अमरावती

अवैध सागौन मामले में ‘उस’ शिक्षक की होगी जांच

शिक्षक के खेत में ही छिपाकर रखा गया था अवैध सागौन

* सागौन को भेजा जाना था हैदराबाद, आरोपी तस्कर अब भी अज्ञात
परतवाडा/दि.28– समिपस्थ करजगांव गोविंदपुर मार्ग पर पकडे गए 4 लाख रुपए के अवैध सागौन मामले को लेकर अमरावती में रहने वाले एक शिक्षक से वन विभाग द्बारा पूछताछ की जाने वाली है. यद्यपि उस शिक्षक का इस अवैध सागौन मामले में प्रत्यक्ष सहभाग नहीं पाया गया है. परंतु इस स्थान पर अवैध सागौन को चोरी-छिपे तरीके से लाकर रखा गया था. वह जगह संबंधित शिक्षक की रहने की जानकारी वन विभाग को पता चली है. जिसके चलते अब इस शिक्षक के जरिए सागौन तस्करी के आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास वन विभाग द्बारा किया जाएगा.
पता चला है कि, जब्त किए गए अवैध सागौन के लकडे को हैदराबाद भेजा जाना था. बेहतरीन गुणवत्ता वाले 8 फुट लंबे लडके के 70 नग यहां से बरामद हुए है. किसी ग्राहक द्बारा की गई मांग के अनुसार आवश्यक लंबाई व मोटाई वाले लकडों को एक खेत में जमा किया गया था और इन लकडों का ढेर लगाकर उसे ताडपत्री से ढांक दिया गया था. इस काम के लिए जंगल में सागौन के करीब 70 बडे-बडे पेडों को धराशायी किया गया था. ऐसे में अब सभी की उत्सुकता इस बात को लेकर है कि, आखिर वन विभाग इस पूरे मामले की जड तक कब पहुंच पाता है.
* गांव के आसपास लाकर डाला जाता है लकडा
जानकारी के मुताबिक इन दिनों सागौन तस्करों ने बहुमूल्य लकडी की तस्करी के लिए नया तरीका खोज निकाला है. जिसके तहत जंगल से सागौन की पेड की कटाई के बाद सागौन की लकडी को किसी नजदीकी गांव के आसपास खेतों की मेढ पर, नाले में, खुले प्लॉट में अथवा संतरे या केले के बगीचे में लाकर डाल दिया जाता है और उसे ताडपत्री अथवा घासफूस डालकर छिपा दिया जाता है.
* दिन-दहाडे होती है तस्करी
सागौन की अवैध कटाई करने के बाद लकडे को राज्य सहित अन्य राज्यों में धडल्ले के साथ भेजा जाता है. इसके लिए जंगल से काटी गई लकडी को किसी एक स्थान पर इकठ्ठा किया जाता है. जिसे बाद में विशेष तौर पर तैयार किए गए वाहन के जरिए चांदूर बाजार, अचलपुर, मोर्शी व अंजनगांव सुर्जी तहसीलों के कुछ चुनिंदा गांवों में भेजा जाता है और फिर इस लकडी को मध्यप्रदेश की सीमा से होते हुए बुर्‍हानपुर, खंडवा व बैतुल जैसे शहरों तक पहुंचा दिया जाता है. कुछ गांवों में तो दिन-दहाडे तस्करी कर लायी गई लकडी को वाहनों से नीचे उतारने का काम चलता है.

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