अमरावती

विद्यापीठ में 29 दिसंबर को होने वाली सभा पारंपारिक पध्दति से ली जाए

पत्र परिषद में नूटा के पदाधिकारियों ने की मांग

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२५ – संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ की अधिसभा 29 दिसंबर को ऑनलाइन पध्दति से की जा रही है. यह सभा ऑनलाइन न लेते हुए पारंपारिक यानी ऑफलाइन पध्दति से लेने की मांग नूटा के पदाधिकारियों ने पत्र परिषद में उठाई.
पत्रकार परिषद में नूटा के पदाधिकारियों ने बताया कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए संगाबा अमरावती विवि की सिनेट सभा ऑनलाईन पध्दति से लिये जाने की बात कुलगुरू डॉ. चांदेकर ने इससे पहले ही स्पष्ट कर दी थी. साथ ही कहा था कि, जिलाधीश के निर्देशानुसार ही यह सभा ऑनलाईन आयोजीत की जा रही है. नूटा सहित अन्य सिनेट सदस्योें द्वारा विरोध किया जा रहा है. यह सभा झूम मिटींग ऍप के जरिये न लेते हुए पारंपारिक पध्दति से ली जाये. नूटा के पदाधिकारियों ने बताया कि कोरोना से संबंधित सभी आवश्यक प्रोटोकॉल व सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का पालन करते हुए विद्यापीठ व महाविद्यालय में रोजाना शत-प्रतिशत उपस्थिति भी संभव है. ऐसे में विद्यापीठ में भी सभी नियमों का पालन करते हुए एक दिवसीय अधिसभा भी बडी आसानी के साथ आयोजीत की जा सकती है.
वहीं लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा, विधान परिषद तथा महानगर पालिका सहित सभी स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं में सभाओें का कार्य नियमन सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का पालन करते हुए पारंपारिक पध्दति से हो रहा है, तो मात्र 65 सदस्यों वाली सिनेट की सभा भी कुलगुरू द्वारा इच्छाशक्ति दिखाये जाने पर सहज ढंग से ऑफलाईन क्यों नहीं हो सकती. विद्यापीठ में सिनेट सर्वोच्च सभागृह है. जिसकी साल में केवल दो बार बैठक होती है. जिसके जरिये सिनेट सदस्यों को अपने-अपने क्षेत्र के विद्यार्थियों, शिक्षकों, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों एवं स्नातकों से संबंधित मसलों व समस्याओं को उठाने का अवसर मिलता है. कोविड संक्रमण काल के दौरान महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के कई मसले विद्यापीठ व विद्यापीठीय परीक्षा से संबंधित है. जिन पर चर्चा करते हुए विद्यार्थियों के हितों में निर्णय लेना अधिसभा में ही संभव होता है. प्रत्यक्ष पारंपारिक सभा में जिस तरह से चर्चा व समस्याओं का निराकरण किया जा सकता है, वह आभासी यानी ऑनलाईन सभा में संभव नहीं होता. इसलिए 29 दिसंबर को होने वाली सिनेट सभा ऑनलाइन पध्दति से न लेते हुए पारंपारिक पध्दति से ही लेने की मांग की गई है. पत्र परिषद में नूटा के डॉ.प्रवीण रघुवंशी, डॉ.निलेश गावंडे, उत्पल टोंगे, सुनील मानकर, डॉ.भैया मेटकर, डॉ.सुभाष गावंडे, डॉ.संतोष ठाकरे, डॉ.अर्चना भोगे, डॉ.विवेक देशमुख, गजानन कडू, प्रा.दिलीप कडू, डॉ.विजय कापसे, डॉ.आर.एम.सरपाते, डॉ.रविंद्र मुंद्रे, प्रदीप देशपांडे, नितीन खर्चे, डॉ.बी.आर.वाघमारे मौजूद थे.

Related Articles

Back to top button