अमरावतीमहाराष्ट्र

शहर में सिंगल यूज प्लास्टीक पर प्रतिबंध केवल नाम के लिए

हर ओर सिंगल यूज प्लास्टीक का धडल्ले के साथ प्रयोग

* सालभर में मनपा ने की केवल 91 वे कारवाईयां
अमरावती /दि.28– सिंगल यूज प्लास्टीक यानी एसयूपी पर बंदी रहने के बावजूद उसका शहर में धडल्ले के साथ प्रयोग हो रहा है. साग-सब्जी व फल विक्रेताओं सहित छोटे-मोटे विक्रेताओं के पास प्रतिबंधित रहनेवाली प्लास्टीक पन्नीया व थैलियां खुलेआम दिखाई देती है. वहीं दूसरी ओर विगत एक साल के दौरान मनपा ने सिंगल यूज प्लास्टीक को लेकर केवल 91 कारवाईयां ही की है. ऐसे में सिंगल यूज प्लास्टीक का प्रयोग करनेवाले विक्रेताओं व व्यवसायियों में मनपा की कारवाई का कोई डर नहीं है और वे धडल्ले के साथ सिंगल यूज प्लास्टीक के बनी पन्नीयों व कैरीबैग को प्रयोग में ला रहे है. ऐसे में पर्यावरण संरक्षण व प्रदूषण नियंत्रण के लिए विक्रेताओं सहित ग्राहकों पर भी कार्रवाई करने की जरुरत है और प्रशासन द्वारा ऐसी कारवाईयों में सातत्य रखा जाना बेहद आवश्यक है.
उल्लेखनीय है कि, शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में बडे पैमाने पर प्रदूषण बढ जाने के चलते उस पर नियंत्रण रखने हेतु 59 मायक्रॉन से कम रहनेवाली प्लास्टीक पन्नी के उत्पादन व प्रयोग पर राज्य सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है. लेकिन इसके बावजूद 50 मायक्रॉन से कम रहनेवाली प्लास्टीक पन्नीयों का धडल्ले के साथ प्रयोग हो रहा है. जिसके चलते कहा जा सकता है कि, यह पाबंदी केवल नाममात्र के लिए है और दस्तावेजों पर ही है. जिसके चलते शहर में रोजाना जमा होनेवाले कचरे में प्लास्टीक का प्रमाण दिनोंदिन बढ रहा है तथा स्वास्थ सहित पर्यावरण की समस्या गंभीर होती जा रही है.

* क्या है सिंगल यूज प्लास्टीक
प्लास्टीक से बननेवाली ऐसी वस्तुएं जिनका एक बार प्रयोग करने के बाद उन्हें फेंक देना होता है और उनका सतत प्रयोग करने पर पर्यावरण सहित स्वास्थ के लिए खतरा पैदा हो सकता है. ऐसी वस्तुओं को सिंगल यूज प्लास्टीक कहा जाता है.

* क्या कहता है नियम
सिंगल यूज प्लास्टीक से बननेवाली पन्नी, थैली, कप, प्लेट, स्ट्रॉ, फूड पैकेजिंग व डिस्पोजेबल बोतल जैसी वस्तुओं के उत्पादन व विक्री पर प्रतिबंध है.

* उल्लंघन होने पर यह कार्रवाई
सिंगल यूज प्लास्टीक के उत्पादो, संग्रहन, विक्री व प्रयोग सहित ढुलाई पर प्रतिबंध है. इस नियम का उल्लंघन करने पर पहली बार 5 हजार रुपए, दूसरी बार 10 हजार रुपए व तीसरी बार 25 हजार रुपए के दंड का प्रावधान है. इसके बाद भी बार-बार नियमों का उल्लंघन करनेवालो के खिलाफ अपराध दर्ज करते हुए मुकदमा चलाया जा सकता है और ऐसे मामलो में सजा भी हो सकती है.

* प्राणियों का स्वास्थ खतरे में
सिंगल यूज प्लास्टीक के अनियंत्रित प्रयोग की वजह से नदी-नाले व गटर में कचरा फस जाता है. साथ ही प्लास्टीक का कचरा पेट में जाने की वजह से गाय, कुत्ते व भेड-बकरियों जैसे जानवरों का स्वास्थ खतरे में आ जाता है. साथ ही प्लास्टीक के पेट में जाने की वजह से कई बार जानवरों की मौत भी होती है, ऐसी जानकारी पशुसंवर्धन सहायक आयुक्त डॉ. प्रतिक बोडखे द्वारा दी गई है.

* प्रयोग पर नहीं निर्मिती पर प्रतिबंध जरुरी
प्लास्टीक का विघटन नहीं होता, जिसकी वजह से पर्यावरण की हानी होती है. ऐसे में प्लास्टीक के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने की बजाए प्लास्टीक की निर्मिती पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. साथ ही इसे लेकर जनजागृति भी होनी चाहिए. इसके अलावा विक्रेताओं सहित ग्राहकों पर होनेवाली कार्रवाई में प्रशासन द्वारा सातत्य रखा जाना चाहिए.
– राजेंद्र गायगोले
पर्यावरण प्रेमी.

* अन्य राज्यों से आता है माल
सिंगल यूज प्लास्टीक का उत्पादन अपने यहां नहीं होता बल्कि दूसरे राज्यों से माल आता है. जिसके बारे में जानकारी मिलने पर मनपा के पथक द्वारा कार्रवाई की जाती है. साथ ही महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल व मनपा के समन्वय के साथ कार्रवाई करने हेतु जल्द ही बातचीत की जाएगी.
– सचिन कलंत्रे
आयुक्त व प्रशासक
अमरावती मनपा.

* प्रतिबंध हेतु पथक तैयार
अमरावती में दो प्लास्टीक कारखाने है परंतु उनमें सिंगल यूज प्लास्टीक तैयार नहीं होता. बल्कि अमरावती में अन्य राज्यों से सिंगल यूज प्लास्टीक से बने उत्पाद लाए जाते है. जिन पर प्रतिबंध लगाने हेतु महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा पथक गठित किया गया है. साथ ही ऐसे मामलो में सरकार द्वारा गठित पथक सहित पुलिस व मनपा के पथकों द्वारा भी कार्रवाई की जाती है.
– एस. डी. पाटिल
प्रादेशिक अधिकारी
महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल.

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