अमरावतीमहाराष्ट्र

कुरल पूर्णा में मंदिर महासंघ का सम्मेलन सफल

मंदिर प्रशासन को होना होगा संस्था साक्षर

* एड. रमणजी जायस्वाल का आवाहन
कुरल पूर्णा /दि. 3– श्री भगवान पुरी महाराज संस्थान में रविवार को महाराष्ट्र मंदिर महासंघ द्वारा आयोजित मंदिर विश्वस्तों की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में चांदूर बाजार, अचलपुर एवं आसपास के क्षेत्रों के 150 से अधिक विश्वस्तों ने भाग लिया. बैठक में अधिवक्ता रमणजी जयस्वाल ने उपस्थितों को मार्गदर्शन देते हुए मंदिरों की भूमि, संपत्ति एवं प्रबंधन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि, अनेक स्थानों पर मंदिरों की बहुमूल्य भूमि औने-पौने दामों में बेची जा रही है, दूसरों के नाम पर हस्तांतरित की जा रही है या अवैध रूप से कब्जाई जा रही है. ये सभी घटनाएं अत्यंत गंभीर हैं और हिंदू मंदिरों पर बड़े आघात हैं. इसलिए मंदिर विश्वस्तों को इस बारे में जागरूक होना आवश्यक है. प्रत्येक विश्वस्त को अपने मंदिर की संपूर्ण दस्तावेजी जानकारी सुव्यवस्थित रूप से रखनी चाहिए. धर्मदाय आयुक्त कार्यालय और राजस्व विभाग से मंदिर से संबंधित सभी आधिकारिक दस्तावेज प्राप्त कर उनकी प्रमाणित प्रतियां संग्रहित करनी चाहिए. साथ ही, 50-70 वर्ष पूर्व दान में प्राप्त भूमि का टेनन्सी एक्ट के तहत एक्झमशन सर्टिफिकेट अवश्य प्राप्त करना चाहिए. उन्होंने मंदिर प्रशासन में आंतरिक राजनीति एवं विवादों से बचने का आग्रह किया और मंदिरों की प्रगति के लिए एकजुट होकर कार्य करने का महत्व समझाया. मंदिरों से जुड़े न्यायिक मामलों के लिए ऐसे अधिवक्ताओं का ही चयन करना चाहिए, जिन्हें मंदिर संबंधी न्यायिक मामलों का अनुभव हो.
बैठक की शुरुआत श्री विठ्ठल-रुक्मिणी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण कर की गई. इस बैठक में मंदिर महासंघ के राज्य पदाधिकारी श्री अनुप जयस्वाल, अधिवक्ता रमणजी जयस्वाल, लक्ष्मीनारायण संस्थान अचलपुर एवं मंदिर महासंघ के श्री अशोकजी खंडेलवाल, महाराष्ट्र मंदिर महासंघ अकोला के प्रतिनिधि श्री संजयजी बकाल, श्री भगवान पुरी महाराज संस्थान के अध्यक्ष श्री गजाननजी चिठोरे, उपाध्यक्ष श्री गजाननराव मोहोड, सचिव श्री अमोल वासनकर, हिंदू जनजागृति समिति के श्री प्रदीप गर्गे, महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के अमरावती जिला संयोजक एवं पिंगला देवी मंदिर संस्थान के अध्यक्ष श्री विनीतजी पाखोडे सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे. हिंदू जनजागृति समिति की रणरागिणी शाखा की सौ. अनुभूति टवलारे ने मंदिर महासंघ के कार्यों एवं धर्म शिक्षा के विषय में मार्गदर्शन किया. श्री अनुपजी जयस्वाल ने तीर्थक्षेत्र विकास निधि एवं एंटी लैंड ग्रैबिंग कानून पर जानकारी दी. बैठक में आगामी 9 मार्च 2025 को श्री मारुति महाराज संस्थान, जहागीरपुर में आयोजित होने वाले महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के जिला स्तरीय अधिवेशन की जानकारी भी विश्वस्तों को दी गई.

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