जन्म-मृत्यु सुधार अधिनियम का खुद प्रशासन द्वारा सत्यानाश
जन्म तारीखों में गडबडियां, टीसी प्रमाणपत्र में कांट-छांट
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* अमरावती तहसील के कई जन्म दाखिले संदेह के घेरे में
अमरावती /दि. 24– विलंब से जन्म पंजीयन हेतु तहसील कार्यालयों के पास प्रस्तुत अधिकांश आवेदनों में जन्म से संबंधित साक्ष जोडा हुआ नहीं रहने, टीसी के अस्पष्ट व कांट-छांट वाली रहने, राशन कार्ड में कांट-छांट रहने तथा हस्ताक्षर के आपस में नहीं जुडने के बावजूद केवल आधार कार्ड सहित अन्य कुछ दस्तावेजों को प्रमाण मान लिया गया और आवेदकों को जन्म प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया. जिसे लेकर गांव चौकशी रिपोर्ट भी नहीं मांगी गई, ऐसे आरोप अब सामने आ रहे है. इसके चलते अमरावती तहसील कार्यालय से जारी हुए जन्म प्रमाणपत्र संदेह के घेरे में दिखाई दे रहे है.
सरकार सहित जिलाधीश के पास शिकायत की रहने के बावजूद उपरी तौर पर जांच कर मामले को दबाने का प्रकार प्रशासकीय यंत्रणा द्वारा किए जाने का गंभीर आरोप लगाया जा रहा है. जिस व्यक्ति के पास भारत में पैदा होने के संबंधित एक भी साक्ष या सबूत नहीं है वह व्यक्ति भारतीय कैसे है, ऐसा सवाल शिकायत में किया जा रहा है.
* इन दाखिलों को लेकर संदेह
– आवेदन क्रमांक 4028 – हस्ताक्षर में फर्क, जन्म तारीख का मूल दस्तावेज नहीं, राशन कार्ड में कांट-छांट.
– आवेदन क्रमांक 4006 – पासपोर्ट में दर्ज और आवेदन में खुद किए गए हस्ताक्षर में फर्क, राशन कार्ड में कांट-छांट.
– आवेदन क्रमांक 4004 – आवेदन में जन्म तारीख 22 मार्च 1986, परंतु टीसी और आधार कार्ड पर दर्ज जन्म तारीखों में फर्क.
– आवेदन क्रमांक 4030 – आवेदन में जन्म तारीख 20 मार्च 1981, परंतु टीसी व आधार कार्ड में दर्ज तारीखों में फर्क.
– आवेदन क्रमांक 4066 – आवेदन में अशिक्षित रहने के चलते टीसी नहीं रहने की बात, आदेश की प्रति में टीसी की छायांकित प्रतिलिपी.
– आवेदन क्रमांक 4126 – आवेदन के साथ कोई साक्ष नहीं जोडे परंतु आदेश में टीसी व आधार कार्ड जोडने की बात का उल्लेख.
* दो थानों में 15 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज
जन्म प्रमाणपत्र हासिल करने हेतु फर्जी दस्तावेज दाखिल करनेवाले 15 लोगों के खिलाफ अमरावती शहर के गाडगे नगर पुलिस थाने एवं जिले के अंजनगांव सुर्जी पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करते हुए सभी मामलो की जांच-पडताल करनी शुरु की गई है.
* ‘गांव-चौकशी’ रिपोर्ट कहां है?
अमरावती तहसील कार्यालय में दाखिल जन्म पंजीयन के कुछ मामलो में गांव-चौकशी प्रारुप का अभाव है. इसके चलते सबूतों की सत्यता को लेकर पडताल नहीं हुई और संबंधित क्षेत्र में जाहीरनामा भी प्रकाशित नहीं हुआ. इसके अलावा अधिनियम के अनुरुप मानकों की पूर्तता नहीं किए जाने का भी आरोप लगाया जा रहा है. विशेष उल्लेखनीय है कि, एक मामले में आवेदक चंद्रपुर का निवासी है. जिसने वर्धा जिले के दस्तावेज प्रस्तुत किए है और अमरावती में जन्म होने का प्रमाणपत्र हासिल किया है.
* ‘वे’ अधिकारी चर्चा में
जिले के 7 उपविभागीय अधिकारी कार्यक्षेत्र में 23 अक्तूबर 2023 को तहसीलदारों को प्राधिकृत किए जाने के बाद जारी सभी जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र मामलों की जांच की जाएगी. ऐसे में इस तरह के जन्म दाखिलों को जारी करनेवाले अधिकारी इस समय काफी चर्चा में चल रहे है.
* जिलाधीश के आदेशानुसार सभी उपविभागीय अधिकारियों की एक सदस्यीय समिति स्थापित की गई है और समिति की रिपोर्ट आने के बाद जन्म प्रमाणपत्रों के मामले की सत्यता स्पष्ट होगी.
– अनिल भटकर,
अमरावती उपजिलाधीश.