अमरावती/दि.29- दसलक्षण महापर्व कहे या पर्यूषण महापर्व. जैन धर्म का पर्वाधिराज है. जैन समाज में श्रद्धा और उल्लास से मनाया जाता है. इस पर्व में त्याग, तपस्या की साधना होती है. श्री 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन परवार मंदिर के बच्चों, युवकों ने उपवास की साधना की. उनमें बादल जैन, सजल जैन, लिखित जैन, मिहिर जैन, अर्पण कलमकर, चेतना जैन, नयनसी जैन, यशिका जैन, कशिश जैन, प्रियंका, आभा, लिखिता, रिया, तनवी, आरुषी, तूलिका जैन, अमिता जैन, डाली सिंघई, सोनल सिंघई, दीप्ती जैन, नीलिमा जैन, गौरव सिंघई, स्वप्नील सिंघई, दिनेश जैन, गरिमा जैन, विनिता जैन, आरती जैन आदि के साथ ही अक्षय, विजय जैन, शुभम जैन, अनामिका जैन, काजल, गरिमा, आरती जैन का समावेश रहा.
इस पर्व में जीनेंद्र 24 तीर्थंकर भगवान का पूजन कर उपवास की साधना की जाती है. कोई निर्जला तो कोई जल सहित अर्थात दिन में सिर्फ एक समय उबला हुआ पानी लेकर साधना करते हैं. जो यह नियम नहीं पालन कर सकते वे अपनी शक्तिनुसार कुछ न कुछ त्याग कर नियम संकल्प से दस दिवस की साधना करते हैं.