‘उस’ नाबालिग से मामा ने भी किया था दुराचार
नाबालिग के मामा व मौसी सहित महंत व एक सेवाधारी गिरफ्त में
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* चारों आरोपियों को 24 तक पीसीआर, चारों से पूछताछ जारी
* नाबालिग के गर्भवती होने के बावजूद हो रहा था अत्याचार
* शिरखेड थाना क्षेत्र अंतर्गत रिद्धपुर परिसर के मठ की घटना
अमरावती/दि. 21 – समिपस्थ शिरखेड पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत रिद्धपुर स्थित मठ में एक 17 वर्षीय नाबालिग युवती के साथ मठ के मुखिया बाबा व एक सेवाधारी द्वारा दुराचार किए जाने का मामला गत रोज सामने आया था. साथ यह पता चला था कि, इस दुष्कृत्य में पीडिता की मौसी भी शामिल थी. वहीं अब एक सनसनखेज जानकारी सामने आई है. जिसके मुताबिक मठाधीश बाबा व सेवाधारी के साथ ही पीडिता के मामा ने भी पीडिता के साथ कई बार दुराचार किया था और तीनों लोगों द्वारा आए दिन किए जाते दुष्कर्म की वजह से उक्त 17 वर्षीय नाबालिग गर्भवती हो गई थी. परंतु गर्भवती होने की बात सामने आने के बाद भी मठाधीश बाबा ने उसके साथ दुष्कर्म करना जारी रखा. ऐसे अब पुलिस ने मठ प्रमुख सुरेंद्र मुनी तलेगांवकर (70), बालासाहब देसाई (35, नांदेड) नामक सेवाधारी, पीडिता के सगे मामा निखिल कापसे (26) तथा पीडिता की मौसी को अपनी हिरासत में लिया है. जिन्हें अदालत में पेश किए जाने पर न्यायालय ने चारों आरोपियों को 24 फरवरी तक पुलिस कस्टडी रिमांड में रखने का आदेश जारी किया. ऐसे में वहीं इस घटना के सामने आते ही तीर्थक्षेत्र व पर्यटन नगरी माने जाते रिद्धपुर में अच्छा-खासा हडकंप व्याप्त है. साथ ही मानवीयता व धार्मिक आस्था पर कलंक पोतनेवाली इस घटना के चलते हर कोई सकते में भी है.
इस सनसनीखेज घटना को लेकर सामने आई जानकारी के मुताबिक नाबालिग पीडिता का पूरा परिवार महानुभाव पंथ के प्रति समर्पित है और वह अपनी बुआ के साथ वर्ष 2023 से दिल्ली स्थित मठ में रह रही थी. जहां पर कुछ समय तक रहने के बाद वह 31 दिसंबर को अपनी बुआ के साथ अमरावती में रहनेवाले रिश्तेदार के यहां रहने हेतु दिल्ली से रवाना हुई. इसी दौरान बीच रास्ते में पीडिता ने रिद्धपुर के मठ में रहनेवाली अपनी मौसी का नंबर लिया और उससे रिद्धपुर के मठ में आने की बात कही. जिसके बाद अपनी बुआ को बताए बिना उक्त नाबालिग 1 जनवरी 2024 को रिद्धपुर स्थित सुरेंद्रमुनी तलेगांवकर के मठ में रहने हेतु पहुंच गई. जहां पर दो माह बाद उसकी मां भी आ गई, लेकिन मार्च माह के अंत में सुरेंद्रमुनी बाबा ने पीडिता के मां को नाशिक के आडवाडी मठ में भेज दिया और इसके बाद से ही उक्त नाबालिग के साथ सुरेंद्रमुनी बाबा ने दुष्कर्म करने का सिलसिला शुरु किया. इसी दौरान रिद्धपुर के मठ में नांदेड से आनेवाले दर्शनार्थी व सेवाधारी बालासाहब देसाई की नजर पीडिता पर पडी और उसने भी पीडिता के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाने शुरु किए. हैरत व कमाल की बात यह रही कि, उसी मठ में पीडिता की मौसी भी रहा करती थी. जिसे अपनी भतीजी के साथ हो रहे दुष्कर्म की पूरी जानकारी थी परंतु इसमें हस्तक्षेप करने की बजाए उसकी मौसी आरोपियों के पक्ष में खडी थी. साथ ही सबसे सनसनीखेज जानकारी यह भी सामने आई है कि, रिश्ते में पीडिता के सगे मामा रहनेवाले निखिल कापसे ने ही सबसे पहले मठ में पीडिता के साथ दुराचार किया था. जिसकी जानकारी पता चलने पर सुरेंद्रमुनी ने पीडिता के साथ दुष्कर्म करना शुरु किया और फिर मामले की जानकारी मिलते ही नांदेड निवासी बालासाहब देसाई भी इस दुष्कृत्य में शामिल हुआ. दिल दहला देनेवाली बात यह भी है कि, पीडिता के पेट में दर्द रहने पर उसकी मौसी उसे सोनोग्राफी करने हेतु चांदुर बाजार लेकर गई, जहां सोनोग्राफी रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ कि, उक्त नाबालिग लडकी गर्भवती है. साथ ही उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के दिल में छेद है. परंतु इस बात का पता चलने के बावजूद उक्त नाबालिग के रिद्धपुर मठ में वापिस लौटने पर सुरेंद्रमुनी तलेगांवकर सहित पीडिता के मामा निखिल कापसे ने एक बार फिर पीडिता के साथ दुष्कर्म करने का सिलसिला जारी रखा.
* ऐसे हुआ मामले का खुलासा
नवंबर माह में पीडिता के गर्भवती होने की बात सामने आई थी. जिसे पीडिता की मौसी ने बडी चतुराई के साथ छिपा लिया था. वहीं विगत 8 फरवरी को जालना जिले के जालीकादेव की यात्रा में पीडिता अपनी मां के साथ गई थी. जहां पर उसकी 12 फरवरी को उसके पिता के साथ भेंट हुई थी. उस समय पीडिता ने अपने पिता को अपनी पूरी आपबिती बताई. पश्चात पीडिता के माता-पिता उसके साथ जालना से अमरावती पहुंचे और शिरखेड पुलिस थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई. इसके साथ ही इस सनसनीखेज मामले का खुलासा हुआ. जिसमें पता चला कि, दुष्कर्म की इस वारदात में पीडिता के सगे मामा व मौसी भी शामिल है. जिनकी शहर पर मठाधीश रहनेवाले सुरेंद्रमुनी और दर्शनार्थी रहनेवाले बालासाहेब देसाई द्वारा 17 वर्षीय नाबालिग के साथ विगत कई माह से दुष्कर्म किया जा रहा था.
* डीएनए टेस्ट से होगा आरोपी का खुलासा
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस द्वारा सुरेंद्रमुनी तलेगांवकर, बालासाहेब देसाई व निखिल कापसे के डीएनए सैंपल ले लिए गए है. साथ ही उक्त नाबालिग के प्रसूति के बाद नवजात बच्चे का भी डीएनए सैंपल लिया जाएगा, ताकि यह पता लगाया जा सके कि बच्चे असल जैविक पिता कौन है? वहीं पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ दुराचार सहित पोक्सो एक्ट की धाराओं के तहत अपराधिक मामला दर्ज किया है.
* महंतो व महानुभाव परिषद ने किया निषेध
इस बीच रिद्धपुर स्थित महानुभाव पंथ के मठों में रहनेवाले महंतो ने स्पष्ट किया कि, सुरेंद्रमुनी के मठ से स्थानीय मठों का कोई संबंध नहीं है और सुरेंद्रमुनी व उसका मठ अखिल भारतीय महानुभाव परिषद का हिस्सा भी नहीं है. इसके साथ ही स्थानीय महंतो व महानुभाव परिषद ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए सुरेंद्रमुनी के कृत्य का निषेध किया है.
* पहले से विवाहित है सुरेंद्रमुनी
तलेगांव के मठ ने बाहर निकाला, तो खुद का मठ बना लिया
इसके साथ ही यह जानकारी भी सामने आई है कि, इस मामले में धरा गया मुख्य आरोपी सुरेंद्रमुनी मुलत: वर्धा जिले के आरंभ गांव का निवासी है. जिसका विवाह भी हो चुका है और उसका असली नाम सुरेश सरोदे है. कई वर्ष पहले तत्कालीन महंत पुरुषोत्तम तलेगांवकर के संपर्क में आकर सुभाष सरोदे ने महानुभाव पंथ की दीक्षा ली थी और वह मठ में रहने लगा था, तब उसका नामकरण सुरेंद्रमुनी तलेगांवकर किया गया था. परंतु कुछ वर्ष पहले उसे तलेगांवकर मठ से बाहर निकाल दिया गया, तो सुरेंद्रमुनी ने रिद्धपुर पहुंचकर अपना खुद का मठ तैयार कर लिया और मराठवाडा क्षेत्र के एक मठ से दीक्षा भी हासिल कर ली. तबसे इसे महंत गंगापुरकर के नाम से भी जाना जाने लगा और उसके मठ में भाविक श्रद्धालु भी पहुंचने लगे. इसे के तहत उक्त नाबालिग पीडिता भी मठ में सेवा देने हेतु अपनी मौसी के साथ पहुंची थी. जो मठ प्रमुख सुरेंद्रमुनी सहित अपने सगे मामा व एक दर्शनार्थी द्वारा किए गए दुष्कर्म का शिकार हो गई.
* बाल कल्याण समिति ने डॉक्टरों को दी नोटिस
उक्त नाबालिग लडकी की चांदुर बाजार सहित अमरावती के डॉक्टरों द्वारा सोनोग्राफी करते हुए स्वास्थ जांच की गई थी. परंतु डॉक्टरों ने उक्त नाबालिग के गर्भवती रहने की जानकारी स्थानीय पुलिस व बाल कल्याण समिति को नहीं दी. जबकि किसी भी नाबालिग के गर्भवती रहने की बात सामने आने पर ऐसा करना नियमानुसार बेहद आवश्यक है. जिसके चलते बाल कल्याण समिति ने अमरावती व चांदुर बाजार के डॉक्टरों को नोटिस जारी की है. साथ ही उक्त आश्रम में अन्य नाबालिग लडकियां व महिलाएं भी रहती है. इस बात के मद्देनजर बाल कल्याण समिति के एक स्वतंत्र पथक ने उस मठ में पहुंचकर सभी से पूछताछ करनी भी शुरु की है.