अमरावती में परीक्षार्थी कर्मचारी की उत्तर पुस्तिका ही गायब!
विभागीय कर्मचारी स्पर्धा परीक्षा में उजागर हुआ मामला
* परीक्षा पूर्ण होने के बाद पूरी प्रक्रिया की गई रद्द
* पांचों जिलों के जिप कर्मचारियों में रोष व संताप की लहर
अमरावती/दि.28– कनिष्ठ सहायक पद से वरिष्ठ सहायक पद पर 25 फीसद प्रमाण में पदोन्नति हेतु पात्र होने के लिए ली गई विभागीय स्पर्धा परीक्षा देनेवाले एक परीक्षार्थी कर्मचारी की उत्तर पुस्तिका ही गायब हो जाने का मामला सामने आया है. जिससे प्रशासन में जबर्दस्त हडकंप व्याप्त है और हंगामा मचता देख संभागीय आयुक्त ने परीक्षा होने के बाद पूरी प्रक्रिया को ही रद्द कर दिया. लेकिन अब इस पूरे मामले को लेकर परीक्षा दे चुके जिले के करीब 250 से अधिक कर्मचारियों में रोष व संताप की लहर देखी जा रही है.
बता दें कि, जिला परिषद में वरिष्ठ सहायक पद पर 50 फीसद नियुक्ति से पदोन्नति, 25 फीसद भरती प्रक्रिया से नियुक्ति तथा 25 फीसद पदों पर कनिष्ठ सहायक पद पर कार्यरत कर्मचारियों को विभागीय स्पर्धा परीक्षा के जरिये पदोन्नति दी जाती है. किंतु विगत पांच-छह वर्षों से यह प्रक्रिया प्रलंबित पडी थी और विगत वर्ष इसे मंजुरी मिलते ही अमरावती जिले सहित वाशिम, यवतमाल, अकोला व बुलडाणा इन पांचोें जिला परिषदों के करीब 250 कर्मचारियों ने विभागीय परीक्षा के लिए आवेदन किया था. जिसमें अमरावती जिला परिषद के 83 कर्मचारियों का समावेश था. इस हेतु विगत 19 दिसंबर को गोल्डन इंग्लिश स्कुल में दो सत्रोें के दौरान परीक्षा ली गई. पश्चात परीक्षार्थियों की सभी उत्तर पुस्तिकाओं को सिल कर दिया गया. जिन्हें जांच हेतु 4 से 5 जनवरी को सिलबंद पैकेट से निकाला गया. किंतु इस समय इसमें एक कर्मचारी की उत्तर पुस्तिका गायब रहने की जानकारी सामने आयी. जिससे प्रशासन में हडकंप मच गया. साथ ही उत्तर पुस्तिका कहां चली गई, इसे लेकर खोजबीन भी शुरू हुई. इसके तहत संबंधित कर्मचारी को भी पूछताछ हेतु बुलाया गया. जिसने बताया कि, उसने अपनी उत्तर पुस्तिका प्रश्नपत्र हल करने के तुरंत बाद परीक्षा केेंद्र पर ही जमा करायी थी. जिससे प्रशासन पर और भी अधिक तनाव देखा गया. इस पूरे मामले को लेकर संभागीय आयुक्त ने संबंधित को जमकर आडे हाथ लेते हुए उन्हें खडे बोल सुनाये. किंतु इससे समस्या का समाधान नहीं होना था. ऐसे में भविष्य की दिक्कतों को कम करने के लिहाज से संभागीय आयुक्त ने पूरी परीक्षा को ही रद्द कर दिया और इसे लेकर 5 जनवरी को आदेश जारी किया. किंतु इस मामले की वजह से जिन शेष कर्मचारियों ने कडी मेहनत करते हुए परीक्षा दी थी, उन पर कहीं न कहीं अन्याय हुआ है. ऐसे में पांचों जिला परिषदों के परीक्षार्थी कर्मचारियों में जबर्दस्त रोष व संताप की लहर देखी जा रही है. वहीं इस मामले को लेकर जिला परिषद सहित संभागीय आयुक्त कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है.