अमरावती

उर्दू साहित्य की बजाय उर्दू अनिवार्य भाषा के सवालों को लेकर विद्यार्थियों में टेंशन

संगाबा अमरावती विद्यापीठ के ऑनलाइन परीक्षाओं की फिर खुली पोल

अमरावती/दि.23 – संत गाड़गे बाबा अमरावती विद्यापीठ व्दारा शीत सत्र 2020 की महाविद्यालय स्तर पर ऑनलाइन परीक्षाएं ली जा रही है. इन परीक्षाओं के लिए विद्यापीठ प्रशासन व्दारा परीक्षा की समयसारिणी जारी की है.लेकिन इस बार भी विद्यापीठ के ऑनलाइन परीक्षा में बी.ए. अंतिम वर्ष के जिन विद्यार्थियों को उर्दू साहित्य का पेपर देना चाहिए,उन विद्यार्थियों को पर्चा तो सही मिला, लेकिन उनमें प्रश्नपत्रिका में पूछे गये सभी सवाल उर्दू अनिवार्य भाषा से निगड़ित थे. प्रश्नपत्रिका में बहुपर्याय के साथ पूछे गए सवालों को लेकर विद्यार्थियों में टेंशन दिखाई दिया. जिससे फिर से एक बार विद्यापीठ की ऑनलाइन परीक्षा की पोल खुली है.
बता दें कि महाविद्यालयों में इन दिनों शीतकालीन 2020 की परीक्षाएं जारी है. ऑनलाइन पध्दति से जारी परीक्षा की जिम्मेदारी महाविद्यालयों को सौंपी गई है. इसके लिए विद्यापीठ की ओर से उन्हें टाईम टेबल भी दिया है. एक दिन पूर्व महाविद्यालयों को टाइम टेबल अनुसार संभाग के 10 केंद्रों से परीक्षा पत्रिकाएं उपलब्ध करवायी जाती है. प्रश्नपत्रिका मिलते ही संबंधित विषयों को प्राध्यापक उसे गुगल फॉर्म में परिवर्तित करते हैं. शनिवार 19 जून को परीक्षा के एक दिन पूर्व विद्यापीठ ने पर्चे उपलब्ध करवाये पेपर पर उर्दू साहित्य अंकित था. लेकिन जब पर्चे के गुगल फॉर्म में परिवर्तित करने के लिए प्राध्यापक ने प्रश्न पढ़े तो वह उर्दू अनिवार्य भाषा के थे. जिस पर उन्होंने इसकी जानकारी विद्यार्थियों को दी. विद्यार्थियों ने उर्दू साहित्य की पढ़ाई की थी. लेकिन विद्यापीठ की लापरवाही के कारण उस दिन का पर्चा रद्द होने से सर्वत्र हंगामा मचा था. कुछ महाविद्यालयों ने तो उस गलत पर्चे के साथ ही विद्यार्थियों की परीक्षा तक ले डाली. इस बारे में विद्यार्थियों ने कुलगुरु से मामले की जांच हेतु शिकायत कर दोषियों पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है. विद्यापीठ की गलती के कारण दोनों पर्चे स्थगित किये गये है.

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