वेकोली की 31 याचिका रद्द की
नागपुर-दि.21 महाराष्ट्र जमीन राजस्व संहिता की धारा 155 नुसार सक्षम प्राधिकारी राजस्व अभिलेख में कभी भी सुधारना कर सकते है. इन अधिकारियों के उपयोग पर कोई भी मर्यादा लागू नहीं की गई. ऐसा महत्वपूर्ण निर्णय मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ के न्यायमूर्ति मनीष पितले ने एक मामले में दिया.
राजस्व अभिलेख में आवश्यक सुधारना करने से पूर्व संबंधित पार्टियों को नोटिस जारी करना और सुनवाई के लिए अवसर देना जरूरी है. ऐसा भी निर्णय में स्पष्ट किया गया है. वेकोलि ने कोयला खान शुरू करने के लिए कामठी तहसील में सैकडों एकड जमीन संपादित की है. उस जमीन का अधिकार भी वेकोलि को मिला है. यह कार्रवाई की गई. उस समय राजस्व अभिलेख में इस जमीन का उपजाउ श्रेणी में समावेश था.
इस दौरान यह पंजीयन गलत होने का दिखाई देने के कारण मूल जमीन मालक राजस्व अभिलेख में सुधार करने के लिए कामठी तहसीलदार के पास आवेदन प्रस्तुत किया. उसके बाद तहसीलदार ने वेकोली को नोटिस देकर उनकी समस्या सुनी तथा तलाठी द्बारा जमीन का निरीक्षण भी किया और सभी बातों को विचार में लेकर 9 जनवरी 2020को संबंधित जमीन का नमी श्रेणी में समावेश करने का आदेश जारी किया.वेकोलि ने इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में 31 याचिका दर्ज की थी.