* 48 घंटे के बाद वन विभाग का अभियान फते
अमरावती/ दि.21 – बीते शनिवार की रात चांदूर रेलवे मार्ग पर वन परिक्षेत्र में वाहन की टक्कर से एक मादा तेंदुआ गंभीर रुप से घायल होकर बेहोशी की हालत में पडा था. उसे वडाली वन विभाग में ले जाकर इलाज किया गया. 48 घंटे बाद उस तेंदुए ने खुली सांस ली. रात 12 बजे गांवखेडेवासी सो रहे थे. वन परिक्षेत्र के अधिकारी, वनपाल, वनरक्षक, वनमजदूर ऐसे 15 कर्मचारी रास्ते का लोकेशन ले रहे थे. करीब 16 किलोमीटर की दुरी पार कर निर्धारित स्थान पर जाने के बाद पिंजरे में कैद 2 वर्षीय तेंदुए को छोडा गया. आखिर उस तेंदुए ने खुले में सांस लेते हुए वहां से तेजी के साथ दुम दबाकर भाग गया.
शनिवार की रात रास्ता पार करते समय वाहन की टक्कर से तेंदुआ घायल हुआ था. चांदूर रेलवे वन परिक्षेत्र अधिकारी भानुदास पवार को जानकारी मिलते ही वे अपने दल के साथ मोैके पर पहुंचे और तेंदुए का सुरक्षित इलाज करने के बाद आखिर उसे छोड दिया गया. इस अभियान में उपवन संरक्षक चंद्रशेखर बाला, सहायक वन संरक्षक ज्योती पवार, चांदूर रेलवे वन परिक्षेत्र अधिकारी भानुदास पवार, वडाली वन परिक्षेत्र अधिकारी वर्षा हरणे, रेस्क्यू दल वन परिक्षेत्र अधिकारी सचिन नवरे, प्रकाश करे, सुरेश मनगटे, बीट वनरक्षक अतुल धसकट, जगदीश गोरले, डॉ. जयंत वडतकर, डॉ. सागर ठोसर, वाहन चालक अंकुश खेकाडे, संदीप चौधरी, वन मजदूर, संरक्षण मजदूर आदि का समावेश था.
तेंदुआ पहुंचा अपने स्थान
उस तेंदुए को वाहन से चिरोडी वनक्षेत्र में लाया गया. उपचार केंद्र से चिरोडी जंगल ऐसे 16 किलोमीटर दुर वाहन व्दारा भारी भरकम तेंदुए को ले जाना खतरे से कम नहीं था. उस वाहन के आगे पीछे वाहनों का काफीला लेकर यात्रा शुरु की. समय सूचकता रखते हुए वन परिक्षेत्र अधिकारी, कर्मचारी वाहनों में दबकर बैठते हुए पिंजरे का दरवाजा खोला और वन विभाग का ऑपरेशन फते हुआ.