कोविड मृतकों हेतु शहर से बाहर अस्थायी श्मशान भूमि बनायी जाये
विधायक रवि राणा ने सौंपा जिलाधीश को निवेदन
अमरावती/दि.21- शंकर नगर जैसी रिहायशी बस्ति में स्थित हिंदू श्मशान भूमि में कोविड संक्रमण की वजह से मृत हुए मरीजों के पार्थिव देहों पर अंतिम संस्कार करते समय हवा में उडनेवाले धुएं और राख के सूक्ष्म कणों से इस परिवार में कोविड संक्रमण फैलने का खतरा बढ सकता है. यहीं खतरा हिंदू मोक्षधाम तथा विलास नगर श्मशान भूमि के आसपास स्थित रिहायशी बस्तियों के लिए भी है. अत: कोविड संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार हेतु शहर से कम से कम 10 किमी की दूरी पर स्थित किसी सूनसान स्थान पर सरकारी भूमि पर अस्थायी तौर पर श्मशान भूमि तैयार की जाये और वहां पर कोविड संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार किया जाये. इस आशय की मांग बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रवि राणा द्वारा गत रोज जिलाधीश को सौंपे गये निवेदन में की है.
उल्लेखनीय है कि, विगत कुछ दिनों से जहां एक ओर कोविड संक्रमण की वजह से रोजाना कई मरीजों की मौत हो रही है. जिनके पार्थिव देहों को अंतिम संस्कार हेतु हिंदू मोक्षधाम में लाया जा रहा है. साथ ही इस मोक्षधाम में शहर के अलग-अलग इलाकों में सामान्य व प्राकृतिक वजहों के चलते मृत होनेवाले लोगों के पार्थिव भी अंतिम संस्कार के लिए लाये जाते है. ऐसे में हिंदू मोक्षधाम में अंतिम संस्कार के लिए साधन और जगह कम पडने लगे है. इस विषय को लेकर विगत 16 अप्रैल को दैनिक अमरावती मंडल द्वारा विस्तृत खबर भी प्रकाशित की गई थी. जिसके बाद जिला प्रशासन व मनपा द्वारा विलास नगर, शंकर नगर व फ्रेजरपुरा स्थित श्मशान भूमियों में कोविड संक्रमित मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया. पश्चात विधायक रवि राणा ने जिलाधीश शैलेश नवाल से मुलाकात करते हुए शंकर नगर स्थित श्मशान भूमि के संदर्भ में परिसरवासियों की समस्या सामने रखी. साथ ही कहा कि, शहर के रिहायशी इलाकों में स्थित किसी भी श्मशान भूमि में कोरोना संक्रमित मृतदेहों का अंतिम संस्कार न किया जाये. बल्कि इस हेतु शहर से 10 किमी दूर निर्जन परिसर में सरकारी जगह पर अस्थायी श्मशान भूमि की पर्यायी व्यवस्था की जाये.
जिलाधीश को सौंपे गये निवेदन में विधायक रवि राणा ने कहा कि, कोरोना से मृत हुए मरीजों का अंतिम संस्कार करते समय गैस शवदाहिनी में मृतदेह के साथ पीपीई कीट को भी जला दिया जाता है. इससे निकलनेवाले धुए व राख के कणों की वजह से कोविड संक्रमण फैलने का खतरा होता है. ऐसे में श्मशान भूमि के आसपास रहनेवाले लोगों में भय और संताप की लहर है. अत: शहर की रिहायशी बस्तियों के बीच रहनेवाली श्मशान भूमियों में कोविड संक्रमित मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार ना किया जाये.
- विधायक रवि राणा द्वारा की गई मांग के अनुरूप शहर से बाहर सरकारी जमीन की खोज की जायेगी और वहां पर श्मशान भूमि के लिहाज से सभी सुविधाओं का नियोजन होने पर वहां कोविड संक्रमित मृतदेहों का अंतिम संस्कार किया जायेगा.
– शैलेश नवाल
जिलाधीश, अमरावती.