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सेना ने मशक्कत कर बनाई थोडी सडक

अभी भी जोशी मठ में फंसे हैं महाराष्ट्र के हजारों यात्री

* चट्टान खिसकने से मार्ग हुआ था अवरूध्द
* सुरक्षित हैं अब दिखी आशा की किरणें
अमरावती/दि.12 – उत्तराखंड के चार धाम की यात्रा पर अमरावती से गये सात लोग जोशी मठ में गत पांच दिनों से अटके हैं. अब पांच रोज बाद सेना की कडी मेहनत मशक्कत तथा जान की बाजी लगाकर भरी बारिश में रात और दिन मशीनों की सहायता से किए गये कार्य से थोडी सडक बनी हैं. यहां से सडक पर रात गुजारने मजबूर तीर्थयात्रियों को आहिस्ता- आहिस्ता आगे निकालना आज सबेरे से शुरू होने की जानकारी अमरावती के संजय शर्मा ने अमरावती मंडल को फोन से दी. शर्मा ने बताया कि स्थानीय प्रशासन भरपूर सहयोग कर रहा है. अब थोडा ही समय लगेगा और यहां से हजारों लोगों के अपने- अपने घरों की ओर निकलने का रास्ता खुलनेवाला है, ऐसे संकेत मिलने की बात शर्मा ने कहीं. शर्मा ने बताया कि अर्धसैनिक बल के सैनिक मार्ग पर गिरी चट्टाने हटाने का भरी बारिश में प्रयास कर रहे हैं. भरी बरसात में जेसीबी और पोकलैंड से काम चल रहा हैं. आज या कल में छोटे वाहनों में यात्रियों को जोशी मठ से आगे रूद्र प्रयाग तक जाने दिए जाने की संभावना है.
* बद्रीनाथ के दर्शन पश्चात अटके
संजय शर्मा ने बताया कि अमरावती से उनके साथ आशीष बथेरिया, सपना बथेरिया, संतोष जायस्वाल, राशि जायस्वाल, सरिता जायस्वाल आदि चार धाम यात्रा के लिए गत 28 जून को रवाना हुए थे. इन लोगों के यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ के दर्शन हो गये. जोशी मठ से बद्रीनाथ का 40 किमी का अंतर तय करने में 18 से 20 घंटे का वक्त लगा. बद्रीनाथ दर्शन के बाद लौटते समय फिर मार्ग पर बडी चट्टान गिरने और पहाडी धंस जाने से वह लोग जोशी मठ में अटके पडे हैंं. पांच दिन बीत गये हैं.
* महाराष्ट्र के सैकडों यात्री, अच्छी व्यवस्था
संजय शर्मा ने बताया कि महाराष्ट्र के सैकडों तीर्थयात्री अटके हैं तथापि यहां का प्रशासन सभी की साज संभाल कर रहा है. सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है. उत्तराखंड पर्यटन निगम के विश्रामगृह में ठहराया गया है. उसी प्रकार खान पान का भी बराबर ध्यान रखा जा रहा है.

* पहाडी काटकर बनाया रास्ता
जोशी मठ- रूद्र प्रयाग का मार्ग चट्टाने गिरने से अवरूध्द हो जाने और वहां भूस्खलन का डर बढने के बाद सीमावर्ती सुरक्षा बल ने पहाड काटकर रास्ता बनाना प्रारंभ किया. कच्चे रास्ते से आज सबेरे सैकडों यात्रियों को पैदल आगे बढाया गया. धीरे- धीरे इसी मार्ग पर छोटे वाहन भी परमिट किए जाने की संभावना संजय शर्मा ने व्यक्त की. शर्मा ने बार-बार सैन्य अधिकारियों को उनके अपूर्व सहयोग के लिए धन्यवाद दिया.

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