अमरावती

खुदाई पर प्रतिबंध से आम लोगों के पैरों तले ‘रेत’ सरक गई!

9 जून से रेत उत्खनन पर लगेगा प्रतिबंध

* सपनों का घर साकार करना होगा मुश्किल
अमरावती/दि.27 – सरकारी नीति व पर्यावरण संबंधि नियमों के चलते आगामी 9 जून से रेतीघाटों से रेत का उत्खनन करना बंद कर दिया जाएगा. वहीं अब तक रेत डिपो तक रेत ढुलाई के लिए प्रकाशित निविदा को भी अपेक्षित प्रतिसाद नहीं मिला है. जिसके चलते रेत डिपो में रेत का स्टॉक उपलब्ध नहीं है. ऐसी स्थिति की वजह से रेत तस्करों की जमकर चांदी होने वाली है. साथ ही सर्वसामान्य लोगों को चोरी-छीपे लायी जाने वाली रेत अनाप-शनाप दामों पर खरीदनी पड सकती है. जिसके चलते अपने सपनों का घर साकार करने की चाहत रखने वाले लोगों के पैरों तलों से इस समय रेत फिसली हुई है.
जिला प्रशासन ने रेत उत्खनन के लिए 8 तहसीलों मेें 44 रेतीघाट व 15 रेत डिपो निश्चित किए है. जिसके लिए अब तक 3 बार निविदा प्रकाशित की जा चुकी है. लेकिन केवल 4 रेतीघाटों के लिए ही इच्छूकों की ओर से प्रतिसाद मिला. वहीं शेष रेतीघाटों से रेत ढुलाई के लिए कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ. ऐसी ही स्थिति के बीच नदी पात्र से रेत उत्खनन करने की डेडलाइन 9 जून को खत्म होने जा रही है. जिसके बाद 30 सितंबर तक नदी पात्र से रेत उत्खनन का काम बंद रहेगा. ऐसी स्थिति रहने के बीच केवल दो सप्ताह के भीतर दोबारा नये सिरे से निविदा प्रक्रिया को पूर्ण करना संभव नहीं है. इसके चलते प्रशासन के सामने भी तकनीकी पेंच बना हुआ है.
रेतघाट बंद रहने के दौरान नागरिकों को उपलब्ध कराने हेतु रेत डिपो में रेत उपलब्ध नहीं है. साथ ही एक ही रेतीघाट की अब तक निलामी नहीं हुई है. जिसके चलते अन्य प्रांतों से आने वाली रेती अथवा जिले के रेतीघाटों से तस्करी करते हुए लायी जाने वाली रेती को दोगुणे दामों पर खरीदने के अलावा नागरिकों के सामने अन्य कोई पर्याप्त शेष नहीं है. ऐसे में निर्माणकार्य जारी रखने पर भवन निर्माण की लागत बढ सकती है. या फिर आगामी 30 सितंबर के बाद जब तक रेतीघाटों से दुबारा रेत का उत्खनन शुरु नहीं होता, तब तक लोगों को अपने सपनों के घर का निर्माणकार्य बंद रखना पड सकता है.

* घरकुल लाभार्थियों के लिए एक रेतीघाट आरक्षित
जिले के घरकुल लाभार्थियों को 5 ब्रास तक रेत मुफ्त दी जाती है. ऐसे में फिलहाल की स्थिति को लेकर जिला प्रशासन ने राज्य सरकार के मार्गदर्शन मांगा है. साथ ही प्रत्येक तहसील में एक रेतीघाट को आरक्षित रखा जा रहा है. इस रेतीघाट से रॉयल्टी पास कर प्रत्येक घरकुल लाभार्थी द्बारा 5 ब्रास तक रेत की खुदाई व ढुलाई की जा सकती है. जिसके लिए संबंधित लाभार्थी को रॉयल्टी दी जाएगी.

* रेती की खुदाई बंद रहने के दौरान रेतीघाटों से रेत उत्खनन न हो, इस हेतु जिला व तहसील प्रशासन का पथक सक्रिय कियागया है. इसके साथ ही निविदा तय नहीं होने के चलते राज्य सरकार से आवश्यक मार्गदर्शन भी मांगा गया है.
– डॉ. इमरान शेख,
जिला खनिकर्म अधिकारी

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