1 नवंबर से शुरु होने वाली अमरावती-पुणे नई ट्रेन का मुहूर्त टला
पुणे से आने वाले यात्री त्रस्त
* ट्रैवल्स संचालक वसूल कर रहे मनमाना किराया
अमरावती/दि.4– भुसावल तक दौडने वाले पुणे चेयर कार ट्रेन को अमरावती तक चलाने के आदेश रेलवे बोर्ड के संयुक्त निदेशक कोचिंग संजय आर. निलम ने 30 अक्टूबर को जारी किए थे, किंतु अमरावती-पुणे और पुणे-अमरावती यह नई ट्रेन 1 नवंबर से शुरु नहीं हो पाई. महानगर यात्री संघ के अध्यक्ष अनिल तरडेजा ने दी जानकारी के अनुसार यह ट्रेन 1 नवंबर से शुरु की जानेवाली थी. इसीलिए दिवाली में पुणे से अमरावती आने की तैयारी कर रहे सैकडों छात्रों और नौकरीपेशा लोगों ने इस नई ट्रेन की प्रतीक्षा में अब तक किसी भी टे्रन या ट्रैवलस में रिजर्वेशन नहीं किया. जिसके कारण अमरावती व आसपास के जिले, शहरों में पुणे से दिवाली में आने वाले यात्रियों का नियोजन बिगड गया है. ऐसे में अब ट्रैवल्स चालकों द्वारा मनमाना किराया वसूल किया जा रहा है.
* जनप्रतिनिधियों का मौन?
ट्रैवल्स संचालकों द्वारा मनमाना किराया वसूल किया जा रहा है. प्रति यात्रा 3 हजार से 3500 रुपए वसूल किए जा रहे है. 10 से 20 हजार रुपए की नौकरी करने वाले दिवाली में परिवार से भेंट करने के लिए आने इतना पैसा कैसे खर्च करेंगे? यह बडी समस्या है. मनमाने किराया वसूली पर जनप्रतिनिधियों अब ध्यान नहीं दिया. पुणे से अमरावती आने की तैयारी कर रहे कुछ छात्रों ने स्पष्ट किया कि, पिछले साल पूर्व मंत्री डॉ.सुनील देशमुख ने अमरावती-पुणे ट्रैवल्स बसों में अतिरिक्त किराया वसूल होने पर कार्रवाई की मांग की थी. उनके प्रयास से आरटीओ ने मनमाना किराया वसूल करने वाले ट्रैवल्स का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया था. इनमें जोगेश्वरी, प्रसन्ना, पर्पल, वीआरएल ट्रैवल्स का लाइसेंस रद्द करने का प्रस्ताव किया था, किंतु इस दिवाली में पुणे से अमरावती आने वाले विद्यार्थी और नौकरीपेशा लोगों के लिए जनप्रतिनिधि मौन क्यों है? यह सवाल यात्री कर रहे है.