दुपहिया में अचानक ही होता है तकनीकी बिगाड
पेट्रोल में इथेनॉल के ज्यादा मिश्रण की चर्चा
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* वाहन चालकों को हो रहा नाहक मन:स्ताप
अमरावती/दि.13– विगत कुछ दिनों से दुपहिया वाहनों सहित चारपहिया वाहनों के सडक पर चलते समय अचानक ही बिगडकर बंद हो जाने की घटनाएं शहर सहित जिले में घटित हो रही है. जिनसे वाहन चालक बुरी तरह त्रस्त हो गए है. साथ ही इसे लेकर चर्चा चल रही है कि, पेट्रोल में इथेनॉल का प्रमाण बढ जाने की वजह से यह समस्या पैदा हो रही है.
इस संदर्भ में मिल रही शिकायतों के मुताबिक विगत कुछ दिनों से शहर सहित जिले में सडकों पर चलनेवाले दुपहिया व चारपहिया वाहन अचानक ही बंद पड रहे है. साथ ही कभी-कभी वाहनों की बढी हुई रफ्तार ही कम नहीं होती. जिसकी वजह से सडक हादसे घटित होने की संभावना भी बनी रहती है. सडक पर चलते समय अचानक ही बंद पड जानेवाले वाहनों को दुरुस्ती हेतु मेकॅनिक के पास ले जाने पर 150 से 200 रुपए का फटका बैठता भी है. इस बारे में मेकॅनिकों से पूछताछ करने पर पता चला कि, पेट्रोल में इथेनॉल का प्रयोग बढ जाने के चलते कार्बोरेटर के स्लाईड में या इंजन के वॉल्व में चिकनाई बन जाती है. जिससे यह समस्या पैदा होती है. वहीं दूसरी ओर उष्णता की वजह से इथेनॉल का वाष्पीकरण तैयार होकर कार्बोरेटर में जमा होता है. जिससे वाहन अचानक ही बंद पड जाते है.
पता चला है कि, जिले के कुछ पेट्रोल पंपो को कंपनी की ओर से की गई इंधन आपूर्ति की वजह से यह समस्या निर्माण हुई है. जिसके चलते कई राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों ने आपूर्ति विभाग के अधिकारियों से इसकी शिकायत करते हुए मामले की जांच करने को लेकर मांग उठाई है.
* मेकॅनिक का जुगाड, पर स्थायी समाधान नहीं
वाहनों में कोई भी बिगाड आ जाने पर मेकॅनिक द्वारा ऐसे दुपहिया वाहनों को सुधारणे हेतु कार्बोरेटर के उपरी ढक्कन को खोलता है और उंगली से घिसकर उसमें जमा रहनेवाले कार्बन को बाहर निकाल देता है. परंतु यह इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं है.
* इथेनॉल का बढता प्रमाण
पहले पेट्रोल में केवल 10 फीसद इथेनॉल का मिश्रण किया जाता था. परंतु अब सरकार की सम्मति से 20 फीसद इथेनॉल का मिश्रण कर पेट्रोल की बिक्री की जा रही है. यद्यपि पेट्रोल में इथेनॉल का प्रमाण बढ रहा है, लेकिन पेट्रोल के दाम जस के तस है.
* इथेनॉल की वजह से दुपहिया की कार्यक्षमता प्रभावित
– सन 2025 से पेट्रोल में 20 फीसद इथेनॉल मिश्रीत करने की राष्ट्रीय नीति अमल में लाई जा रही है. परंतु यह दुपहिया व चारपहिया वाहनों के सुचारु रुप से चलने में सिरदर्द साबित हो रही है और वाहन चालकों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड रहा है.
– वाहन के तुरंत शुरु नहीं होने, इंजन की गति व शक्ति के कमजोर पडने, वाहन के अचानक रेस पकडने व कार्बोरेटर में कार्बन बनने जैसी समस्याएं काफी बढ गई है, ऐसी जानकारी वाहनधारकों सहित खुद वाहन दुरुस्त करनेवाले मेकॅनिकों द्वारा दी गई है.
– ई-20 नाम से पेट्रोल में 20 फीसद इथेनॉल मिश्रीत करने की नीति पर अमल करना शुरु किया गया है. जिसके चलते इथेनॉल की निर्मिती करनेवाले शक्कर कारखानों सहित गन्ना उत्पादक किसानों की जेब में दो पैसे अतिरिक्त जा रहे है. साथ ही वातावरण में कार्बन का प्रमाण भी घटा है. परंतु दुपहिया चालकों की समस्या बढ गई है.