अमरावती,दि.11– जिला परिषद अंतर्गत कार्यरत प्राथमिक शिक्षकों के जिलांतर्गत तबादलों को लेकर नीति तय की गई है. जिसके चलते वर्ष 2022 में तबादले की प्रक्रिया को ऑनलाईन तरीके से पूर्ण करने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है. परंतू राज्य ने कार्यकाल खत्म हो चुकी स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं को चुनावी कार्यक्रम दो सप्ताह में घोषित करने का निर्देश सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग को दिया गया है. ऐसे में यदि चुनावी कार्यक्रम घोषित होता है, तो आचारसंहिता की वजह से शिक्षकों के तबादले दिक्कत में फंस सकते है. अत: चुनाव से पहले ही जिप प्राथमिक शिक्षकों के तबादले किये जाये, ऐसी मांग प्राथमिक शिक्षक समिती द्वारा की गई है.
इस संदर्भ में सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि, विदर्भ में वर्ष 2018 के बाद तथा राज्य में वर्ष 2019 के बाद जिप शिक्षकों के जिलांतर्गत व आंतरजिला तबादले नहीं हुए है. जबकि कई शिक्षक व शिक्षिकाएं आंतरजिला तबादले की बडी बेसब्री के साथ प्रतीक्षा कर रहे है और तबादला नहीं होने के चलते उनका पारिवारिक जीवन बेहद त्रासदीपूर्ण हो गया है. ऐसे में चुनावी प्रक्रिया के चलते तबादले का काम प्रभावित न हो, अत: चुनावी आचारसंहिता लागू होने से पहले ऑनलाईन तबादले की प्रक्रिया तत्काल शुरू करने, विनंती तबादले हेतु शाला में सेवा कालावधि को पांच वर्ष की बजाय तीन वर्ष करने की मांग भी की गई. इस निवेदन में यह भभी कहा गया है कि, शिक्षकों के जिलांतर्गत तबादले के लिए शाला स्तर पर सेवा कालावधि की शर्त पांच वर्ष तय की गई है. परंतु प्रशासकीय तबादलों के लिए पांच वर्ष की सेवा कालावधि पूरी तरह से योग्य है, लेकिन विशेष संवर्ग एक व दो में शामिल रहनेवाले शिक्षकों के लिए जिस तरह कोई भी सेवा कालावधि की शर्त नहीं है, उसी तरह विशेष संवर्ग का कोई भी लाभ नहीं रहनेवाले, खासकर एकल शिक्षकों के विनंती तबादले के लिए न्यायोचित निर्णय लिये जाने की जरूरत है. इसके साथ ही दुर्गम क्षेत्र रहनेवाले चिखलदरा व धारणी में शिक्षकों के तबादले से संबंधित सभी अधिकार जिला परिषद को दिये जाने की मांग भी प्राथमिक शिक्षक समिती द्वारा इस निवेदन में की गई है.