अमरावती

शिक्षकों का टेंशन हुआ ख्त्म, प्रमोशन से टीईटी का बंधन हटा

अमरावती/दि.30– प्राथमिक शिक्षकों को विषय शिक्षक के तौर पर पदोन्नति देने हेतु टीईटी का बंधन डाला गया था. जिसके चलते राज्य के हजारों शिक्षक संभ्रम में पड गए थे. परंतु राज्य सरकार ने आखिरकार विगत बुधवार को पदोन्नति के लिए टीईटी की शर्त को शिथिल कर लिया. जिससे शिक्षकों के प्रमोशन का रास्ता खुल गया है.

प्राथमिक व उच्च प्राथमिक शाला में नियुक्ति के लिए आवश्यक रहने वाली टीईटी की शर्त को पदोन्नति के लिए भी लागू किए जाने से राज्य के हजारों शिक्षक प्रभावित हो रहे थे. जिसके चलते इब्टा शिक्षक संगठन, सहकार शिक्षक संगठन व प्रहार शिक्षक संगठन सहित राज्य के अनेकों शिक्षक संगठनों ने इसके खिलाफ जोरदार आवाज उठाई. जिसके चलते प्राथमिक शिक्षा संचालक ने इस बारे में शिक्षा मंत्रालय से मार्गदर्शन मांगा व शिक्षा मंत्रालय ने विगत 25 अक्तूबर को शिक्षा संचालक को इस संदर्भ में पत्र भेजा. जिसके चलते शिक्षकों के प्रमोशन ेमें लगाई गई टीईटी की शर्त को शिथिल कर दिया गया है. इस पत्र में कहा गया है कि, उन शिक्षकों की नियुक्ति 13 फरवरी 2013 से पहले हुई थी. ऐसे शिक्षकों को अब प्रमोशन देने हेतु टीईटी की आवश्यकता नहीं रहेगी. परंतु उनके पास विषय शिक्षक पद हेतु आवश्यक रहने वाले शैक्षणिक व व्यवसायिक अहर्ता रहना बेहद अनिवार्य होगा. साथ ही वर्ष 2013 के बाद जिन शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, उनकी पदोन्नति करते समय टीईटी आवश्यक रहेगी.

* हजारों के प्रमोशन व रास्ता खुला
– राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की अधिसूचना के अनुसार प्राथमिक व उच्च प्राथमिक शिक्षकोें हेतु टीईटी अनिवार्य है. इसी का संदर्भ लेते हुए शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के प्रमोशन के लिए टीईटी को लागू किया था.
– परंतु टीईटी केवल नियुक्ति के लिए ही आवश्यक है तथा विषय शिक्षक यह नियुक्ति नहीं बल्कि पदोन्नति है. जिसके लिए टीईटी को अनिवार्य नहीं किया जा सकता, ऐसा दावा शिक्षक संगठनों द्वारा किया गया.
– वहीं टीईटी परीक्षा का आयोजन ही वर्ष 2013 से शुुरु हुआ है और फिलहाल पदोन्नति के लिए पात्र रहने वाले शिक्षकों की नियुक्ति 2013 से पहले की है. जिसके चलते उन पर टीईटी लागू ही नहीं होती, ऐसा दावा भी किया जा रहा है.
– शिक्षक संगठनों द्वारा पदोन्नति में टीईटी का विरोध करते हुए किए जा रहे दावों की सरकार द्वारा काफी गंभीरतापूर्वक दखल ली गई और शिक्षकों की पदोन्नति से टीईटी की शर्त को शिथिल करने का निर्णय लिया गया. जिसके चलते राज्य के हजारों शिक्षकों के प्रमोशन का रास्ता खुल गया है.

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