उत्तर पत्रिका जांचने वाले शिक्षकों को मिल रहा तुटपुंजी मानधान
राज्य शिक्षक मंडल से इस ओर ध्यान देने की बढ रही मांग
अमरावती/दि.7- महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षण मंडल की ओर से शिक्षकों को प्रति उत्तर पत्रिका जांच के लिए तीन से साडे तीन रुपये व भाषा विषय के लिए प्रति उत्तर पत्रिका को चार से साडे चार रुपये ऐसे मिलते है. शिक्षकों को मिलने वाला यह मानधन बहुत ही कम होने से शिक्षकों का जेब खर्च भी नहीं निकल पाता. दसवी की बजाए बारहवीं की उत्तर पत्रिका जांचने के लिए इसका मानधन प्रत्येक के लिे दस रुपये बढाए जाने की मांग परीक्षकों की ओर से की जा रही है. विशेष यह है कि इसमें निजी, बिना अनुदानित, शालाओं के शिक्षक का आर्थिक नुकसान हो रहा है.
कक्षा दसवी-बारहवीं की परीक्षा खत्म होकर अब परिणाम की ओर सबका ध्यान लगा है. राज्य के सभी राज्य शिक्षण मंडल अंतर्गत आने वाले सभी निजी, अनुदानित व बिना अनुदानित शालाओं में शिक्षकों (परीक्षक) परीक्षा मंडल की ओर से उत्तर पत्रिका जांच के लिए भेजे गए थे. मराठी, हिंदी व अंग्रेजी भाषा के उत्तर पत्रिका परीक्षकों ने जांच ने संबंधी नियंत्रण केक पास जांच का दुसरा टप्पा के लिए सुपूर्द किया था. जिसके बाद उसे उनके पास जांच कर शिक्षण मंडल की पास जमा भी किया गया है. मई महिने में परिणाम लगने की संभावना है. एक शिक्षक व्दारा दैनिक अमरावती मंडल को दी गई जानकारी व्दारा बताया गया कि साधारणतः प्रति परीक्षक 200 से 300 उत्तर पत्रिका दी जाती है. 10 से 15 दिनों के समयावधी में सभी शिक्षक, परीक्षकों को जांच का ही काम करना पडता है. निजी शाला में जिन शिक्षकों को पेपर जांच का काम मिलता है. इन शिक्षकों पर शाला के आठवीं, नववीं की कक्षा की भी जवाबदारी रहती है. इन कक्षा के वार्षिक परीक्षा का भी यही हाल रहता है. कक्षा दसवीं व बारहवीं की उत्तर पत्रिका जांच के लिए मिलने वाले समय में समन्वय नही बनाकर दस से बारा दिन में परीक्षक को जांच के काम बहुत ही बारिकी व जवाबदारी पूर्ण करना पडता है. जिसके बदले में मिलने वाला मानधन बहुत ही कम होता है. वह भी कई दिनों-महिनों के बाद ऑनलाइन तरीके से शिक्षकों के खाते में जमा किए जाते है. ऐसी शिक्षकों का कहना है.
कम समय में बढता है तनाव
एक शिक्षक संगठन से संबंधित एक शिक्षक ने दैनिक अमरावती मंडल को बताया कि लगभग दो से तीन सौ उत्तर पत्रिका की जांच के लिए शिक्षकों को दस से बारह दिन की समयावधी मिलती है. मगर टपाल सेवा के माध्यम से यह उत्तर पत्रिका परीक्षकों तक पहुंचने में कभी-कभी देरी होती है. जिसके कारण इस देरी की वजह से संबंधित परीक्षकों को तनाव बढ जाता है. बहुत ही जवाबदारी से यह काम करना पडता है. एक शिक्षक को एक उत्तर पत्रिका के लिए साधारणतः लगभग 15 मिनट का समय लगता है. वही उत्तर पत्रिका भाषा विषय की रहने पर इसका समय 20 से 30 मिनट तक लग जाता है.
कई महिनो के बाद आते है ऑनलाइन पैसे
उत्तर पत्रिका को जांचने व परिणाम निकलने के बाद परिक्षकों के खाते में कई महिनों के बाद ऑनलाइन तरीके से मानधन खाते में जमा किए जाते है. यह रकम किसी शिक्षक के जेब खर्च के बराबर भी नहीं होती. इतनी मेहनत के बाद इतने दिनों में आने वाले पैसे किसी काम के नहीं रहते. ऐसा एक शिक्षक ने दैनिक अमरावती मंडल को दी जानकारी में बताया.
बाक्स
रुटीन वर्क
इस संबंध में दैनिक अमरावती मंडल ने अलग-अलग शिक्षक संगठनो के पदाधिकारी हाई स्कूल से संबंधित शिक्षकों से पुछने पर उन्होनें बताया कि हर विषय में लगने वाले अलग-अलग समय के अनुसार ही एक उत्तर पत्रिका पर लगभग ढाई रुपये से लेकर 6 रुपये तक का मानधन मिलता है. मगर यह विद्यार्थियों के जीवन से जुडा हुआ होने व समय कम रहने के कारण शिक्षक इसे अपना रुटीन काम व जिम्मेदारी मान कर पूरा करते है. जबकि राज्य शिक्षा मंडल को इस ओर ध्यान देकर शिक्षकों की मेहनत को देखते हुए दिए जाने वाले मानधन को बढाने की मांग भी जिले की कई शिक्षक संगठनों व्दारा उठाया जा रहा है.