‘उस’ प्रवेशद्वार को दिया जाये भीमशक्ति-शिवशक्ति द्वार का नाम
पीरिपा अध्यक्ष जोगेंद्र कवाडे ने पत्रवार्ता में सुझाया पर्याय
* समाज की सोच में बदलाव की जरुरत भी जताई
अमरावती/दि.13- संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहब आंबेडकर जैसे महापुरुष के नाम का विरोध करते हुए पांढरी खानमपुर गांव में रहने वाले कुछ लोगों ने अपनी संकुचित सोच का परिचय दिया है. जिसकी वजह से संविधान एवं सर्वधर्म समभाव की संकल्पना का अपमान हुआ है. आंबेडकरी समूदाय इस विवाद को आगे नहीं बढाना चाहता, ऐसे में हम चाहते है कि, विवाद की जड बन चुके पांढरी खानमपुर गांव के प्रवेशद्वार को शिवशक्ति-भीमशक्ति प्रवेशद्वार का नाम दिया जाये. इस आशय का पर्याय अमरावती दौरे पर पहुंचे पीपल्स रिपब्लिकन पार्टी (पीरिपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रा. जोगेंद्र कवाडे द्वारा आज यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में सुझाया गया.
स्थानीय कैम्प परिसर स्थित सरकारी विश्रामगृह बुलाई गई पत्रवार्ता में उपरोक्त पर्याय सुझाने के साथ ही पीरिपा अध्यक्ष प्रा. जोगेंद्र कवाडे ने विगत सोमवार को हुई घटना को बेहद दुखद बताते हुए कहा कि, शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा आंदोलन अचानक कैसे भडक गया और किसने आंदोलनकारियों की आड लेकर पुलिस पर पथराव करना शुरु किया. इसकी गहन तरीके से जांच होनी चाहिए. प्रा. कवाडे ने स्पष्ट आरोप लगाया कि, जो लोग पांढरी खानमपुर गांव में संविधान निर्माण के नाम पर प्रवेशद्वार के निर्माण का विरोध कर रहे है, वहीं लोग विगत सोमवार को घटित हुई घटना के पीछे भी है. क्योंकि उससे पहले बुधवार 6 मार्च को गांव से सामूहिक पलायन के बाद पैदल चलते हुए गुरुवार 7 मार्च की दोपहर बाद अमरावती पहुंचे और तब से अमरावती में ही खुले आसमान के नीचे रह रहे पांढरी खानमपुर के आंबेडकरी समाज ने एक बार भी कानून को हाथ में नहीं लिया, बल्कि प्रशासन के साथ समन्वय की भूमिका अपनाई. वहीं विगत सोमवार 11 मार्च को दोपहर बाद जब समाजबंधुओं का एक प्रतिनिधि मंडल प्रशासनीक अधिकारियों के साथ बैठक के बाद बाहर निकला, तो उस समय सभी समाजबंधु बैठक में हुई बातचीत का ब्यौरा जानने के लिए उत्सुक थे. लेकिन ठीक उसी समय भीड में शामिल कुछ असामाजिक तत्वों ने शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे आंदोलन को भडका दिया. ऐसे में पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और आंदोलकारियों की आड लेकर जिन लोगों ने पुलिस कर्मियों को घायल करते हुए सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. उनके खिलाफ कडी से कडी कार्रवाई की जानी चाहिए.
इस समय मीडिया कर्मियों द्वारा सीएए को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में प्रा. जोगेंद्र कवाडे ने कहा कि, अन्य देशों में रहने वाले धार्मिक रुप से प्रताडित लोगों को देश में लाकर सुरक्षित रखने की बजाय सरकार ने सबसे पहले देश में रहने वाले गरीबों व दलितों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहिए. यदि अन्य देशों से लोगों को लाकर देश में बसाया जाएगा, तो फिर देश में रहने वाले लोग कहा जाएंगे. इस सवाल का जवाब भी सरकार ने देना चाहिए. इसके साथ ही प्रा. जोगेंद्र कवाडे ने यह भी कहा कि, आगामी लोकसभा चुनाव में पीरिपा ने गठबंधन के तहत तीन सीटे मांगी है और इन तीन सीटों पर पीरिपा के प्रत्याशी निश्चित तौर पर भारी बहुमत से विजयी भी होंगे.
* कवाडे ने की सीपी रेड्डी से भेंट
इसके साथ ही पीरिपा नेता प्रा. जोगेंद्र कवाडे ने आज दोपहर बाद शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी से भी भेंट की और उनसे विगत सोमवार को संभागीय आयुक्तालय के समक्ष पुलिस एवं पांढरी खानमपुर गांववासियों के बीच हुई झडप के बारे में चर्चा की. इस समय जोगेंद्र कवाडे का कहना रहा कि, पांढरी खानमपुर गांव में रहने वाले आंबेडकरी समाजबंधुओं की आड लेते हुए कुछ लागों ने अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने का काम किया है. ऐसे में मामले की सघन जांच होनी चाहिए. इस समय प्रा. जोगेंद्र कवाडे ने उस दिन हुए पथराव एवं तोडफोड की घटना में शामिल असल आरोपियों को खोज निकलते हुए उनके खिलाफ कडी कार्रवाई करने की मांग भी उठाई. साथ ही उन्होंने पुलिस कर्मियों पर हुए हमले को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण भी बताया.