अमरावती

अपनी संस्कृति व सभ्यता का जतन कर रहा ठाकुर परिवार

स्वामी रामराजेश्वराचार्य माउली सरकार का प्रतिपादन

* नर्मदा परिक्रमा पूर्ण करने पर पुष्पमालाताई ठाकुर का हुआ समारोहपूर्ण सत्कार
* नर्मदा जलकलश का विधि-विधान के साथ हुआ पूजन
* 9 कन्याओं का पूजन करते हुए किया गया वस्त्रदान
अमरावती/दि.23- नर्मदा परिक्रमा को भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा और अनमोल विरासत माना जाता है और नर्मदा परिक्रमा को पूर्ण करना एक तरह से मानसिक, शारीरिक व अध्यात्मिक तप की तरह है. इस परिक्रमा यात्रा को काफी कठीन भी माना जाता है. जिसे श्रीमती पुष्पमाला ठाकुर द्वारा पूरी श्रध्दा के साथ पूर्ण किया गया है. साथ ही उनकी सुपुत्री तथा राज्य की महिला व बालविकास मंत्री एवं जिला पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर ने भी अपनी माताजी को यह यात्रा पूर्ण करने हेतु प्रोत्साहित किया. इस जरिये ठाकुर परिवार ने एक तरह से अपनी संस्कृति व सभ्यता को जतन करने का कार्य किया है. वहीं आज नर्मदा परिक्रमा समारोह का आयोजन करते हुए संस्कृति व सभ्यता की यात्रा को आगे बढाने का स्तुत्य उपक्रम पूर्ण किया गया है. इस आशय का प्रतिपादन कौंडण्यपुर स्थित श्री रूख्मिनी विदर्भ पीठ के पीठाधिश्वर तथा अनंत श्री विभूषित जगतगुरू स्वामी रामानंदाचार्य रामराजेश्वराचार्य महाराज माउली सरकार द्वारा किया गया.
बता दें कि, तिवसा निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक स्व. भैय्यासाहब ठाकुर की धर्मपत्नी तथा राज्य की महिला व बालविकास मंत्री एवं जिला पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर की माताजी श्रीमती पुष्पमालाताई ठाकुर ने हाल ही में परमपावन मानी जाती श्री नर्मदामाई की परिक्रमा पूर्ण की. इस उपलक्ष्य में तीर्थयात्रा से वापिस लौटी श्रीमती पुष्पमालाताई ठाकुर का सम्मान करते हुए महाप्रसाद वितरित करने हेतु परसों शनिवार 21 मई को संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में नर्मदा परिक्रमा सम्मान समारोह का कार्यक्रम आयोजीत किया गया था. परमपूज्य अनंत श्री विभूषित जगतगुरू रामनंदाचार्य स्वामी श्री रामराजेश्वराचार्य जी (समर्थ माऊली सरकार) की अध्यक्षता में आयोजीत इस कार्यक्रम में शाम 6 बजे श्रीमती पुष्पमालाताई भैय्यासाहब ठाकुर का नर्मदामाई की परिक्रमा पूर्ण करने के उपलक्ष्य में भावपूर्ण सत्कार किया गया. इस अवसर पर उनकी सुपुत्री व मंत्री एड. यशोमति ठाकुर तथा वझ्झर आश्रम के संचालक डॉ. शंकरबाबा पापलकर बतौर प्रमुख अतिथी उपस्थित थे. इस सत्कार समारोह के उपरांत सायं. 8.15 बजे सांस्कृतिक भवन में महाप्रसाद का वितरण किया गया.
इस अवसर पर अपने संबोधन में स्वामी रामराजेश्वराचार्य महाराज द्वारा कहा गया कि, विदर्भ को वारकरी व महानुभाव की परंपरा प्राप्त है और पालकमंत्री यशोमति ठाकुर के परिवार द्वारा हमेशा ही अपनी परंपरा, सभ्यता तथा संस्कृति की का जतन किया जाता है. इसी के तहत श्रीमती पुष्पमालाताई ठाकुर ने बेहद कठीन मानी जाती नर्मदा परिक्रमा को पूर्ण किया है. जिसके लिए श्रीमती पुष्पमालाताई ठाकुर सहित पूरा ठाकुर परिवार बधाई का पात्र है.
श्री रुक्मिणी विदर्भ पीठ, अंबिकापुर-कौंडण्यपुर, तहसील तिवसा, अमरावती द्वारा आयोजीत नर्मदा परिक्रमा सम्मान समारोह में नर्मदा परिक्रमा पूर्ण करने के उपलक्ष्य में श्रीमती पुष्पमाला भैयासाहब ठाकुर सहित श्रीमती सुमन देशमुख व श्रीमती कुसुम देशमुख का सम्मान अनंत श्री विभूषित जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामराजेश्वराचार्य जी माऊली तथा अनाथों के नाथ शंकरबाबा पापलकर के हाथों किया गया.
स्वामी राजराजेश्वराचार्यजी ने अपने संबोधन में कहा कि, हमारी संस्कृति में मां का संवर्धन किया जाता है. विदर्भ सभी क्षेत्रों में अव्वल है. नर्मदा परिक्रमा करना यह बहुत बड़ा कार्य है. नर्मदा परिक्रमा पूर्ण कर मातोश्री ने सिद्ध कर दिखाया है कि, मां स्वर्णकलश, आंगन की तुलसी होती है. मां जलती ज्योत, जबकि गर्म हुआ दीया (समई) यानि पिता है. भैयासाहब नहीं होते तो आज इतनी बड़ी सफलता नहीं मिली होती. माता में सभ्यता, संस्कृति की परंपरा का इस कार्यक्रम में जतन किया गया. जिनके घर में तीर्थ होता है, उनके घर में शंभुजी का वास होता है. माता-पिता का वास भी वहां होता है. ऐसा भी स्वामी रामराजेश्वराचार्यजी ने कहा. कार्यक्रम का संचालन प्रा. मंदा नांदुरकर ने किया.
कार्यक्रम में प्रमुख रुप से पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख, पूर्व पालकमंत्री जगदीश गुप्ता, विधायक बलवंत वानखडे, पूर्व विधायक वीरेन्द्र जगताप, जिला कांग्रेस अध्यक्ष बबलू देशमुख, राजू भेले, सुरेश रतावा, कोमल बोथरा, नाना नागमोते, डॉ. डी. आर. देशमुख, किशोर बोरकर, एड. पी. एस. खडसे, नितिन देशमुख, नरेशचंद्र ठाकरे, शंकरराव हिंगासपुरे, भैयासाहब मेटकर, अनिकेत देशमुख, दिलीप एडतकर, विलास मराठे, संकेत कुलट, नीलेश गुहे, ऋषि मेटकर, प्रकाश कालबांडे, बालासाहब हिंगणीकर, मिलिंद चिमोटे, अनिकेत देशमुख, गोपाल धर्माले, आकांक्षा ठाकुर, जयश्री वानखडे, सुजाता झाडे, शोभा शिंदे, सुनीता भेले, नीलिमा इंगोले, पूजा इंगोले, सुनीता बनकर, करुण कदम, शीतल देशमुख, वंदना कंगाले, नंदा वाघमारे, मैथिली पाटील, योगिता इराजे, कांचन ग्रेसपुंजे, मनाली तायडे, संध्या देशमुख, ज्योति ठाकरे, कीर्तिमाला चौधरी, शोभना देशमुख, देवयानी कुर्वे, हरिभाऊ मोहोड, दिनेश बूब, नितिन पवित्रकार, प्रमोद इंगोले, रामेश्वर अभ्यंकर, सुधाकर भारसाकले, राजा बांगडे, अमोल इंगोले, योगेश गावंडे, संतोष महात्मे, नितिन गाले, चंद्रशेखर देशमुख, ज्ञानेश्वर धाने पाटील, प्रदीप वडनेरे, प्रवीण देशमुख उपस्थित थे.
* नर्मदा जलकलश सहित व्यासपीठ पर हुआ आगमन
श्रीमती पुष्पमालाताई ठाकुर को नर्मदा कलश के साथ कौंडण्यपुर से पालकी, ढोल व ताल मृदंग की धुन पर संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन के व्यासपीठ तक लाया गया. जहां पर आचार्य पं. जितेन्द्र अत्रे, पं. विश्वनाथ जोशी, ऋध्वांश अत्रे, सुधांशु शर्मा, दीपक शर्मा के मंत्रोच्चार में पूजन किया गया. पश्चात पाट पर बिठाकर 9 कन्याओं का नर्मदा अष्टक मंत्रोच्चार के साथ पूजन करते हुए उन्हें वस्त्रदान किया गया. पश्चात एड. शीतल मेटकर व उनकी टीम द्वारा गणेश वंदना की प्रस्तुति से कार्यक्रम का आरंभ हुआ. मान्यवरों के हाथों दीप प्रज्वलन कर माता नर्मदा की प्रतिमा का तथा स्व. राजीव गांधी की प्रतिमा का पूजन किया गया. इस समय श्रीमती पुष्पमालाताई ठाकुर का स्वामीजी के हाथों साड़ी, चोली, शाल व सम्मानचिन्ह प्रदान कर सम्मान किया गया. साथ ही कुसुम देशमुख का स्वामीजी की मां तारामाता के हाथों तथा सुमन देशमुख का जयश्री जठाले के हाथों साड़ी, चोली, शाल व सम्मानचिन्ह प्रदान कर सत्कार किया गया.
* 1 हजार 312 कि.मी. परिक्रमा पूर्ण
कार्यक्रम के प्रास्ताविक में मंजू आडवाणी ने बताया कि यह समारोह न भूतो न भविष्यति ऐसा है. यह नर्मदा परिक्रमा 1 हजार 312 किमी पैदल चलकर पूर्ण की. पालकमंत्री यशोमति ठाकुर की मातोश्री व उनकी मौसी को यह सौभाग्य प्राप्त हुआ. व्यासपीठ पर मान्यवर व पालकमंत्री यशोमति ठाकुर, पूर्व महापौर विलास इंगोले के हाथों स्वामी का पूजन किया गया. शंकरबाबा पापलकर तथा स्वामी राजराजेश्वराचार्य का पूजन पूर्व विधायक जगदीश गुप्ता के हाथों किया गया. शंकरबाबा पापलकर का पालकमंत्री यशोमति ठाकुर व विलास इंगोले के हाथों सम्मान किया गया.

* भैयासाहब के आशीर्वाद से आगे ही बढ़ेंगे ः शंकरबाबा पापलकर
अनाथों के नाथ शंकरबाबा पापलकर ने शेरोशायरी के साथ पालकमंत्री यशोमति ठाकुर तथा ठाकुर परिवार की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा समारोह है. जिस बेटी को माता तथा दो मौसियों का आशीर्वाद है, वह अव्वल ही रहने वाली है. भैयासाहब के आशीर्वाद से आप हमेशा अव्वल ही रहेंगी, ऐसा भी उन्होंने कहा. इस समय उन्होंने पुष्पमालाताई को वीणा और टाल भेंट स्वरुप प्रदान की. पुष्पमालाताई ने सम्मान समारोह में अपनी राय व्यक्त की.

* मानवता ही है सबसे बडा धर्म
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि, उनकी माताजी के सम्मान में कभी इस तरह के कार्यक्रम का आयोेजन होगा, ऐसा उन्होंने सोचा ही नहीं था. उन्होंने कहा कि, उनके घर में अध्यात्मिकता व कर्म इन दो पंथों का पूजन किया जाता है. साथ ही मानवता को सबसे बडा धर्म माना जाता है. यहीं संस्कार उन्हें अपने पिता स्व. भैय्यासाहब ठाकुर से मिले है. पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने नर्मदा परिक्रमा को पर्यावरण संवर्धन के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि, नदियों का संवर्धन करने से ही हम सुजलाम्-सुफलाम् क्षेत्र का निर्माण कर सकेंगे. साथ ही उन्होंने कन्या पूजन के महत्व को अधोरेखित करते हुए कहा कि, आज के दौर में हम बेटियों ने साबित किया है कि, हम किसी भी लिहाज में बेटों से कम नहीं है.

 

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