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भूजल सर्वेक्षण विभाग ने दी जानकारी
अमरावती/दि.5 – विगत वर्ष वापसी की बारिश के चलते पुनर्भरण होने की वजह से भूगर्भ जलस्तर में वृध्दि हुई थी. इस बार जून माह के दौरान चार तहसीलों में यद्यपि भूजल स्थिति में अंशत: कमी आयी है. किंतु दस तहसीलों का औसत भूजल स्तर तुलनात्मक रूप से बढा है. भूजल सर्वेक्षण विभाग (जीएसडीए) द्वारा जिले के 150 निरीक्षण कुओं के स्थिर जलस्तर के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है.
दी गई जानकारी के मुताबिक गत वर्ष अमरावती जिले में 829.90 मिमी. यानी 96.18 फीसद बारिश हुई थी. जिसके बाद वापसी की बारिश होने के साथ ही दिसंबर माह तक बेमौसम बारिश जारी थी. ऐसे में भूजल का पुनर्भरण हुआ. जिसका सकारात्मक परिणाम अब दिखाई देने लगा है. इस बार मार्च माह तक सभी तहसीलों के भूजल स्तर में वृध्दि दर्ज की गई है. जिसके लिए जीएसडीए द्वारा पांच वर्ष के जलस्तर निरीक्षण के आधार पर निष्कर्ष निकाला गया है. वहीं जून माह के दौरान तिवसा, चांदूर बाजार, अंजनगांव तथा दर्यापुर तहसील के भूजल स्तर में अंशत: कमी आयी है. भूजल सर्वेक्षण विभाग के मुताबिक अमरावती तहसील में 0.01 मीटर, भातकुली में 0.26 मीटर, नांदगांव खंडेश्वर में 1.22 मीटर, चांदूर रेल्वे में 0.17 मीटर, मोर्शी में 1.85 मीटर, वरूड में 1.38 मीटर, अचलपुर में 0.33 मीटर, धारणी में 1.40 मीटर, चिखलदरा में 1.01 मीटर तथा धामणगांव रेल्वे तहसील में 0.68 मीटर से भूगर्भ जलस्तर में वृध्दि हुई है. पांच वर्ष के दौरान इस वर्ष पहली बार भूजल की स्थिति काफी सकारात्मक दिखाई दे रही है.
रेड झोन में भी बढा भूजलस्तर
भूजल का बेतहाशा दोहन होने की वजह से रेड झोन में शामिल हो चुके मोर्शी व वरूड तहसील में भी इस बार बेहद सुखद चित्र दिखाई दे रहा है. इन दोनों तहसीलों के भूगर्भ जलस्तर में क्रमश: 1.85 तथा 1.35 मीटर की वृध्दि होती दिखाई दे रही है. भूजल का पुनर्भरण, जलसंधारण के काम तथा अनधिकृत बोअर पर प्रतिबंध रहने के चलते इन दोनों तहसीलों में भूजल स्तर में वृध्दि होती दिखाई दे रही है.
खारपाणपट्टे में स्थिति चिंताजनक
दर्यापुर व अंजनगांव सुर्जी इन दो तहसीलों के भूजल में इस बार कमी आयी है. यहां पर सिंचाई का क्षेत्र भी कम है. जिले की दर्यापुर तहसील में सर्वाधिक 2.12 मीटर तथा अंजनगांव तहसील में 0.70 मीटर भूजल स्तर घटा है. इसके अलावा भातकुली तहसील में 0.26 मीटर की वृध्दि हुई है.