दसवीं, बारहवीं परीक्षा और शिक्षकों का बहिष्कार आंदोलन
अघोषित शालाओं को निधि वितरित, अनुदान चाहिए
अमरावती/दि.22 – राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल व दारा अप्रैल में होने वाली दसवी, बारहवी की परीक्षाओं पर शिक्षकों की विविध मांगों की पूर्ति के लिये बहिष्कार आंदोलन जारी है. मुंबई के आजाद मैदान पर शिक्षकों व्दारा पुकारा गया अनशन खत्म करने के लिये निधी वितरित किया गया है. लेकिन परीक्षाओं पर बहिष्कार कायम है.
विनाअनुदानित, प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक के शिक्षकों ने वेतन अनुदान के मुद्दे पर दसवी, बारहवीं की परीक्षाओं के कामकाज पर बहिष्कार डाला है. इसमें राज्य शिक्षक संघ ने सहभाग लिया है.शिक्षकों की मांग के अनुसार 13 सितंबर 2019 को 20 प्रतिशत अनुदान लेने वाले व 20 प्रतिशत अनुदान लेने वाली शालाओं को 40 प्रतिशत अनुदान का चरण वितरित किये जाने की मांग की जा रही है.
विविध छोटे-मोटे कारणों से शालाओं का अनुदान न रोका जाये, इस प्रमुख मांग के साथ ही शालाओं की त्रुटी पूर्तता होते ही अनुदान वितरित करने की मांग भी की गई है. एक ओर दसवीं, बारहवीं की पराक्षाओं का टेंशन और शिक्षकों का बहिष्कार इसमें शिक्षा विभाग किस तरह मार्ग निकालता है, इस ओर अन्यायग्रस्त शिक्षकों का ध्यान लगा है.
दसवीं,बारहवीं के परीक्षा विद्यार्थी प्रवेशित शाला,कनिष्ठ महाविद्यालय में होने की बात शिक्षणमंत्री वर्षा गायकवाड़ ने स्पष्ट की है. इस कारण कोरोना काल में एक केंद्र से दूसरे केंद्र पर आना-जाना बंद कर दिया गया है. इस निर्णय के कारण विद्यार्थियों सहित पालकों को बड़ा दिलासा मिला है. इस बार अमरावती विभाग में अकोला, यवतमाल, अमरावती, बुलढाणा व वाशिम इन पांचों जिलों में दसवीं के 1,64,632 एवं बारहवीं के 1,37,569 परीक्षार्थी रहेंगे.
- राज्य शासन ने समस्या हल करने के लिये शिक्षण अनशनकर्ताओं को निधि वितरित किया. लेकिन अघोषित शालाओं को निधि वितरण करना, अनुदान देने की मांग कायम है. इस कारण दसवीं, बारहवीं की परीक्षाओं पर बहिष्कार कायम है.
– दिलीप कडू, अध्यक्ष, शिक्षक संघ, अमरावती