
अमरावती /दि.2– रामनवमी के पूर्व ही रामफल की आवक शुरु हो जाती है. शहर के बाजार में मेलघाट से सर्वाधिक प्रमाण में रामफल की आवक होती है. अमरावती शहर से सटे शिराला, शिंगणापुर तथा मोर्शी व चांदूर बाजार तहसील से भी रामफल बिक्री के लिए आते है. फिलहाल मौसम के अनुसार रामफल की आवक बढी है.
कृषि उपज मंडी के फल व्यापारी ने बताया कि, बाजार में फिलहाल 5 क्विंटल से 5 टन तक रामफल की आवक हो रही है. 60 रुपए से 120 रुपए किलो तक रामफल बाजार में बेचे जा रहे है. रामनवमी के पर्व पर इस फल की मांग बढ जाती है. रामनवमी पर्व पर ही रामफल बाजार में दिखाई देता है. रामनवमी पर्व पर धार्मिक कार्य के लिए इस्तेमाल किये जाने वाला रामफल स्वास्थ्यवर्धक फल है. इसमें विटैमिन ए व बी है. यह पित्त, थकान के लिए उपयुक्त है और रोगप्रतिकार शक्ति बढाने के लिए भी कारगर है. मधुमेह के मरीजों के लिए भी लाभकारी है. रामफल साल में केवल 40-50 दिन के लिए ही बाजार में उपलब्ध रहता है.
रामफल का उपयोग घरों में आईस्क्रीम बनाने में भी किया जाता है. साधारणत: फरवरी माह के आखिरी सप्ताह से मार्च के दौरान यह फल खाने के लिए उपलब्ध होता है. फरवरी से मार्च यह ग्रीष्मकाल की शुरुआत होने से यह काल अनेक लोगों के लिए परेशानी का होता है. रामफल शरीर व बदलते वातावरण को संतुलित करता है और शरीर में पोषकता निर्माण करता है. रामफल के अमरावती जिले के मेलघाट सहित मोर्शी, चांदूर बाजार, अचलपुर, अंजनगांव सुर्जी तहसील के सिंचाई क्षेत्र में पेड बडे प्रमाण में दिखाई देते है.
* रामफल को अच्छे दाम
नवंबर-दिसंबर में सीताफल और संतरा बाजार में आता है तथा अप्रैल के बाद आम और फरवरी, मार्च में रामफल की बाजार में आवक होती है. उस समय रामफल की किसी भी फल से स्पर्धा नहीं होने के चलते रामफल को अच्छे दाम मिलते है. रामफल के पेड पर सालभर में 200 से 250 फल लगते है.