‘तेग बहादर के चलत भयो जगत को सोक……’
शहीदी गुरुपूरब पर गुुरुद्वारा श्री गुरुसिंघ सभा में कीर्तन दीवान सहित अनेक कार्यक्रम
अमरावती / दि. २८– राजापेठ, बुटी प्लॉट स्थित गुरुद्वारा श्री गुरुसिंघ सभा में नौवें सिख गुरु गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. गुरु तेग बहादुर नौवें सिख गुरु थे और सिख धर्म के संस्थापकों में से एक थे. हर साल उनके शहादत दिवस पर भारत समेत दुनियाभर में लोग उनकी कुर्बानियों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है. ‘तेग बहादर के चलत भयो जगत को सोक, है है है सब जग भयो जय जय जय सुरलोक, प्रस्तुत कर गुरु तेग बहादुर की शहादत को याद किया गया. उन्होंने हिंद धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए, इसलिए गुरु तेग बहादुर को ‘हिंद की चादर’ कहा जाता है. धन धन श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का शहीदी गुरुपूरब
बड़े ही मान और श्रद्धा मानवता के साथ गुरुद्वारा श्री गुरु सिंग सभा बूटी प्लॉट अमरावती में आज मनाया गया. सोमवार की सुबह ८ बजे श्री सुखमणि साहिब जी दा पाठ हुआ. ९ बजे कीर्तन दीवान में भाई भूपिंदर सिंग जी हजूरी जत्था अमरावती, १० बजे जगाधरी वाले भाई रोहताश सिंह जी कीर्तन दीवान से संगत को निहाल किया. सुबह ११ बजे कीर्तन समाप्ति हुई. उपरांत गुरु दा लंगर हुआ. विश्व इतिहास में धर्म एवं मानवीय मूल्यों, आदर्शों एवं सिद्धान्त की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वालों में गुरु तेग बहादुर साहब का स्थान अद्वितीय है. उनके शहीद गुरुपुरब पर गुरुद्वारा श्री गुरुसिंह सभा में आयोजित कार्यक्रम में गुरविंदर सिंह बेदी, राजेंद्र सिंह सलूजा, डॉ. निक्कू खालसा, अमरजोत सिंह जग्गी, दिलीप सिंह बग्गा, रविंद्र सिंह सलूजा, सतपाल सिंह बग्गा, रतनदीप सिंघ बग्गा, जगदीश लाल छाबड़ा, मनजीत सिंह होरा, हिमिंद्र सिंह पोपली, नरेंद्र पाल सिंह अरोरा, अजिंदर सिंह मोंगा, राज सिंह छाबड़ा,रविंद्रपाल सिंह अरोरा, भूपिंदर सिंह सलूजा, तेजिंदर सिंह उपवेजा, गुरविंदर सिंघ नंदा, अमरजीत सिंह जुनेजा, गुरविंदर सिंग मोंगा, हरविंदर सिंग राजपूत, शरणपाल सिंह अरोरा, हरबक्ष सिंह उबवेजा, जगविंदर सिंह सलूजा, देवेंद्र सिंह बग्गा, मनप्रीत सिंह होरा, नमन सिंह सलूजा, राजेंद्र सिंग अरोरा, सिफत सिंग अरोरा, टीटू अरोरा, इंद्रपाल सिंह मोंगा, प्रितपाल सिंह मोंगा, हरदीप सिंह सलूजा, हरप्रीत सिंग गांधी, गुरप्रीत सिंह नंदा, परिमेंद्र सिंह साहनी, सतविंदर सिंग लोटे, कुलबीर सिंह अरोरा , श्लोक हुडा, सिमर सिंग बग्गा , वकील सिंह, विशाल सिंह हरीश तोलानी, यशपाल सलूजा, गिरीश सवाल, राजा परवानी, विवेक जाजू, हसमत राय जी, मोहन खत्री, तरनजीत अलसिंघानिया, प्रवीण नथानी, सतपाल सिंह, सुमित सिंह, माता शानी पोपली, माता खालसा आंटी, रमी कौर बेदी, सुरजीत कौर सलूजा, अनीता कौर ओवेजा, मिनी कौर अरोरा, दीपी बग्गा, पुष्पाल बग्गा, निक्की अरोरा, रानी सलूजा, स्वीटी सलूजा, लड़ी सलूजा, कमल कौर मोंगा , अमृत कौर जुनेजा, मनप्रीत कौर सलूजा, मनजीत नंदा,कवलजीत कौर नंदा, शानो कौर मोंगा, गुंजन कौर छाबड़ा, शीना कौर, अंजू कौर मोंगा, डॉली कौर नंदा परिवार, खत्री परिवार, रोमा चेलानी, बत्रा परिवार, हरवानी परिवार उपस्थित थे.