अमरावती

शिक्षक के निलंबन का प्रस्ताव अब तक विचाराधीन

जांच रिपोर्ट प्राप्त होते ही फैसला होगा

* अप्पर आदिवासी आयुक्त ने किया स्पष्ट
अमरावती/दि.24 – आर्णी स्थित आश्रम शाला में अधीक्षिका का पदभार स्वीकार करने से मना करने वाली शिक्षिका के निलंबन का प्रस्ताव अब तक विचाराधीन है. उसकी जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद इस प्रस्ताव के बारे में निर्णय लिया जाएगा, ऐसा अप्पर आदिवासी आयुक्त सुरेश वानखडे ने स्पष्ट किया है.
स्पष्टीकरण के अनुसार पुसद प्रोजेक्ट अधिकारी कार्यालय के अंतर्गत विनायक बहुउद्देशीय ग्रामीण विकास संस्था दिग्रस द्बारा संचालित अनुदानित आश्रम शाला आर्णी ने यहां की कु. एस.एल. गुजर, कु. एस.जी. निरगुलवार व कु. पी. गणोरकार यह शिक्षिकाएं मुख्यालय में उपस्थित न रहने व अधीक्षिका का पदभार लिखित रुप से स्वीकार न करने के लिए कहा था. हकीकत देखा जाए, तो आश्रम शाला निवासी होने के कारण मुख्यालय में रहना बंधनकारक है. इसी तरह महिला अधीक्षिका छूट्टी पर रहते समय उनका प्रभार अन्य शिक्षिका को दिया जाए और प्रभारी अधीक्षिका को मुख्यालय में छात्राओं के निवासस्थान पर रहकर उनका ध्यान रखना, ऐसा उद्देश्य है.
इन शिक्षिकाओं ने लिखित तौर पर पदभार लेने से मना कर दिया है. इस पर संस्था ने 8 दिसंबर 2022 को उन्हें निलंबित कर उसका प्रस्ताव पुसद प्रोजेक्ट कार्यालय भिजवाया था. यह अप्पर आदिवासी आयुक्त कार्यालय में 19 दिसंबर 2022 को प्राप्त हुआ. यह निलंबन का प्रस्ताव अब तक विचाराधीन है. इस मामले में गहन जांच के आदेश दिए गए है. वह जांच रिपोर्ट प्राप्त न होने के कारण निर्णय नहीं लिया गया. ऐसी रिपोर्ट प्राप्त होते ही निर्णय लिया जाएगा, ऐसा होने के बाद भी संगठना ने पत्रकार परिषद देकर अप्पर आयुक्त ने कर्मचारी को निलंबन की मान्यता दिए जाने की गलत जानकारी दी है. ऐसी खबर भी कुछ अखबारों में प्रकाशित की गई. वह खबर गलत है. इसी तरह कुछ अखबारों में प्रोजेक्ट अधिकारी के जांच के आदेश, ऐसी खबर प्रकाशित की गई. हकीकत में अप्पर आयुक्त के स्तर पर ऐसे कोई भी आदेश दिए ही नहीं गए, ऐसा स्पष्ट किया गया है.

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