अमरावती

‘वह’ मृत बाघ मध्यप्रदेश का

मेलघाट भ्रमंती हुई दुर्घटना : 450 बाघों की आयडी जांची

अमरावती/दि.26 – मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत रायपुर वन परिक्षेत्र में मृतावस्था में पाया गया वह बाघ मध्यप्रदेश का है. मेलघाट भ्रमंती पर रहते समय वह दुर्घटना का शिकार बना, ऐसी संभावना है. 20 जनवरी को यह बाघ मृतावस्था में पाया गया था. मृत्यु के बाद उसकी शिनाख्त करने का काम शुरु है.
मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प संचालनालय की ओर से उपलब्ध लगभग 450 बाघों की आयडी जांची गई. इसमें मध्यप्रदेश के सातपुडा टायगर रिझर्व, होसंगाबाद, बोर व्याघ्र अभ्यारण्य, वर्धा, टिपेश्वर अभ्यारण्य, यवतमाल अन्य व्याघ्र अभ्यारण्य के और मेलघाट व्याघ्र अभ्यारण्य के आयडी प्राप्त बाघों के साथ उस बाघों की पहचान नहीं जुड पायी. बाघ मेलघाट के बाहर का है. वह मध्यप्रदेश के प्रादेशिक वन का है. बैतुल जिले के जंगल से उसने मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प क्षेत्र में प्रवेश किया, यह स्पष्ट हुआ है. वह बाघ चौराकुंड वन परिक्षेत्र से रायपुर की ओर पहुंचा. मध्यप्रदेश से आया हुआ और चौराकुंड में भ्रमंती पर रहते समय यह बाघ अनेकों को दिखाई दिया. मृत्यु से पहले इस बाघ को कुछ लोगों ने कैमरे में कैद भी किया है. कैमरे में 15 दिन पहले लिया हुआ फोटो फेसबुक समेत सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने वायरल किया. यह फोटो मृत बाघ के फोटो के साथ जुडा है. मध्यप्रदेश से मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प क्षेत्र के चौराकुंड रायपुर वन परिक्षेत्र में भ्रमंती कर वह बाघ अपना बसेरा बनाने के प्रयास में था. स्वयं ही स्वयं की टेरिटरी निश्चित करने के प्रयास में रहते समय उसके साथ यह घटना घटती हुई. जिससे बाघ की मौत के कारणों के ओर वन सर्कल व वन्यजीव प्रेमियों की नजरे लगी है. इस बाबत हैदराबाद व अमरावती की प्रयोग शालाओं से आने वाले रिपोर्ट की प्रतिक्षा है.

  • मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के आयडी प्राप्त बाघों के साथ मृत बाघ की पहचान नहीं हुई. वह बाघ मेलघाट का नहीं वह मध्यप्रदेश से आया है.
    – एम.एस.रेड्डी,
    अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक तथा क्षेत्र संचालक,
    मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प
  • बाघ के शरीर पर रहने वाले काले पट्टों पर देशभर बाघों की स्वतंत्र पहचान निश्चित होती है. व्याघ्र प्रकल्प में बाहरी प्रादेशिक वन विभाग के बाघों के फोटो अल्बम उपलब्ध नहीं है.
    – जयंत वडतकर,
    मानद वन्य जीव रक्षक, अमरावती
  • बाघ की मृत्यु से पहले चौराकुंड वन परिक्षेत्र में उसके फोटो कैमरे में कैद किये गए. मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प संचालनालय के पास उपलब्ध लगभग 450 आयडी प्राप्त बाघों के फोटो के साथ उसका छायाचित्र जोडकर देखा गया, लेकिन वह नहीं जुड पाया.
    -विशाल बनसोड,
    मानद वन्यजीव रक्षक, अमरावती

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