विवि की विद्यापरिषद में फिर एक बार शिक्षण मंच का दबदबा
अध्ययन मंडल, विद्यापरिषद, विद्याशाखा और संशोधन मान्यता समिती पर भी बहुमत
* 7 महिलाएं अध्ययन मंडल की अध्यक्ष बनी : एक मजबूत महिला संवर्ग की स्वीकृति
* अध्ययन मंडल पर शिक्षण मंच के 35 में से 31 अध्यक्ष चुने
अमरावती/दि.20 – संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय के 45 अभ्यास मंडल के चुनाव 1 जून से 15 जून तक सीनेट हॉल में हुए. चुनाव में 45 अध्ययन मंडलों में से 35 मंडलों के नियमित अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं. इसमें शिक्षण मंच ने 35 में से 31 अध्ययन मंडलों को अपना अध्यक्ष नियुक्त कर फिरसे निर्विवाद वर्चस्व कायम रखा. जबकि 10 अध्ययन मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष कार्यरत रहेंगे.
अध्ययन मंडल के अध्यक्ष विद्यापरिषद, विद्याशाखा और संशोधन मान्यता समिती के पदेन सदस्य हैं. इसके अतिरिक्त प्रत्येक अध्ययन मंडल ने विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 40/4 (घ ) के तहत एक मान्यता प्राप्त प्राध्यापक विद्याशाखापर नामित किया है और इसमें भी शिक्षण मंच के सदस्यों की कुल संख्या 36 के साथ बहुमत हो गया है. यांनी इसमें प्रो. डॉ ओमप्रकाश मुदे (भूगोल), प्रो. डॉ. आर. बी. भांडवलकर (अर्थशास्त्र), प्रो. डॉ. प्यारेलाल सूर्यवंशी (राजनीति विज्ञान), प्रो. डॉ. बी. एच. किर्दक (समाजशास्त्र), प्रो. डॉ. पूर्णिमा दिवसे (संगीत), प्रा. डॉ. प्रो. नीलेश तारे (अंग्रेज़ी), प्रो. डॉ. संगीता जगताप (हिंदी), प्रो डॉ. हेमंत चांडक (रसायनविज्ञान) प्रो. डॉ. विद्या शर्मा (गणित), प्रो. डॉ. गोपाल ढोकणे (भौतिकीविज्ञान), प्रो. डॉ. स्वाति शेरेकर (संगणकशास्त्र ), प्रो. डॉ. जयश्री दीपक धोटे (प्राणिशास्त्र), प्रो. डॉ. मंगेश अड़गोकर, (विज्ञान भाषा), प्रो. डॉ. श्रीकृष्ण यावले (इलेक्ट्रॉनिक्स), प्राचार्य डॉ. विजय नानोती (जैव रसायन), प्रो. डॉ. कु. तनुजा राउत (शारीरिक शिक्षा), प्रो. डॉ. सुहास पाटिल (शिक्षणशास्त्र), प्रो. डॉ. भालचंद्र देशमुख (सामाज कार्य), प्रो. डॉ. जे. डी. गुप्ता (लेखा एवं सांख्यिकी), प्रो. डॉ. अरुणा वाडेकर (व्यावसायिक अर्थशास्त्र), प्रो. डॉ. एम. एस. गायकवाड़ (व्यावसायिक व्यवस्थापन), प्रो. डॉ. संग्राम रघुवंशी (वाणिज्य) प्रो. डॉ. सी. एम. जाधव (इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग), प्रो. डॉ. पी. एम. जावंधिया (संगणकशास्त्र इंजि), प्रो. डॉ. अबरार एस. अल्वी (सूचना प्रौद्योगिकी), प्रो. डॉ. जयंत कावरे (रासायनिक प्रौद्योगिकी), प्रो. डॉ. सी. आर. पाटिल (प्रोडक्शन इंजीनियरिंग), प्रो. डॉ. प्रवीण कौटिकवार (फार्मेसी), प्रो. डॉ एस. आर. पारस्कर (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) को अध्ययन मंडल के अध्यक्ष के रूप में चुना गया.
महाराष्ट्र पब्लिक एक्ट 2016 की धारा 40 के अनुसार, अध्ययन बोर्ड के अध्यक्ष के चयन के साथ-साथ कई विशेषज्ञ सदस्य जैसे अन्य विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर, संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञ, प्रतिष्ठित शिक्षातज्ञ, पेशेवर संगठनों के प्रतिष्ठित व्यक्ति और ऐसे व्यक्ति जिनके पास विषय से संबंधित उद्योग में सलाहकार के रूप में अनुभव राहा हो उनको सभी अध्ययन मंडल की पहली बैठक में स्वीकृत सदस्यों के रूप में चुना जाता है. इस चयन के साथ ही प्रत्येक विषय समिति के अध्यक्ष संकाय के पदेन सदस्य बन गए और प्रत्येक समिति ने एक मान्यता प्राप्त संकाय सदस्य को नामित किया. ऐसे कुल 157 प्रोफेसरों और विभिन्न विशेषज्ञों अध्ययन मंडळ में सामील किया गया है. अगले पांच वर्षों के लिए शिक्षण मंच विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों जैसे अध्ययन मंडल, विद्यापरिषद, विद्याशाखा और अनुसंधान और प्रत्यायन समिति के समन्वय के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्राधिकरणों पर हावी साबित हुआ.
इस चयन प्रक्रिया में शिक्षण मंच के वरिष्ठ मार्गदर्शक प्रो. डॉ. रवींद्र कडू, प्राचार्य डॉ. दीपक धोटे के मार्गदर्शन में शिक्षण मंच के अध्यक्ष प्रो. डॉ सुनील आखरे, महासचिव प्रो. डॉ. दिनेश सातंगे और छात्र परिषद के अमरावती विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. स्वप्निल पोदार ने विश्वविद्यालय क्षेत्र के पांचों जिलों के प्राध्यापकों को अवसर देकर उत्कृष्ट समन्वय स्थापित किया है. इस सफलता में शिक्षण मंच के मार्गदर्शन मंडल, मंडल कार्यकारिणी मंडलातील प्राचार्य डॉ. डी. टी. इंगोले, प्राचार्य डॉ. एच. आर. देशमुख, प्राचार्य डॉ संजय खेरडे, महिला संवर्ग प्रमुख प्रा. डॉ. रेखा मग्गिरवार एवं सभी जिला कार्यकारिणी तथा सभी जिलों के अध्यक्ष व महासचिव प्रो. डॉ. ओमप्रकाश मुंदे, प्रो. डॉ. अरुण हरणे प्रो. डॉ. राधेश्याम चौधरी, प्रो. डॉ. अजय लाड, प्रो. डॉ. दिनेश खेडकर, प्राचार्य डॉ. प्रसाद खानझोड़े, प्रो. डॉ. चंद्रशेखर कासार, प्रो. डॉ. अनूप शर्मा, प्रो. डॉ. श्रीकृष्ण काकड़े, प्रो. डॉ. सच्चिदानंद बिच्छेवार, प्रो. डॉ. विनोद गायकवाड़, प्रो. डॉ. नीलेश तारे, प्रो. डॉ. मंगेश अडगोकर, प्रो. डॉ. संजीव ईश्वरकर, प्रो. डॉ. विलास टाले का सहयोग और समन्वय महत्वपूर्ण हो गया. इस पूरी प्रक्रिया में शिक्षण मंच और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों की अहम भूमिका रही. इस सफलता को प्राप्त करने के लिए अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ महाराष्ट्र प्रांत के अध्यक्ष प्रो. प्रदीप खेडकर और एबीवीपी विदर्भ प्रांत अध्यक्ष डॉ. नितिन गुप्ता ने सभी नवनियुक्त प्राध्यापकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी.