अमरावती

पर्यावरण समिति की अनुमति न मिलने पर रेती घाटों की निलामी रुकी

जिले में रेती घाटों से खुलेआम की जा रही रेत तस्करी

  • रेत माफियाओं द्वारा राजस्व अधिकारियों पर किए जा रहे हमलें

अमरावती/दि.२ – जिले में रेती घाटों की निलामी अब तक शुरु नहीं की जा सकी. पिछले कुछ महीनों से लॉकडाउन के चलते निर्माण कार्य पूरी तरह से बंद हो गए थे. किंतु अब अनलॉक होते ही निर्माण कार्य शुरु होने की वजह से रेत की मांग बढ गई है. किंतु जिले में पर्यावरण समिति द्वारा अनुमति नहीं दी जाने की वजह से रेत की घाटों की निलामी रुक गई है. जिसकी वजह से जिले में रेती की तस्करी बढ गई है. तथा राजस्व अधिकारियों पर रेत माफियाओं द्वारा किए जा रहे हमलों की संख्या भी बढी है. ऐसी जानकारी जिला खनिज अधिकारी सुनील रामटेके ने दी है.
निर्माण कार्य के लिए रेत नदियों के घाटों से उत्खलन कर निकाली जाती है. जिसके लिए हर साल जिला खनिज विभाग की ओर से सितंबर महीने में रेतीघाटों की निलामी की जाती है और सितंबर महीने में ठेकेदारों को रेती घाटों का कब्जा दे दिया जाता है. किंतु इस साल जिले की किसी भी रेत घाट की निलामी नहीं की गई. बता दें कि अमरावती जिले में कुल ९६ रेती घाट है. इन रेतीघाटों की निलामी के लिए खनिज विभाग को पर्यावरण समिति की अनुमति लेनी होती है. पर्यावरण विभाग द्वारा पर्यावरण प्रमाणपत्र दिए जाने के बाद ही निलामी की प्रक्रिया शुरु की जाती है. किंतु इस साल खनिज विभाग को पर्यावरण समिति द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने की वजह से निलामी की प्रक्रिया शरुु नहीं हो सकी. हर साल जिलाधिकारी कार्यालय अंतर्गत आने वाले खनिज विभाग को १० से ५ करोड रुपए का राजस्व प्राप्त होता है.
इस साल अच्छी बारिश के चलते २० करोड रुपए राजस्व प्राप्त होने की अपेक्षा की जा रही थी. रेती घाट निलाम न होने की वजह से जिले में रेती तस्कर बढ गए है. आए दिन राजस्व अधिकारियों पर तस्करों द्वारा हमला करने की घटनाएं देखी जा रही है. मंगलवार को भातकुली यहां पर नायब तहसीलदार पर ट्रैक्टर चढाने का प्रयास रेत माफियाओं द्वारा किया गया. इसके पूर्व रहिमापुर पुलिसथाना अंतर्गत १४ फरवरी को इसी प्रकार की घटना घटी थी. जिसमें रेत माफियाओं द्वारा किए गए हमले की घटना की शिकायत रहिमापुर पुलिस थाने में दर्ज की गई है. २०१६ में सतत सात घटना घटी थी. जिसमें उस समय पांच दिन का आंदोलन अधिकारियों द्वारा किया गया था. जिसमें अधिकारियों ने अपनी सुरक्षा की मांग की थी.

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