* हडताल के दौरान एक माह तक दी थी ठेका नियुक्त चालकों ने सेवा
अमरावती/दि.14- राज्य परिवहन निगम को सरकारी सेवा में शामिल किये जाने की मांग को लेकर एसटी कर्मियों द्वारा शुरू की गई हडताल करीब साढे पांच माह तक चली. जिसकी वजह से रापनि की बस सेवा इस समय पूरी तरह से ठप्प हो गई थी. हालांकि इस दौरान सरकार एवं रापनि प्रशासन द्वारा कई बार रापनि कर्मियों को हडताल खत्म कर काम पर वापिस लौट आने का आवाहन किया गया था. किंतु अधिकांश एसटी बस चालक व वाहक हडताल पर ही अडे हुए थे. ऐसे में रापनि ने विभिन्न मार्गों पर अपनी बस सेवा को बहाल करने के लिए अस्थायी तौर पर ठेका नियुक्त चालकों की सेवा लेनी शुरू की थी. परंतु अब रापनि कर्मियों द्वारा अपनी हडताल को खत्म कर दिया है और रापनि के सभी बस चालक व वाहक काम पर लौट आये है. ऐसे में हडताल काल के दौरान करीब एक माह तक रापनि को अपनी सेवा देनेवाले ठेका नियुक्त बस चालकों को काम से हटाया जा रहा है. जिसके चलते इन बस चालकोें के समक्ष एक बार फिर बेरोजगार होने का खतरा मंडरा रहा है.
* एक माह तक किया काम
सभी एसटी कर्मचारियों द्वारा की गई हडताल करीब साढे पांच माह तक चली और इस दौरान बार-बार आवाहन करने के बाद भी रापनि कर्मी, विशेषकर चालक व वाहक हडताल खत्म करने के मुड में नहीं थे. ऐसे में अपनी बस सेवा बहाल करने हेतु रापनि के अमरावती विभाग द्वारा मार्च माह में 75 बस चालकों को एक एजेन्सी के जरिये रापनि की सेवा में लिया गया. लेकिन विगत 22 अप्रैल को रापनि कर्मियों की हडताल खत्म हो गयी और अब सभी बस चालक व वाहक काम पर लौट आये है. ऐसे में रापनि को अब इन ठेका नियुक्त व अस्थायी कर्मचारियों की जरूरत नहीं बची. जिसकी वजह से अब इन ठेका नियुक्त कर्मचारियों को एक माह की सेवा पश्चात काम से हटाया जा रहा है.
* 21 हजार रूपये के मानधन पर हुई थी नियुक्ति
अस्थायी तौर पर रापनि की सेवा में लिये गये इन ठेका नियुक्त कर्मचारियों के लिए 21 हजार रूपये का मानधन तय किया गया था और अमरावती जिले के आठों आगारों में इस मानधन पर करीब 75 चालकों की नियुक्ति निजी एजेन्सी के जरिये की गई थी. इस दौरान किसी अस्थायी वाहक की नियुक्ति करने की जरूरत महसूस नहीं हुई.
* हमारे लिए हडताल अच्छी थी
हडताल के दौरान रापनि की सेवा में अस्थायी तौर पर नियुक्त किये गये और अब काम से हटाये जा रहे कुछ बस चालकों के मुताबिक उनके लिए रापनि कर्मियों की हडताल अच्छी थी, क्योंकि इस दौरान उन्हें काम और रोजगार हासिल हो रहा था. वहीें अब हडताल खत्म हो जाने के चलते उनके हाथ से काम चला गया है. साथ ही इन चालकोें का यह भी कहना रहा कि, आगे चलकर भी उन्हें कहीं न कहीं कोई काम मिल ही जायेगा, लेकिन उन्हें हमेशा इस बात का समाधान भी रहेगा कि, उन्होंने एक माह तक रापनि की सेवा में रहते हुए सर्वसामान्य यात्रियों को अपनी सेवा प्रदान की. इसके अलावा कई चालकों का यह भी कहना रहा कि, अगर उन्हें भविष्य में दोबारा मौका मिलता है, तो वे फिर से रापनि की बसों को खुशी-खुशी चलाने के लिए तैयार है.
* 277 बसें हुई शुरू
अब अमरावती विभाग में रापनि के सभी कर्मचारी काम पर लौट आये है और इस समय जिले के आठ आगारों में 366 में से 277 बसें शुरू है. ग्रामीण क्षेत्र में भी पूरी क्षमता के साथ बसों को शुरू करने का नियोजन किया गया है, लेकिन फिलहाल पर्याप्त गाडिया नहीं है. पर्याप्त संख्या में बसें उपलब्ध होते ही सभी रूटों पर रापनि की बस सेवा को शुरू कर दिया जायेगा.
– श्रीकांत गभणे
विभाग नियंत्रक, रापनि अमरावती.