दवाखाने का टेंशन खल्लास, अब 5 लाख तक उपचार नि:शुल्क
गरीब व जरुरतमंद मरीजों को महात्मा फूले जनस्वास्थ्य योजना का आधार
अमरावती/दि.14– महात्मा फूले जनस्वास्थ्य योजना का अब सभी को लाभ होने वाला है. हर परिवार की मार्यादा डेढ लाख रुपए से पांच लाख रुपए तक कर दी गई है. इस कारण गरीब व जरुरतमंद परिवार का दवाखाने का टेंशन खत्म हो गया है. जिले के 22 अस्पतालों में महात्मा फूले जनस्वास्थ्य योजना अतंर्गत 5 लाख रुपए तक उपचार लेते आ सकेगा.
गरीब व पिछडे परिवार के सदस्य बीमार पडे तो उन्हें अस्पताल का खर्च मुश्किल हो जाता है. ऐसे व्यक्तियों को भी अच्छा स्वास्थ्य मिलने के मकसद से शासन की तरफ से विविध योजना शुरु की गई है. इसमें महात्मा फूले जनस्वास्थ्य योजना का भी समावेश है. इस योजना में शुरुआत में डेढ लाख रुपए तक उपचार नि:शुल्क मिल रहा था. लेकिन राज्य शासन की तरफ से यह मर्यादा बढाकर 5 लाख रुपए की गई है. इस कारण जरुरतमंद मरीजों को बीमारी के उपचार का बडा आधार मिला है.
महात्मा फूले जनस्वास्थ्य योजना के तहत जिले के 14 निजी अस्पतालों में नि:शुल्क उपचार लेते आ सकेगा. इन अस्पतालों में संबंधित मरीज को 5 लाख तक उपचार लेते आ सकता है. दरिद्र रेखा के पीले, अंत्योदय, केशरी राशन कार्ड धारकों को इस योजना का लाभ दिया जाता है. आर्थिक दृष्टि से कमजोर घटक के नागरिकों को उपचार मिलने के लिए यह योजना शासन ने शुरु की है.
* जिले के 22 अस्पताल में लाभ
महात्मा फूले जनस्वास्थ्य योजना के तहत जिले के 22 अस्पतलों में 5 लाख रुपए तक उपचार नि:शुल्क है. इसमें डॉ. मुरके हॉस्पिटल, बेस्ट मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पीटल, भंसाली हॉस्पिटल परतवाडा, देशमुख आय हॉस्पिटल, जिला महिला अस्पताल (डफरीन), पीडीएमसी, डॉ. सुधीर नायर हॉस्पिटल धारणी, एकता हॉस्पिटल दर्यापुर, जिला अस्पताल (इर्विन), डॉ. बोंडे हॉस्पिटल, मातृछाया हॉस्पिटल, महान ट्रस्ट उतावली, अच्युत महाराज हॉस्पिटल, उपजिला अस्पताल धारणी, कैंसर हॉस्पिटल, उपजिला अस्पताल मोर्शी, ग्रामीण अस्पताल वरुड, सुपरस्पेशालीटी अस्पताल और खेर्डे हॉस्पिटल वरुड का समावेश है.
* जरुरतमंदों को उपचार मिलने का लक्ष्य
गरीब व जरुरतमंद परिवार को उपचार मिलने के लिए महात्मा फूले जनस्वास्थ्य योजना चलाई जाती है. इस योजना के तहत जिले में कुछ 22 अस्पताल आते हैं. जहां मरीजों पर 5 लाख तक उपचार नि:शुल्क किया जाता है.
– डॉ. सुमेध बोधी चाटसे,
जिला समन्वयक, महात्मा फूले जनस्वास्थ्य