अमरावतीमहाराष्ट्र

सैकडों किसानों के आंदोलन से तीसरे दिन प्रशासन झुका

किसान न्याय हक संघर्ष समिति आक्रामक

* आश्वासन के बाद वरुड का बेमियादी अनशन समाप्त
वरुड /दि.15 – स्थानीय तहसील कार्यालय के सामने किसान न्याय हक संघर्ष समिति की तरफ से जारी बेमियादी अनशन के दौरान शुक्रवार को किसी भी समय आत्मदहन की चेतावनी दी गई थी. आखिरकार प्रशासन ने मांग के लिए 15 दिनों की अवधि मांगी है. तब रात 7.30 बजे किसानों ने अपना आंदोलन समाप्त किया.
ओलावृष्टि, अतिवृष्टि का अनुदान मिलने की मांग को लेकर किसान न्याय हक संघर्ष समिति के नेतृत्व में सैकडों किसानों ने बेमियादी अनशन शुरु किया. किसानों के इस अनशन की तरफ जनप्रतिनिधि और शासन व प्रशासन ने अनदेखी की. स्थानीय अधिकिारयों ने भी मुलाकात नहीं की. कोई हल न निकलने पर शुक्रवार को तहसील कार्यालय के प्रवेशद्वार पर ठिया आंदोलन किया गया. कुछ किसान प्रवेशद्वार पर चढकर शासन का निषेध कर रहे थे.

* इन अधिकारियों ने अनशनकर्ताओं से की मुलाकात
बुधवार को तहसीलदार रवींद्र चव्हाण, तहसील कृषि अधिकारी आगरकर, थानेदार अर्जुन ठोसरे तथा गुरुवार को जिला कृषि अधिकारी सातपुते, उपविभागीय कृषि अधिकारी आगरकर और बीमा कंपनियों के अधिकारियों ने अनशन मंडप पहुंचकर अनशनकर्ताओं के साथ चर्चा की. शुक्रवार को किसानों ने अपने-अपने गांव में आत्मदहन करने की चेतावनी दी.

* तीसरे दिन यह नेता बैठे अनशन पर
तीसरे दिन पंचायत समिति के पूर्व सभापति विक्रम ठाकरे, उपज मंडी के सभापति नरेंद्र पावडे, उपसभापति बाबाराव मांगुलकर, खरीदी-बिक्री संघ के अध्यक्ष तुषार मुकाम, किसान न्याय हक संघर्ष समिति के स्वप्निल खांडेकर, अमर ठाकरे, सुभाष गावंडे, पंजाबराव ठाकरे, ज्ञानेश्वरराव तातोडे, निरंजन घाटोले, विष्णु वानखडे, हातुर्णा सरपंच शिवाजी ठाकरे, विकास भोंडे, सर्वेश ताथोडे आदि किसान अनशन पर बैठे थे. रात 7.30 बजे तहसीलदार ने एक पखवाडे में यह प्रश्न मंत्रालय स्तर पर रखकर हल निकालने का समय मांगा. पश्चात आंदोलन स्थगित किया गया.

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