अमरावती

‘बैंड बजा’ आंदोलन से किया प्रशासन का ध्यानाकर्षण

जिलाधिकारी कार्यालय समक्ष जमा हुए सैकड़ो बैंड कलाकार

बैंड कलाकारों को लोककलाकार का दर्जा देने, व सरकारी स्थान पर खोके लगाने की रखी मांग
अमरावती/दि.31- राज्य के बैंड कलाकारों को लोककलाकार का दर्जा देने तथा चर्मकार समाज के जैसे ही सरकारी स्थानों पर खोके लगाकर व्यवसाय करने की आजादी तथा 5 हजार रुपये प्रतिमाह मानधन देने, साहित्य रत्न अण्णाभाऊ साठे विकास महामंडल की तरह एन.एफ.डी.सी योजना अंतर्गत 10 लाख रुपये कर्ज देने की मांग को लेकर आज 31 अगस्त गुरुवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर सुबह 11 बजे अमरावती जिला बैंड पथक एसोसिएशन की ओर से बैंड बचाओं आंदोलन किया गया.
विगत कई वर्षो से बैड पथक के कलाकार अपनी कला के जरिए अपना व परिवार का भरण पोषण करते है. लेकिन आज भी हजारों बैंड पथक कलाकारों को लोककलाकार का दर्जा नहीं मिल पाया है. वही डिजीटलीकरण के कारण अब शुभ अवसरों पर बैंड की बजाए डिजे आदि बजाए जाते है. जिसके कारण बैंड कलाकारों पर भुखमरी की नौबत आन पड़ी है. मातंग समाज का यह मुख्य व्यवसाय रहने के बावजूद शासन अब भी मातंग समाज को बैंड कलाकार नहीं समझ रही है. मांतग समाज के लोग कम दामों में बैंड बजाकर मुख्य अवसरों पर अपनी सेवाएं देते है. किंतु आज भी समाज के प्रतिनिधी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है. इन्ही बातों को ध्यान दिलाते हुए गुरुवार को किए गए ‘बैंड बजाओ आंदोलन’ के जरिए प्रशासन के सामने- बैंड व्यवसायियों को चर्मकार समाज की तरह समाज कल्याण विभाग की ओर से सरकारी स्थानों पर खोके लगाकर व्यवसाय करने का अवसर दे. बैड कलाकारों को लोक कलाकार का दर्जा देने, प्रतिमाह 5 हजार रुपये मानधन देने, बैंड कलाकारों को पुलिस दल, वायुदल, सैनिक दल, एस.आर.पी. एफ. व अन्य सरकारी दलों में प्राधान्यता दी जाने, साहित्य रत्न अण्णाभाऊ साठे विकास महा.मंडल की ओर से एन. एफ. डी. सी. योजना अंतर्गत 10 लाख रुपए बिना शर्त के कर्ज दिया जाने की मांग रखी गयी. आंदोलन में गणेश कलाने, गणेशदास गायकवाड़, उत्तमराव भैसणे, राजाभाऊ हातागड़े, गणेश कलाने, सुरेश गवली, राजेश वानखड़े, सुखदेव खडसे, मेजर महादेव खंडारे, डॉ. रुपेश खडसे, पंकज जाधव, मनोहर सरकुटे, सुखदे खडसे, अनिल अढ़ालगे, दिलीप गवई, राजा वानखड़े, बंडू सरकटे, प्रभाकर तायडे, संजय शैकडे, नथ्थुजी गवई, विठ्ठल गवई, अशोक भोंगे, महादेव भोंगे, अशोक वानखड़े, क्षनिधा वाघमारे, उत्तम तायडे, दत्ता कुल्हाणे, अशोक इंगले, जगदीश कलाणे, भागचंद कुव्हे, शिवदास स्वर्गे आदि उपस्थित थे.

Related Articles

Back to top button