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ऐन चुनाव के मुहाने पर दल-बदल होगा तेज

भाजपा को हो सकता है सर्वाधिक नुकसान

* कांग्र्रेस, बसपा व एमआईएम भी होंगे प्रभावित
अमरावती/दि.8– मनपा के आगामी चुनाव हेतु घोषित की गई प्रभाग रचना के प्रारूप में काफी अधिक बदलाव होने के चलते चुनाव लडने के इच्छुकों सहित मौजूदा पार्षदों द्वारा अपने लिए सुरक्षित प्रभाग की खोजबीन शुरू की गई है. वहीं दूसरी ओर बदलते राजनीतिक परिद़ृश्य में कई मौजूदा पार्षद अपनी पुरानी पार्टी छोडकर नई पार्टी का दामन भी थामने की तैयारी में है. ऐसा चित्र साफ तौर पर दिखाई दे रहा है. ऐन चुनावी मुहाने पर होनेवाले इस दल-बदल का मनपा के मौजूदा सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी को सर्वाधिक नुकसान हो सकता है. इसके साथ ही साथ कांग्रेस, एमआईएम व बसपा में भी काफी उलट-पलट हो सकती है, ऐसी संभावना अभी से दिखाई दे रही है.
बता दें कि, पांच वर्ष पुर्व हुए मनपा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कुल 87 सीटों में से 45 सीटें जीतते हुए एकतरफा विजय हासिल की थी. उस समय राज्य और केंद्र में भाजपा की सत्ता थी. ऐसे में भाजपा के लिए स्थिति बेहद अनुकूल थी. जिसका फायदा उठाते हुए कई प्रत्याशी चुनाव जीते थे. वहीं उस चुनाव में कांग्रेस को 15, शिवसेना को 7 व बसपा को 5 सीटें प्राप्त हुई थी. साथ ही बेहद अनपेक्षित प्रदर्शन करते हुए एमआईएम ने 10 सीटेें जीतकर मनपा में अपनी ताकत दिखाई थी. उस चुनाव से राष्ट्रवादी कांग्रेस ने खुद को पूरी तरह से दूर रखा था. अत: राकांपा का मनपा चुनाव में खाता खोलने का सवाल ही नहीं उठा.
किंतु अब अमरावती शहर में राजनीतिक समीकरण बडे पैमाने पर बदल गये है. कांग्रेस से भाजपा में गये डॉ. सुनील देशमुख विगत विधानसभा चुनाव में पराजीत होने के बाद एक बार फिर कांग्रेस में लौट आये है, जब डॉ. सुनील देशमुख भाजपा में थे, तो उनके कई समर्थकों ने भाजपा में प्रवेश करने के साथ-साथ पार्टी के टिकट पर चुनाव लडकर जीता था और भाजपा के कुल 45 में से 9 नगरसेवक डॉ. सुनील देशमुख के कट्टर समर्थक है, जो अब एक बार फिर कांग्रेस में वापिस लौट सकते है. ऐसे में भाजपा को काफी बडा झटका लग सकता है.
वहीं दूसरी ओर खुद कांग्रेस में भी फुट पडने के पूरे आसार दिखाई दे रहे है. विगत चुनाव में कांग्रेस ने 15 सीटों पर चुनाव जीता था. किंतु इनमें से तीन नगरसेवकों ने अब राष्ट्रवादी कांग्रेस का रास्ता पकड लिया है. इसके अलावा कांग्रेस के जिन मौजूदा पार्षदों को इस बार टिकट मिलने की उम्मीद नहीं है, वे भी पाला बदलने की तैयारी में है. हालांकि इस बार कांग्रेस नेताओं को पूरा विश्वास है कि, चुनाव के बाद मनपा की सत्ता कांग्रेस को मिलनेवाली है और पार्टी द्वारा यह चुनाव जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर के नेतृत्व में लडा जायेगा.
धर दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी व एमआईएम ने भी फूट पडने के पूरे आसार दिखाई दे रहे है. विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक बसपा के 2 तथा एमआईएम के 4 से 5 पार्षद ऐन समय पर पाला बदलकर किसी अन्य पार्टी में प्रवेश कर सकते है. ऐसे में फिलहाल सभी की निगाहें तेजी से बदल रहे राजनीतिक समीकरणोें की ओर लगी हुई है.

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