अमरावती

उपोषणकर्ता महिला के आंखो से झलके आंसु

लिखित आश्वासन के बाद छुडाया अनशन

चांदुर रेल्वे/दि.06– 2 अक्टुबर गांधी जयंती से एक महिला ने अपने दो छोटे बच्चों के साथ नगर परिषद के सामने उपोषण की शुरूआत की थी. उपोषण के तिसरे दिन ही महिला की हालत चिंताजनक हो गयी थी. गुरुवार को नगरपरिषद प्रशासन को ध्यान दिलाने के लिए शासकीय नौकरी सफाई कामगार इस पद पर नियुक्ती संदर्भ में कुछ त्रुटी है उस त्रुटी को एक महिना पूर्तता कर वह त्रुटी डी आर एम मुंबई में भेज कर जल्द ही कार्रवाई करने के लिखित आश्वासन के बाद महिला का अनशन छुया गया. तब महिला के आंखो से आंसु झलक पडे. इस समय नप मुख्याधिकारी डॉ. विकास खंडारे, सफाई कर्मचारी संगठन के जयसिंग कछवाह, राज्य महामंत्री अ.भा. स.म.का. गणेश तंबोली, विभागीय अध्यक्ष किशोर धमने, महामंत्री रवि करोसिया. हरिदास वयस, कुंदन चौहान आदि उपस्थित थे.

मां की खाली हुई जगह पर वारिस के रुप में सफाई कर्मचारी के तौर पर नौकरी देने की मांग करते हुए आरती अजय मटके नामक महिला नप के सामन अनशन पर बैठी थी. आरती मटके के साथ ही उनकी दो पुत्रियां वैष्णवी(14), वंशिका मटके (8) यह दोनों बच्चियां भी अनशन पर बैठी थी. आरती की मां लता राजू इमले सफाई कर्मचारी के रुप में नगरपालिका में सेवारत थी. लता इमले ने नप को सेवा के 20 वर्ष पुर्ण होने पर सेवा निवृत्ती ले ली थी. जिसके बाद नप प्रशासन ने किसी भी प्रकार की जांच किए बिना सर्विस बुक न देखते हुए 13 अक्टुबर 2017 को नप आमसभा में वारिस को नौकरी देने संबंधी चर्चा न करते हुए नप प्रशासन ने सेवानिवृत्ती दे दी. मां की रिक्त जगह पर लाड समिती की शिफारिश के अनुसार वारस के रुप में लता की बेटी आरटी मटके ने नप में सफाई कर्मचारी पद पर नियुक्ती मिलने के लिए आवेदन किया. जिस पर चांदूर रेल्वे नप ने 26 नवंबर 2018 को पत्र देकर आवश्यक दस्तावेज जमा कराने कहा. जिसके बाद अचानक नप ने लता से कहा कि तुम्हारी सेवा को 20 वर्ष पुरे न होने के कारण आपके वारिस के रुप में किसी को नौकरी में समावेश नहीं किया जा सकता है. जिसके बाद कई बार नप को पत्र व्यवाहर करने के बावजूद किसी तरह की कोई दखल नहीं लेने व नौकरी पर नही रखने के चलते आरती मटके ने अनशन का रास्ता अपनाया. जिसे गुरुवार को नप ने लिखित आश्वासन देने के बाद आरती ने अपना अनशन वापस लिया.

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