चांदूर बाजार/दि.२०- चांदूरबाजार एसटी डिपो हमेशा से ही समस्याओंं से घिरे रहने के चलते सुखिर्र्यां बटोरता रहा है. आगार परिसर में कभी अंदरूनी तो कभी बाहरी समस्याओं हमेशा अपना सर उठाये नजर आती हैं. चाहे वह बसों की कमी का मामला हो, चौकीदारों की गैरहजेरी का मामला, या आगार परिसर में नशेडीयों और मनचलों के टोलियों के हमेशा यहां बसेरा करने का मामला हो. यह सारी समस्याएं जस की तस बनी रहती हैं. इसी के साथ-साथ डिपो परिसर में जेब कतरों का आतंक मचा हुआ हैं और इन दिनो प्रवासियों के जेब काटने और चोरीयों का प्रमाण बढ गया हैं. विगत गुरूवार को ५० वर्षीय किसान राजु अंबादास भेंडे की थैली से किसी अज्ञात ने ५० हजार रूपये उडा लिये. जिसके बाद भेंडे ने इसकी शिकायत चांदुरबाजार पुलिस थाने में की. इसी तरह विगत सप्ताह महाविद्यालय में पढनेवाली ब्राम्हणवाडा थडी की छात्रा का स्मार्टफोन भी बस में चढते समय किसी ने उडा लिया. एैसे मामले आये दिन बढते जा रहे हैं. लेकिन इस मामले में चांदुरबाजार आगार के सभी अधिकारी और कर्मचारी कुंभकर्णी नींद में नजर आते है. बसों की कमी के चलते बसो में भीड बढती हैं और इसी समय का जेबकतरे बडी आसानी से फायदा उठाकर हाथ साफ करते हैं. अगर आगार व्यवस्थापक की ओर से बसों के टाइमिंग बढाये जाये तो कहींना कही प्रवासियों की भीड पर काबु पाया जा सकता हैं.
यहां यह उल्लेखनिय है कि, पुलिस प्रशासन और जागृक प्रवासियो और नागरिको को द्वारा कई बार आगार के अधिकारीयों से परिसर में सीसीटीवी कॅमेरे लगाने की गुहार लगायी गयी. लेकिन हमेशा की तरह अपनी सुस्त और टालमटोल कार्यप्रणाली के चलते स्थानिय आगार प्रशासन इस ओर अभी तक कोई ध्यान नही दे पाया. वही दुसरी तरफ हालही में चांदुरबाजार पुलिस स्टेशन का भार संभाले थानेदार अशोक जाधव ने डिपो परिसर में घुमनेवाले मनचलों और नशेडीयों पर कार्रवाई कर अंकुश लगाने का काम किया हैं. चोरी ओर जेबकतरों के बढते आतंक को देखते हुये उन्होने स्वयं मोर्चा संभाला है. लेकिन आगार के सभी अधिकारी व कर्मचारीयों को चाहिए कि, वे भी अपनी सतर्कता का सबुत दे. और ऐसे मामलों पर अंकुश लगाने के लिये खुद भी जागरूक रहकर प्रवासीयों में जनजागरूकता फैलाने का काम करे.
पुलिस की पैनी नजर
चोरीयों के मामलों और जेबकतरों पर लगाम कसने के लिये अब हम किसी के भरोसे नही रहेंगे. हम स्वयं इस मामले में कटिबद्ध है. मैं खुद डिपो परिसर में सुबह-शाम और भीड के समय पेट्रोलिंग करता हूं, साथ ही मेरी टिम भी पूरी तरह सक्रिय हैं. प्रभारी आगार व्यवस्थापक से भी यह बात कही गयी है कि, वे खुद सक्रिय रहकर पुलिस प्रशासन की मदत ले. और प्रवासीयों को भी चाहिए कि, वे अपने सामान और पैसो की हिफाजत स्वयं करे अगर कोई संगीन व्यक्ती दिखाई दे तो तुरंत पुलिस से संपर्क करे. कुल मिलाकर अब जेबकतरों, मनचलो और आगार परिसर में घुमनेवाले चिडीमारों पर पुलिस प्रशासन की पैनी नजर रहेगी.
अशोक जाधव,थानेदार