अमरावती

लोकनिर्माण विभाग के हिस्से में जा रही मनपा की राशि

राजनैतिक लाभ के लिए मनपा से हो रहा व्यवहार

अमरावती/दि.6 – मनपा क्षेत्र में मुलभूत सुविधाओं और विकास कार्यों के लिए स्थानीय संस्था को उपलब्ध कराई जाने वाली राशि पीडब्ल्यूडी को हस्तांतरित किए जाने की परंपरा काफी आम हो चुकी है. इससे पिछले कई वर्षों से मनपा को मिलनेवाली सडक विकास राशि का बडा हिस्सा पीडब्ल्यूडी को दिया जा चुका है. इससे यह सवाल भी उठने लगा है कि आखिर क्यों स्थानीय संस्था होने के बावजूद मनपा को मिलने वाली राशि पीडब्ल्यूडी को भेजा जा रही है.
यह सवाल आज या केवल मौजूदा सरकार के कार्यप्रणाली के चलते खडा नहीं हुआ है बल्कि कई वर्षों से यह परंपरा आम हो चुकी है. अमरावती मनपा में भाजपा की सत्ता है. जबकि स्थानीय विधायक कांग्रेस के है. दोनों ही अपने-अपने वर्चस्वों के लिए दावे करते है. लेकिन पूर्व भाजपा विधायक डॉ.सुनील देशमुख के दौर में भी मनपा को मिलनेवाली राशि पीडब्ल्यूडी को हस्तांतरित किए जाने का काम होता रहा है.
मुलभूत सुविधाओं से जुडे कार्यों के लिए 4.24 करोड रुपए की राशि व तीन नए कार्यों को मंजूरी दी गई है, लेकिन इस राशि के उपयोग का अधिकार पीडब्ल्यूडी को सौंपा गया है. शहर की भूमिगत गटर लाइन पूरी तरह अनुपयोगी है और गंदा पानी सडकों पर बहता है. मजीप्रा को यह कार्य सौंपा गया है, लेकिन अगर यह जिम्मेदारी मनपा को दी जाती तो भूमिगत गटर योजना का काम काफी तेजी से हो सकता था. स्थानीय विधायक मनपा के हित को लेकर क्यो खामोश है? यह सवाल भाजपा की ओर से पूछा जा रहा है.

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नाकामयाबी को छूपाने का प्रयास

शहर कांग्रेस अध्यक्ष बबलू शेखावत ने कहा कि, जिस वक्त राज्य में भाजपा की सत्ता थी और स्थानीय विधायक भी भाजपा के थे तब बडे पैमाने पर मनपा को मिलने वाली विकास निधि पीडब्ल्यूडी को सौंपी गई. उस समय शहर भाजपा नेता पूरी तरह खामोश थे. जबकि अब सरकार बदल चुकी है. इसलिए पिछले 5 वर्षों में मनपा का कामकाज संभाल रही भाजपा अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए राज्य सरकार पर आरोप लगाने का काम कर रही है.

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