अमरावतीमहाराष्ट्र

हजारों श्रद्धालुओं का आस्था स्थान है प्राचीन हनुमान मंदिर

अचलपुर में राजा मानसिंह ने की थी स्थापना

* राजस्थान सरकार ने किया था निर्माण
अचलपुर/दि.3-राजस्थान के राजपूत इतिहास गौरवशाली राजा मानसिंह द्वारा स्थापित हनुमान मंदिर अचलपुर में मौजूद है. इस मंदिर के रखरखाव का खर्च आज भी राजस्थान सरकार उठाती है. यह जिले का इस तरह का पहला मंदिर है. यह हनुमान मंदिर जागृत है और यहां भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होने के कारण मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.

* पुजारी को मानधन भी दिया जाता है
दिलचस्प बात यह है कि राजस्थान सरकार मंदिर के लिए पुजारी का मानदेय और धन भी प्रदान करती है. इस मंदिर का निर्माण राजा मानसिंह ने स्थानीय सुल्तानपुरा में निजामपुर रोड पर सापन नदी के तट पर किया था. इसे ‘जयसिंहपुरा के बालाजी’ के नाम से जाना जाता है. यहां अचलपुर तहसील से ही नहीं बल्कि जिले से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. पुजारी सुरेश सिंह ठाकुर को राजस्थान सरकार से वेतन मिलता है. मानसिंह के पास अचलपुर में 422 एकड जमीन थी. उनकी मृत्यु के बाद राजस्थान सरकार ने सारी जमीन अपने कब्जे में ले ली. बाद में सरकार ने सीलिंग एक्ट के तहत इसे पूर्व सैनिकों को प्रदान कर दिया. इस भूमि से सटे दो भूखंड आज भी राजस्थान सरकार के स्वामित्व में हैं. तदनुसार यह मंदिर भी उन्हीं के अधिकार में है. राजस्थान सरकार मंदिर के रखरखाव और पूरे वर्ष आवश्यक सामग्री के लिए वार्षिक धनराशि प्रदान करती है. इस अतिप्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार और एक नए सभागृह और भोजन कक्ष का निर्माण खंडेलवाल समाज की पहल से किया गया.

भक्तों का आस्था स्थान
इस प्राचीन मंदिर में दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. हालांकि इस मंदिर तक पहुंचने वाली सडक की हालत खराब होने के कारण श्रद्धालुओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पडता है. भक्तों ने सडक की मरम्मत करने और मंदिर मार्ग पर नई स्ट्री लाइट लगाने का अनुरोध किया है. जिले में अपनी तरह का यह पहला मंदिर है.

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