सामाजिक एकता से मिट सकता है नफरत का माहौल
सामाजिक सौहार्द के तहत आयोजित ‘एकता में शक्ति’ कार्यक्रम मेें जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष सलीम इंजीनियर का कथन
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अमरावती /दि.15– धर्म हमें हिंसा करना नहीं, बल्कि प्रेम करना सिखाता है. आपसी मेलजोल से ही हम देश में फैले नफरत के माहौल को मिटा सकते हैं, उक्त बातें जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने ‘साम्प्रदायिक सौहार्द्र : एकता में शक्ति’ कार्यक्रम के दौरान कहीं.
उल्लेखनीय है कि, समाज में आपसी प्रेम, भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के लिए जमात ए इस्लामी हिंद की तरफ से शुक्रवार 14 फरवरी की शाम 6:30 बजे मस्जिद तौहीद की पहली मंजिल, सैफी स्कूल के पास वहेदत नगर में ‘साम्प्रदायिक सौहार्द्र : एकता में शक्ति’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में बतौर विशेष अतिथि भाई मुकेश सिंह (गुरुद्वारा गुरुसिंह सभा, हेड ग्रंथी अमरावती), भंते बुद्ध प्रिय, बौद्ध विहार, फादर राजेश समद आईएमएस, रविदादा मानव (संचालक, श्रीगुरुदेव आध्यात्म गुरुकुल, गुरुकुंज मोझरी), सीपी नवीनचंद्र रेड्डी की तरफ से आए एसीपी खंडाले साहेब, गाड़गेनगर थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ब्रम्हागिरी व मौलाना मोहम्मद रियाज कासमी मौजूद थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता इंजीनियर मोहम्मद सलीम (उपाध्यक्ष, जमात ए इस्लामी हिंद) ने की. अपने अध्यक्षीय भाषण में जमात ए इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने कहा कि, ऐसे कार्यक्रम आज की जरूरत हैं. आज के माहौल में हमें एक साथ मिलने और बैठकर विमर्श करने की जरूरत है. हमें एक-दूसरे को समझने का प्रयास करना चाहिए. हमारे कुछ सवाल कॉमन हैं और उनका हल निकालने की कोशिश करना चाहिए. उन्होंने कहा कि, हिंसा किसी धर्म में नहीं है, लेकिन जब दिखावे के लिए धर्म का चोला पहना जाता है और उसका इस्तेमाल राजनीति के लिए किया जाता है तो उसमें हिंसा का प्रवेश हो जाता है. धर्म लोगों में चरित्र और नैतिकता पैदा करता है. धर्म कभी भी अन्याय और जुल्म नहीं करता है. भारत बहुत बड़ा देश है और बरसों से यहां की जनता एकता के साथ मिलजुल कर रही है और यही इस देश की विशेषता भी है. उन्होंने कहा कि, भारत देश को आजाद करवाने में सभी ने मिलजुल कर योगदान दिया था और उसके बाद भी सभी धर्म के लोग आपस में मिलजुल कर रह रहे हैं. हम सभी ने इस देश को आजाद करवाने में कुर्बानियां दी हैं. हमारे देश में काफी विविधता है और यह विविधता ही हमारे देश की ताकत है. हमें एकदूसरे के धर्म का आदर और सम्मान करना चाहिए. हमारी आस्था भले ही अलग हो एक-दूसरे से नहीं मिलती हो, लेकिन हमें हर धर्म का सम्मान करना ही होगा. कार्यक्रम के दौरान सभी वक्ताओं ने अपने विचार रखे और एकता में ही शक्ति की बात को दोहराया. इस दौरान भाई मुकेश सिंह (गुरुद्वारा गुरुसिंग सभा, हेड ग्रंथी अमरावती) ने कहा कि, हमारा धर्म सभी से प्यार करना सिखाता है और हमारी एकता में ही शक्ति है. हम सबसे पहले भारतीय हैं और आपसी प्रेम और मिलजुल कर रहना ही भारत की ताकत है. वहीं भंते बुद्ध प्रिय, फादर राजेश समद व गुरुकुंज मोझरी के रविदादा मानव ने भी कहा कि, धर्म हमें कभी हिंसा करना नहीं सिखाता है. उन्होंने कहा कि, जब गांव का सरपंच एक है, राज्य का मुख्यमंत्री एक है, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति एक हैं तो फिर भगवान कैसे अलग -अलग हो सकते हैं. इस पूरे संसार को चलाने वाला भी एक है. उन्होंने कहा कि, रमजान में राम के दर्शन होते हैं और दीपावली में अली के दर्शन होते हैं, यही एकता भारत की शक्ति है. कार्यक्रम के दौरान गाड़गे नगर थाने के थानेदार ब्रम्हागिरी ने कहा कि, हमारे देश की विशेषता है कि यहां कई धर्म और जाति होने के बावजूद हम सभी एक होकर रहते हैं. हमारी इसी विशेषता की विदेशी लोग भी सराहना करते हैं. उन्होंने कहा कि, पुलिस में ड्यूटी करने के दौरान हम किसी से कोई भेदभाव नहीं करते हैं और जो भी न्याय मांगने के लिए आता है उसकी शिकायत दर्ज कर उसे न्याय दिलवाते हैं. एसीपी खंडाले ने इस दौरान कहा कि, जमाते ए इस्लामी हिंद ने आज इस कार्यक्रम का आयोजन करके यह साबित कर दिया है कि वे जो कहते हैं वो करके भी दिखाते हैं इसलिए जमात ए इस्लामी हिंद को वे धन्यवाद देते हैं. उन्होंने कहा कि, पुलिस की वर्दी का निर्माण करने वाले ने इसे खाकी रंग ही इसलिए दिया है क्योंकि यह किसी धर्म विशेष की नहीं है. उन्होंने कहा कि, पुलिस का काम ही एकता बनाए रखने का है. इसीलिए वो पहले समझा बुझाकर लोगों को शांत करती है. उन्होंने कहा कि, युवा पीढ़ी को ऐसे कार्यक्रमों से सीख लेनी चाहिए. इस कार्यक्रम के अंतर्गत एड. आबिद हुसैन ने कहा कि, यह हमारा सौभाग्य है कि हमारे देश में कई धर्म और जातियां अलग-अलग होने के बावजूद सभी एक साथ रहते हैं. उन्होंने आजकल चल रहे हेट स्पीच पर दुख जताते हुए कहा कि, सुप्रीम कोर्ट ने कई बार हेट स्पीच के खिलाफ कानून बनाने की सलाह दी है. सुप्रीम कोर्ट सिर्फ कानून बनाने की सलाह दे सकता है, वह कानून बना नहीं सकता है. देश के नीति निर्धारकों को हेट स्पीच पर रोक लगाने के लिए कानून बनाना चाहिए. कार्यक्रम में सभी समाज के लोग मौजूद थे और सभी इस राय पर सहमत थे कि, एकता में ही शक्ति है और यही देश के लिए जरूरी है.