भोले के भक्तों के जत्थे सालबर्डी की ओर हो रहे है रवाना
यात्रा महोत्सव और छोटे महादेव की दर्शन की उत्सुकता
मोर्शी /दि. १७– सतपुडा की पहाडियों में ६००-७०० वर्षों से मध्यप्रदेश की सीमा में प्राचीन गुफा में शिवलिंग है. इस शिवलिंग पर १२ महीने प्राकृतिक पानी से जलाभिषेक होता रहता है. यहां पर कई किमी. दूरी तक कोई प्राकृतिक जलस्त्रोत न रहते हुए भी शिवलिंग पर निरंतर जलाभिषेक यह विज्ञान युग में चमत्कार माना जा रहा है. यहां पर बडे पैमाने पर साल वृक्ष रहने से उसे सालबर्डी नाम दिया गया है. यह गांव महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश की सीमा अंतर्गत है. मध्यप्रदेश की सीमा में बैतूल जिले के आठनेर तहसील में सालबर्डी की स्वतंत्र ग्राम पंचायत है. आधा गांव महाराष्ट्र में आनेे से पाला ग्राम पंचायत की गुट ग्राम पंचायत सालबर्डी है. शनिवार १८ फरवरी से यहां से कुछ किमी. की दूरी पर सतपुडा की पहाडी में बसे श्रीक्षेत्र सालबर्डी में महाशिवरात्रि से ८ दिन की बड़ी यात्रा रहती है. कोरोना के दौर के बाद इस वर्ष यात्रा में मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र के भक्तों की बडी भीड रहेगी. भोले भक्तों के जत्थे सालबर्डी की ओर रवाना हो रहे हैं. दोनों राज्यों का प्रशासन यात्रा का संयुक्त नियोजन करता है. साथ ही पेयजल व बिजली का प्रबंध किया जाता है. सालबर्डी में प्रवेश करते ही सड़क के दोनों ओर संतरे के बाग हैं. माडू नदी के किनारे संत महादेव महाराज देवस्थान, मारूति महाराज देवस्थान, संत भगवान बाबा देवस्थान है. यहां पर भक्तों के निवास का प्रबंध किया गया है. संत मारुति महाराज के समाधि स्थल पर बड़ा देवस्थान स्थापित किया गया है. सालबर्डी की पहली सीढ़ी के पास भक्तों के दर्शन के लिए शिवलिंग, आगे कुछ दूरी पर माडू व गुप्त गंगा नदी के संगम पर श्रीराम का मंदिर है. सुचारू यातायात के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने सालबर्डी आठनेर महामार्ग शुरू किया है. संगम से कुछ दूरी पर महानुभाव पंथ का प्राचीन मंदिर है. वर्षभर यहां दर्शन के लिए भक्त आते रहते हैं.
कई ऐतिहासिक स्थल
यहां से कुछ ही दूरी पर महाभारतकालीन पांडवों की कचहरी है. उसकी देखभाल की जिम्मेदारी पुरातत्व विभाग नागपुर पर है. रामायण ग्रंथ में सीता के वनवास के काल में वह सतपुडा पर्वत पहाडी में कुछ देर रही थीं. स्रान करने के लिए यहां पर जलकुंड है. इस कुंड में आज भी गर्म तथा ठंडा पानी उपलब्ध है. सीता माता ने यहीं पर लव-कुश जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था, ऐसा भी बताया जाता है.
पर्यटकों की उमडती है भीड़
प्राकृतिक वनसंपत्ति से संपन्न इस मध्यप्रदेश में और भी प्रेक्षणीय स्थान रहने से हमेशा पर्यटकों का आवागमन जारी रहता है. प्राचीन शिव गुफा के समीप मध्यप्रदेश सरकार ने पेयजल व बिजली आपूर्ति का प्रबंध किया है. सालबर्डी यात्रा महोत्सव में आकाश झूले, मौत का कुआं, सिनेमा टॉकीज, होटल, स्टेशनरी की दूकानें, चना-फुटाना, बर्तन, पत्थर की चक्की की दुकानें लगती हैं. यात्रा के दौरान कानून व्यवस्था बरकरार रखने की द़ृष्टि से मोर्शी व आठनेर पुलिस का तगडा बंदोबस्त तैनात है. सालबर्डी जाने वाले यात्रियों की सेवा के लिए एसटी महामंडल ने मोर्शी, वरुड, परतवाडा, अमरावती, आर्वी, यवतमाल, नागपुर से विशेष बसों का प्रबंध किया है.