अमरावती / दि. १३- पुरानी पेंशन योजना के लिए महाराष्ट्र में १४ मार्च को ऐलान किया जा रहा है. इस संघर्ष में शिक्षक आघाडी पूरी ताकत से साथ मैदान में उतरने वाली है. इस आंदोलन को सक्रिय समर्थन घोषित करने की बात शिक्षक आघाडी के संस्थापक अध्यक्ष व पूर्व विधायक प्रा.श्रीकांत देशपांडे ने कही. सरकारी सेवा में काम करने वाले और १ नवंबर २००५ के बाद नियुक्त हुए सभी कर्मचारियों को पुरानी सेवानिवृत्ति योजना मिलनी चाहिए. इससंबंध में किसी प्रकार से शंका निर्माण करने की जरूरत नहीं. डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर ने संविधान लिखते समय पुरानी निवृत्ति योजना का समर्थन करते हुए कहा था कि, मनुष्य अपने युवावस्था का, कर्तव्य के कई साल जनसेवा के लिए देता है. इसलिए उनके जीवन के उत्तरार्ध को संभालने की जिम्मेदारी सरकार की है. शिक्षा विभाग में कई गंभीर समस्या पुरानी निवृत्ति वेतन योजना की है. अनेकों ने अपनी शैक्षणिक पात्रता पूर्ण कर २००५ से पूर्व गैरअनुदानित शाला में नौकरी प्राप्त की है. इन शालाओं को शत प्रतिशत अनुदान २००५ के बाद आने से राज्य के २६ हजार शिक्षकों को पुरानी निवृत्ती वेतन योजना का लाभ नहीं दिया गया. जिन स्कूलों में इन शिक्षकों ने नौकरी प्राप्त की वह शाला अंशत: अथवा गैरअनुदानित थी, इसमें शिक्षकों का दोष है क्या? इन शिक्षकों का डीसीपीएस, एनपीएस और जीपीएफ खाता नहीं है. आनेवाले २ से ५ साल में शिक्षक सेवानिवृत्त होने वाले है. उनका भविष्य अंधेरे में दिख रहा है. सरकार ने इस बात को गंभीरता से लेना चाहिए. १४ मार्च को पुरानी निवृत्ती वेतन योजना के लिए महाराष्ट्र में जो यलगार होने वाला है, उसमें शिक्षक आघाडी पूरी ताकत के साथ खड़ी होंगी. इस आंदोलन को सक्रिय समर्थन है, यह घोषणा प्रा.श्रीकांत देशपांडे ने की है.