* राजस्थानी युवक-युवती वैवाहिक परिचय सम्मेलन संपन्न
अमरावती/ दि. 26-हितकारक मंडल ने विवाह की बढती समस्या को ध्यान में रखकर राजस्थानी घटक समाज में बेटा-बेटी व्यवहार शुरू करने का विचार रखकर यह दूसरा परिचय सम्मेलन आयोजित किया. अगले चरण में तहसील से तहसील स्तर के वैवाहिक रिश्ते जोडने का प्रयत्न हितकारक मंडल द्बारा किए जाने की घोषणा अध्यक्ष अनिल जु. अग्रवाल ने किया. वे बडनेरा रोड स्थित महेश भवन में स्व. चिरोंजीलाल माधोलाल अग्रवाल स्मृति अ.भा. राजस्थानी युवक-युवती वैवाहिक परिचय सम्मेलन के समापन समारोह में बोल रहे थे. मंच पर महेश सेवा समिति के अध्यक्ष और शहर के सुप्रसिध्द समाजसेवी एड आर. बी. अटल मुख्य अतिथि के रूप में विराजमान थे. उसी प्रकार सम्मेलन के संयोजक तथा माहेश्वरी पंचायत सरपंच प्रा. जगदीश कलंत्री, सचिव रामेश्वर गग्गड, पूर्व सम्मेलन के संयोजक कमलकिशोर मालानी और अन्य मान्यवर तथा पदाधिकारी उपस्थित थे.
* परिणय की बात मात्र से चिंता
अग्रवाल ने बतलाया कि किस तरह टीवी सीरियल्स के कारण राजस्थानी संयुक्त परिवार परंपरा को आघात पहुंचा और कालांतर में बेटा-बेटी के विवाह की बडी समस्या पैदा हुई. उन्होंने कहा कि पहले संयुक्त परिवार व्यवस्था में घर की किसी भी संतान के रिश्ते की चर्चा चलते ही हर्ष का वातावरण रहता. आज विपरीत परिस्थिति उपजी है. बेटा-बेटी के संबंध की बात छेडते ही माता-पिता के माथे पर बल पड जाते है. गांव छोटा हो, परिवार बडा हो तो संबंधों में बाधा पैदा होने लगी. उन्होंने कहा कि विवाह की समस्या को ध्यान में रखकर ही हितकारक मंडल ने चार वर्ष पहले निर्णय लेकर समस्त राजस्थानी समाज में आपस में बेटी व्यवहार को बढावा देने की सोच रखी. खुशी है कि इस विचार को भारत भर में व्यापक समर्थन मिला है. आज 6 प्रदेशों से 400 के करीब अभिभावक अपने पुत्र-पुत्री को लेकर पधारे हैं. परिचय तो हुआ है. संबंध बाद की बात है. हितकारक मंडल की बडी सफलता है कि घटक समाज में विवाह करने के लिए लोग राजी होने लगे हैं.
* 80 प्रतिशत उच्च शिक्षित
हितकारक मंडल के सबसे युवा अध्यक्ष अग्रवाल ने सम्मेलन में पधारे युवक-युवती की सुशिक्षित होने का ब्यौरा भी उपस्थितों के साथ साझा किया. जिसके मुताबिक लडका हो या लडकी 80 प्रतिशत से अधिक प्रत्याशी स्नातक या स्नातकोत्तर हैं. उनमें चिकित्सक, इंजीनियर, पीएचडी, एमबीए तक शिक्षित और लाखों रूपए प्रतिमाह कमाने वाले भी हैं.
* हितकारक मंडल की शाखाएं
अध्यक्ष ने सम्मेलन में पधारे अतिथियों से हुई चर्चा और पहल के बारे में भी बात की. अग्रवाल ने कहा कि राजस्थानी हितकारक मंडल ऐसे किसी आयोजन के लिए विदर्भ या आसपास के किसी भी नगर में श्रमदान और उचित सहकार्य के लिए तैयार है. ऐसे ही उन्होंने हितकारक मंडल की कस्बा, नगर, शहर में शाखा खोलने पर भी विचार करने की बात कही.
* तीन माह में बडी परिचय पुस्तिका
अध्यक्ष अग्रवाल ने परिचय पुस्तिका की देशव्यापी डिमांड को देखते हुए तीन माह के अंदर बडी ढाई हजार प्रत्याशियों के बायोडाटा युक्त परिचय पुस्तिका प्रकाशन की घोषणा कर दी. इसके लिए मौजूदा पुस्तिका के बेहतरीन कार्य करनेवाले चारों युवको मनीष खंडेलवाल, साहिल खंडेलवाल, विश्वजीत लढ्ढा, आकाश गग्गड को दायित्व देने का भी सभी की करतल ध्वनि के बीच एलान कर दिया.
* मेहमान दिखे सकारात्मक- सोजतिया
अपने सिटी न्यूज चैनल के माध्यम से परिचय सम्मेलन का लाइव प्रसारण तथा आए हुए अतिथियों का मनोगत लेने वाले मंडल के उपाध्यक्ष डॉ. चंदू सोजतिया ने कहा कि उन्होंने अमरावती पधारे इंदौर, भोपाल, नागपुर और अन्य स्थानों के अतिथियों की प्रतिक्रिया ली तो सभी इस आयोजन को लेकर सकारात्मक दिखाई दिए. अपितु अनेक ने आयोजन की व्यवस्था और विचार की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि घटक समाज में रिश्ते को लेकर अधिकांश लोग सहमत नजर आए.
* 20 प्रतिशत घटक समाज में ब्याह को तैयार
सम्मेलन में मंत्रणा समिति का दायित्व संभाल रहे प्रा. मुकेश लोहिया ने कहा कि घटक समाज में ब्याह के लिए 20 प्रतिशत युवक-युवती और उनके परिजन तैयार दिखे. उन्होंने अनेक लडके-लडकियों और उनके अभिभावकों से मंत्रणा करवाई. प्रा. लोहिया ने कहा कि राजस्थानी समाज बेसीकली बुध्दिमान है. घटक समाज में विवाह होने पर आनेवाली पीढी सुदृंढ, इंटेलीजेंट और संस्कारी पैदा होगी.
* संयोजक प्रा. कलंत्री ने जीता दिल
संयोजक प्रा. जगदीश कलंत्री ने सफल आयोजन के लिए योगदान करनेवाले सभी के प्रति विनम्र आभार व्यक्त किया. उनकी साफगोई और विनम्रता उपस्थितों को छू गई.
* योगदान करनेवालों का स्नेहिल सत्कार
आयोजन को सफल सार्थक करनेवाले मंडल के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं का सुंदर स्मृतिचिन्ह देकर मान्यवरों के हस्ते स्नेहपूर्ण सत्कार राठी सभागार में तालियों की गडगडाहट के बीच किया गया. उनमें सर्वश्री सुरेश साबू, उमेश चांडक, रेशु खंडेलवाल, संजय खंडेलवाल, राधिका अटल, किरण मुंधडा, विशाल राठी, भरत चिरानिया, रामप्रकाश गिल्डा, सीताराम राठी, प्रा. गिरीश डागा, एड. नंदकिशोर कलंत्री, किशोर मोहता, भाया मालपाणी, सुरेश रतावा, मनीष खंडेलवाल, विश्वजीत लढ्ढा, आकाश गग्गड, अनिल मित्तल, सुनील अग्रवाल, संजय आंचलिया, सरिता गोयनका, पूजा जोशी, सारिका पसारी, प्रवीण नावंदर आदि अनेक का समावेश रहा. आभार सचिव रामेश्वर गग्गड ने व्यक्त किया. समारोह में शहर के गणमान्य उपस्थित थे. उनमें मनोज खंडेलवाल, विजय खंडेलवाल भाईजी, डॉ. खेतान, संजय राठी, नितीन सारडा, संजय नांगलिया, बालकिसन पांडे, बंकटलाल राठी, राधेश्याम चांडक, रमेश मुरके, जुगलकिशोर गट्टानी, श्रीकिसन व्यास, अशोक जैन धोका, जीवन मुंदडा, दिनेश डागा, प्रकाश काकाणी, गोपाल राठी सायत, अनिल श्रावगी कपबशी, श्याम शर्मा, विजय अग्रवाल मामा, युवामंडल अध्यक्ष अमित मंत्री, शिल्पी मंत्री, वीरेन्द्र शर्मा, डॉ. राजेश चांडक, नंदकिशोर भुतडा, रामप्रकाश गिल्डा, एड. गोपाल बजाज, विनोद राठी, महिला अध्यक्षा उर्मिला कलंत्री, उमा व्यास, अक्षय राठी, हेमंत राठी, जीतेश जाखोटिया, खुशाल जोशी, नरेश तिवारी, उमेश चांडक, मुकेश छागाणी, प्रा. मनीष कटारिया, दीपक धामोरिया सहित बडी संख्या में महिला वर्ग और पदाधिकारी- कार्यकर्ताओं की उत्साहपूर्ण उपस्थिति रही.
* सम्मेलन हेतु महेश भवन सदैव खुला
समारोह के मुख्य अतिथि एड. आर. बी. अटल ने आयोजन की भूरि-भूरि प्रशंसा कर कहा कि ऐसे राजस्थानी समाज के सम्मेलन हेतु महेश भवन सदैव उपलब्ध रहेगा. अटल जी की इस घोषणा का सभागार ने तालियां बजाकर स्वागत किया. उन्होंने कहा कि वे शनिवार को उद्घाटन समारोह में आने की कोशिश कर रहे थे. आखिर अंतिम पडाव में वे इस कार्यक्रम की सुगंध के कारण पहुंचे है. कार्य ही इतना सुंदर है कि वह सुवासित होगा ही. उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन से आपसी मेलजोल बढता है. यह मेलजोल बडा उपयोगी होता है.