रगति पर समाधान व्यक्त किया. तथा महाविद्यालय विकास के लिए मदद करने का आश्वासन दिया. इस अवसर पर हर्षवर्धन देशमुख के हाथों धीरज लिंगाडे का सत्कार किया गया. कार्यक्रम की प्रस्तावना प्राचार्य डॉ. अतुल बोडखे ने रखी.
प्राचार्य डॉ. बोडखे की इंडियन सायन्स काऊन्सिल पर नियुक्ति होने पर हर्षवर्धन देशमुख के हाथों उनका तथा प्राविण्य प्राप्त विद्यार्थियों का सत्कार किया गया. कार्यक्रम दौरान उत्कृष्ट छात्रा धनश्री प्रदीप इंगले व उसके अभिभावकों का भी सत्कार किया गया. महाविद्यालय की ओर से पहली बार शिक्षामहर्षि डॉ.पंजाबराव देशमुख की माताश्री स्व. राधाबाई शामरावजी देशमुख की स्मृति में शुरु की गई छात्रवृत्ति कला, वाणिज्य व विज्ञान संकाय के प्रथम वर्ष में प्रवेशित व आर्थिक रुप से दुर्बल होनहार छात्रा अनुराधा ज्ञानेश्वर थोरात, पायल दीपक गोतरकर व श्रुतीका सुधीर अरबट को दी गई. इस अवसर पर प्रा. मनीष होले, प्रा. डॉ. राजेश उमाले, प्रा.डॉ. राजेंद्र जदुवंशी, प्रा.डॉ.भावना भुतडा, प्रा.डॉ.सुरेंद्र शेजे, प्रा.डॉ.तुषार वानखडे, प्रा.डॉ.नरेंद्र माने का भी सत्कार किया गया.
कार्यक्रम के आरंभ में स्व.बाबासाहेब सांगलुदकर, स्व. श्रीमती कोकिलाबाई गावंडे व स्व.कुलदीपदादा गावंडे के समाधिस्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई.