अमरावती

शिक्षकों को अपनी जेब से करना पड रहा पोषण आहार के लिए खर्च

तकनीकी दिक्कतों के चलते बिल मिलने में अनियमितता

* नियमों को शिथिल किया जाना बेहद जरुरी
अमरावती/दि.15 – जिला परिषद की शालाओं में विद्यार्थियों को पोषण आहार दिया जाता है. जिसके तहत चावल, दाल व कडधान्य का वितरण सरकार द्वारा किया जाता है. परंतु सब्जी व तेल, नमक, मिर्च, हल्दी व मसाले जैसे अन्य साहित्य की खरीदी हेतु शाला के मुख्याध्यापकों, शिक्षकों व कर्मचारियों को अपनी जेब से पैसा खर्च करना पडता है. हालांकि शिक्षा संचालक कार्यालय द्वारा पोषण आहार के बिल अदा किए जाते है. परंतु अक्सर ही अनुदान नहीं रहने की वजह आगे करते हुए बिल अदा करने में काफी विलंब हो जाता है और बिल का भुगतान समय पर नहीं होने के चलते शिक्षकों को कई समस्याओं का सामना करना पडता है.
बता दें कि, जिला परिषद की लगभग सभी शालाओं में पडने वाले विद्यार्थियों को रोजाना ही पोषण आहार दिया जाता है. जिसमें हर दिन के लिए अलग-अलग मेन्यू होता है. जिसके तहत दाल-चावल, खिचडी व सब्जी-चावल को पोषण आहार के तौर पर विद्यार्थियों को परोसा जाता है. साथ ही भोजन में विद्यार्थियों की रुची बढे, इस हेतु अलग-अलग तरह की सब्जियां व उसल भी परोसी जाती है. परंतु इसे तैयार करने में लगने वाला अतिरिक्त खर्च सरकार की ओर से समय पर नहीं मिलने के चलते शिक्षकों द्वारा नाराजी जताई जाती है. क्योंकि इसके लिए उन्हें अपनी जेब से रकम खर्च करनी पडती है.

* जिले में जिप की डेढ हजार से अधिक शालाएं
जिले की 14 तहसीलों में जिला परिषद की कुल 1 हजार 583 शालाएं है, जिनमें कक्षा 8 वीं तक के विद्यार्थियों को पोषण आहार प्रदान किया जाता है.

* 4 माह से लटका अनुदान
तकनीकी दिक्कतों के चलते पोषण आहार लाभार्थी विद्यार्थी संख्या व अन्य जानकारी ऑनलाइन भरने में व्यत्यय आने के चलते अनुदान समय पर नहीं मिलता. जिसके परिणाम स्वरुप शिक्षकों को पोषाहार योजना जारी रखने हेतु अपनी जेब से पैसा खर्च करना पडता है. साथ ही खर्च की गई रकम के देयक का भुगतान भी समय पर नहीं होता. ऐसे में हमेशा ही मुख्याध्यापकों व शिक्षकों को अपनी जेब में हाथ डालना पडता है.

* किस तहसील में कितनी शालाएं
तहसील जिप शाला
अचलपुर             221
अमरावती           140
मनपा                 203
अंजनगांव सुर्जी    143
भातकुली             137
चांदूर बाजार         176
चांदूर रेल्वे            95
चिखलदरा            193
दर्यापुर                197
धामणगांव           115
धारणी                191
मोर्शी                  149
नांदगांव खंडे.       152
तिवसा                103
वरुड                 173

* प्रत्येक शाला को प्रत्येक माह कितना अनुदान?
शालेय पोषाहार को पकाने हेतु इंधन व सागसब्जी के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा पहली से पांचवी कक्षा के विद्यार्थियों हेतु 2.08 रुपए एवं छठवीं से आठवी कक्षा के विद्यार्थियों हेतु 3.11 रुपए का प्रति विद्यार्थी अनुदान शालाओं को दिया जाता है.

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