अमरावती

मित्रा योजनांतर्गत नांदगांव पेठ एमआईडी में बनेगा टेक्सटाइल पार्क

डेप्यूटी सीएम देवेंद्र फडणवीस का कथन

* जिला कृषि महोत्सव के समापन अवसर पर दिया आश्वासन
अमरावती/दि.6 – कपास से कपडा, कपडे से फैब्रिक और फैब्रिक से फैशन यह हमारा लक्ष्य है. जिसके लिए नांदगांव पेठ की पंचतारांकित एमआईडीसी में टेक्सटाइल झोन की निर्मिति की गई है. वहीं अब केंद्र सरकार की मित्रा योजनांतर्गत नांदगांव पेठ में टेक्सटाइल पार्क साकार करने हेतु प्रयास किए जा रहे है. इस आशय की जानकारी राज्य के उपमुख्यमंत्री व जिला पालकमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्बारा दी गई.
कृषि विभाग व आत्मा द्बारा माविम व कारीदास इंडिया के सहयोग से स्थानीय सायंस्कोर मैदान पर आयोजित प्राकृतिक कृषि, मेलेट्स व जिलास्तरीय कृषि महोत्सव का कल रविवार 5 मार्च को समारोहपूर्वक समापन हुआ. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. इस समय व्यासपीठ पर सांसद डॉ. अनिल बोंडे, विधायक प्रवीण पोटे पाटिल, विधायक प्रताप अडसड, श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य, विभागीय आयुक्त डॉ. निधि पांडे, जिलाधिकारी पवनीत कौर, तुषार भारतीय, निवेदिता चौधरी, जयंत डेहनकर, कृषि सहसंचालक किसनराव मुले, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी अनिल खर्चान, आत्मा की प्रकल्प संचालक अर्चना निस्ताने आदि इस अवसर पर उपस्थित थे.
इस समय अपने संबोधन में केंद्र एवं राज्य सरकार को अमरावती जिले के औद्योगिक व कृषि संबंधित विकास हेतु पूरी तरह से कृत संकल्प बताते हुए डेप्यूटी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एक बार फिर दोहराया कि, अमरावती के विकास के लिए निधि की कमी नहीं पडने दी जाएगी. साथ ही उन्होंने प्राकृतिक खेती व मिलेट्स यानि मोठे अनाज का बुआई क्षेत्र व रकबा बढाए जाने को मौजूदा समय की जरुरत बताते हुए कहा कि, रासयनीक खाद का अधिक इस्तेमाल, आहार व जीवनशैली के बदलाव के कारण मनुष्य के स्वास्थ्य पर परिणाम होने से बीमारियां बढी है. विश्व को अब फिर से पौष्टिक अनाज व नैसर्गिक खेती की आवश्यकता महसूस होने लगी है. इसे ध्यान में रख महाराष्ट्र को शाश्वत खेती की तरफ ले जाने के लिए शासन की तरफ से ‘मिशन’ चलाया जाएगा. डेप्यूटी सीएम फडणवीस के मुताबिक रासायनिक खाद के अधिक इस्तेमाल से जमीन का नुकसान हुआ और मनुष्य के स्वास्थ्य पर भी इसका परिणाम हुआ. खडे अनाज की तरह पारंपारिक आहार की बजाए ग्लूटेनयुक्त पदार्थ खाने का प्रमाण बढा. जीवनशैली में बदलाव हुआ. आहार व जीवनशैली के बदलाव का स्वास्थ्य पर परिणाम होने से देश के शुगर व कैंसर के मरीजों की संख्या बढी. इस कारण फिर से मिलेट्स और नैसर्गिक खेती की तरफ मुडने की आवश्यकता महसूस होने लगी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्दारा दी गई सूचना के मुताबिक पौष्टिक तृण धान्य वर्ष इस बार सभी विश्व में मनाया जा रहा है. यह मिलेट्स वर्ष महत्व का साबित होकर अनाज को ग्लैमर व बाजारपेठ मिलेगा और संपूर्ण विश्व से मांग बढने वाली है. इसके लिए पौष्टिक अनाज के भंडार के रुप में महाराष्ट्र व भारत अव्वल साबित होने वाला है. नैसर्गिक खेती के कारण निवेश खर्च कम होता है और जमीन की उर्वरकता कायम रहकर उत्पादकता भी बढेगी. इस कारण महाराष्ट्र को शाश्वत खेती की तरफ ले जाने के लिए मिशन चलाया जाएगा, ऐसा भी उन्होंने कहा.
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने आगे कहा कि कृषि माल को अच्छे भाव मिलने के लिए और बाजार पेठ किसानों के हाथ रहे इसके लिए एग्रो बिजनेस कमेटी उपक्रम चलाया जाएगा. शासन की नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी योजना में किसानों को ठिंबक सिंचन उपकरण, ट्रैक्टर आदि साधन मिलने से विकास में वृद्धि हुई. लगतार बारिश से खेती का नुकसान होने पर किसान बंधुओं को भरपाई देने का निर्णय राज्य शासन ने लिया इसक लिए लगातार बारिश की व्याख्या की गई. इसी कारण नुकसानग्रस्त किसानों को बडी संख्या में लाभ मिला है. जलयुक्त शिवार योजना के माध्यम से 37 लाख हेक्टेयर जमीन रबी फसल में आई है. ‘गादमुक्त बांध, गादमुक्त शिवार’ यह महत्व की योजना भी फिर से शुरु की गई है.
इस अवसर पर सांसद डॉ. अनिल बोंडे, विधायक प्रताप अडसड के भी भाषण हुए. प्रास्ताविक कृषि सहसंचालक किसराव मुले ने किया. संचालन क्षिप्रा मानकर ने तथा आभार प्रदर्शन अनिल खर्चान ने किया.

* वर्‍हाडी खाद्य संस्कृति महोत्सव पुणे-मुंबई में लिया जाएगा
महोत्सव में महिलाओं ने स्टॉल के जरिए विविध वस्तु, पदार्थ उपलब्ध कर दिए है. मुंबई व पुणे में भी वर्‍हाडी खाद्य संस्कृति महोत्सव लेकर यहां के बचत समूहों को अवसर उपलब्ध कर दिया जाएगा. ताकि वर्‍हाड क्षेत्र के वैदर्भीय व्यंजनों एवं पाक कला सहित यहां की खाद्य संस्कृति से ुमुंबई-पुणे के लोगों को परिचित कराया जा सके.

* विविध स्टॉल का जायजा, बचत गुटों के लिए मॉल बनाने की बात कहीं
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कृषि महोत्सव में सहभागी विविध स्टॉल का जायजा कर वहां उपस्थित महिला, किसान तथा युवकों से संवाद किया. साथ उनके उत्पादकों की जानकारी लेकर उन्हें प्रोत्साहन दिया. साथ ही कहा कि, जिले में बचत गटों के उत्पादनों की विक्री हेतु मॉल तैयार किए जाएंगे. जिसके जरिए बचत गटों को बाजार पेठ और नागरिकों को दर्जेदार पदार्थ उपलब्ध होंगे.

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