* एसटी महामंडल अपनी ही घोषणा भूल गया
अमरावती/दि.7- कहां की बस कहां है इसे जानने के लिए और बस में कोई खराबी आई अथवा कोई तकनीकी दुविधा आई तो तत्काल सहायता भेजने के लिए राज्य परिहन महामंडल की सभी बसों में ‘लाइव ट्रेकिंग’ सिस्टिम लगाने की घोषणा 1 वर्ष पूर्व की थी. लेकिन अब तक किसी भी एसटी बस का ‘लाइव ट्रेकिंग’ दिखा नहीं है. इस कारण की गई घोषणा भी महामंडल भूल गई है क्या? ऐसा प्रश्न निर्माण हुआ है.
गांव, कस्बों को जोडनेवाली एसटी बसेस ग्रामवासियों समेत शहरवासियों के जीवन से निकट है. सफर लंबी दूरी का रहे अथवा निकट का, आम नागरिक एसटी को ही प्राथमिकता देते हैं. लेकिन फेरी कितने बजे आएगी इसका कोई भी अनुमान न रहने से यात्रियोें को काफी दुविधा होती थी. एसटी बस को देरी होने पर अनेक यात्री पर्यायी व्यवस्था का इस्तेमाल करते थे. घाटा बढने का भी यह एक कारण है. इस पर उपाय के रुप में एसटी ने ‘वीटीएस’ यंत्रणा बस में बैठाने की घोषणा कर इस यंत्रणा को मोबाइल एप से जोडा जाने वाला था. इस कारण यात्रियो के प्रश्नों के जवाब मोबाइल पर ही मिलना संभव था. रेलवे के मुताबिक ही लाइव लोकेशन यात्रियों को मिलने की अपेक्षा थी. प्रत्यक्ष में वीटीएस यंत्रणा पर अमल नहीं हुआ.
* ‘वीटीएस’ न रहने से यात्रियों को होती है परेशानी
वीटीएस के कारण बस छूटने का समय और वह कहां है, बस की रफ्तार, बस एक ही स्थान पर कितना समय खडी है, स्टॉपेज रहने के बावजूद बस रुकी अथवा नहीं, बस के आगे की स्टॉपेज की जानकारी और उसका समय मिल सकता था. इसके अलावा राज्य परिवहन मंडल के जरिए यातायात सेवा में रही एसटी बस का लोकेशन यात्रियों को बैठे स्थान पर मिलने के लिए महामंडल ने 1 वर्ष पूर्व एसटी का लाइव ट्रेकिंग शुरु करने की घोषणा की थी वह केवल घोषणा ही साबित होती दिखाई दे रही है.