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हक की लढाई है… यह हक की लढाई!

देशव्यापी हडताल में शामिल हुई विभिन्न कामगार संगठनाएं

* विभिन्न सरकारी कार्यालयों पर आंदोलन श्रृंखला
अमरावती/ दि.28- सोमवार को सिटू समेत विभिन्न कामगार संगठनाओं ने देशव्यापी हडताल में शामिल होेकर अपने हक के लिए आवाज बुलंद की. महाराष्ट्र राज्य बिजली कर्मचारी, अधिकारी संघर्ष समिति, ऑल इंडिया ग्रामीण डाक सेवक युनियन, पोस्टल इम्प्लाइज युनियन, जिला ट्रेड युनियन काउंसिल, अंगणवाडी कर्मचारी संगठना सिटू, शालेय पोषण आहर कर्मचारी युनियन आयटक, आशा वर्कर्स गुट प्रवर्तक संगठन, बैंक कर्मचारी संगठन आदियों ने सोमवार को अपनी विभिन्न प्रलंबित मांगों को लेकर आंदोलन की हुंकार भरी.

* बिजली कर्मचारी दो दिनों के हडताल पर
उर्जा सचिव तथा तीनों बिजली कंपनियों के व्यवस्थापन में सामंजस्य करार नहीं होने से नाराज महाराष्ट्र राज्य बिजली कर्मचारी, अधिकारी, अभियंता व कंत्राटी कामगार संघर्ष समिति ने दो दिवसीय हडताल का ऐलान किया है. इस हडताल की शुरुआत आज सोमवार से की गई. संघर्ष समिति ने बताया कि, 25 मार्च को राज्य सरकार केे उर्जा सचिव स्तर पर तीनों बिजली कंपनियों के व्यवस्थापकीय संचालकों से ऑनलाइन चर्चा हुई, लेकिन सभी संगठनों ने 9 फरवरी 2022 को दिये हडताल के नोटीस पर डेढ महिने तक किसी भी प्रकार की चर्चा नहीं की गई ओैर ऐन हडताल के मुहाने ऑनलाइन बैठक बुलाई गई. जिसका संघर्ष समिति ने निषेध व्यक्त कर हडताल का नारा बुलंद किया. देश के संपूर्ण बिजली उद्योग का निजीकरण करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने बिजली संशोधन बिल लाया है. जिसके खिलाफ बिजली कर्मचारियों ने आवाज बुलंद कर दो दिवसीय हडताल की शुरुआत कर दी है. उर्जा उद्योग व कंपनियों के अस्तत्व के लिए यह हडताल शुरु करने की जानकारी संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने दी. आंदोलन में संघर्ष समिति के आकाश शिंगपुरे, दत्ता शेजोडे, धिरज मेंढुले, चंदू बानुबाकोडे समेत सैकडों कर्मचारी शामिल हुए.

ऑल इंडिया ग्रामीण डाक सेवक भी लामबंद
कामगार विरोधी कानून निरस्थ किये जाए, नई पेंशन योजना बंद कर पुरानी पेंशन योजना शुरु करें, जीडीएस समेत सभी कर्मचारियों को विश्व व्यापी सामाजिक सुरक्षा प्रदान हो, सभी कर्मचारियों को सामूहिक बीमा कवच का लाभ मिले, डाक सेवा का निजीकरण रोके, जीडीएस कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों का दर्जा लागू करे, पेड लीव 180 दिनों तक जमा की जाए आदि 14 मांगों के लिए ऑल इंडिया ग्रामीण डाक सेवक युनियन ने दो दिवसीय हडताल का ऐलान किया है. इस देशव्यापी हडताल के माध्यम से कामगारों के हक की लढाई लडने की बात डाक सेवक युनियन के विभागीय अध्यक्ष एम.के.काजी, कोषाध्यक्ष एस.ए.तलकीत, वी.ए.रिठे, वैभव कापसे आदि ने बताई.

ट्रेड युनियन ने निकाला विशाल मोर्चा
केंद्र व राज्य सरकार के कामगार विरोधी व जनविरोधी निती का विरोध करने के लिए देश के संगठी-असंगठित क्षेत्र के करोडों कामगारों ने दो दिवसीय देशव्यापी हडताल शुरु कर अमरावती जिला टे्रड युनियन काउंसील की ओर से कामगारों का विशाल मोर्चा निकाला. शहर के इर्विन चौक से इस मोर्चे की शुरुआत की गई. मोर्चे में कामगार, कर्मचारी महिला, पुरुष बडी संख्या में शामिल थे. पेट्रोल, डीजल, गैस के रेट कम किये जाए, जीवनावश्यक वस्तुओं की महंगाई कम करे, श्रम संहिता रद्द करे, कामगारों के हित में कामगार कानून पुन: प्रस्तापित कर उसकी अमलबजावनी हो आदि 10 प्रमुख मांगों के लिए इस दो दिवसीय हडताल का नियोजन कामगार संगठनों व्दारा किया गया हेै. मोर्चे में जिला ट्रेड युनियन काउंसील के अध्यक्ष उदयन शर्मा, महासचिव पी.बी.उके, कार्याध्यक्ष डी.एस.पवार, कामगार नेता तुकाराम भस्मे, चंदू बानुबाकोडे, सुभाष पांडे, विजय भुयार, रविंद्र धुमाले समेत सैकडों का समावेश था.

अंगणवाडी कर्मचारियों ने मांगा मासिक पेंशन
सोमवार को अंगणवाडी कर्मचारी संगठन सिटू ने केंद्र व राज्य सरकार के कामगार विरोधी नितियों का निषेध कर आंदोलन किया. अंगणवाडी कर्मचारियों को मानधन दिया जाए, प्रतिमाह मासिक पेंशन लागू करे, नया मोबाइल व निर्दोश मराठी पोषण ट्रैकर अप्लीकेशन शुरु करे, लाभार्थियों के पुरक पोषण आहार में तीन गुना वृध्दि करे, मददनीस के प्रमोशन के लिए प्रभाग की शर्त हटाई जाए आदि मांगों को लेकर सिटू संगठन ने धरना प्रदर्शन कर प्रकल्प अधिकारियों को निवेदन दिये, आंदोलन में सिटू संगठन के जिलाध्यक्ष रमेश सोनुले, सफिया खान, प्रतिभा शिंदे, पद्मा गजभिये, चंदा वानखडे, रेहाना यास्मीन, मंगला ठाकरे, सुरेखा बुटले, संघमित्रा जांभुलकर, मनोरमा राउत, आशा वैद्य, लता मालवे सहित सैकडों कर्मचारियों ने हिस्सा लिया.

आहार कर्मचारियों का धरना आंदोलन
शालेय पोषण आहार अंतर्गत 18 साल से कार्यरत कर्मचारियों की मांगे प्रलंबित है. राज्य के शिक्षामंत्री ने आयटक के माध्यम से इन सभी लंबित मांगों को पूर्ण करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक इन मांगों की पूर्तता नहीं हुई है. यह आरोप महाराष्ट्र राज्य शालेय पोषण आहार कर्मचारी युनियन आयटक ने जिलाधीश कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन कर लगाया. शालेय पोषण आहार कर्मचारियों को पांडेचेरी राज्य में प्रति माह 14 हजार रुपए, केरल में 10 हजार रुपए तो तमिलनाडू में 8 हजार रुपए मानधन दिया जाता है, लेकिन राज्य के शालेय पोषण आहार कर्मचारियों को केवल 1500 रुपए मानधन दिया जाता है. इतने कम मानधन में परिवार कैेसे चलाए, यह सवाल पूछते हुए शालेय पोषण आहार कर्मचारियों को स्थायी ऑर्डर देकर उन्हें चपराशी पद पर नियुक्त किया जाए, पोषण आहार कर्मचारियों को प्रति माह 21 हजार रुपए मानधन मिले, काम पर से निकाले गए कर्मचारियों को वापिस काम पर रखा जाए, सितंबर 2021 से बकाया मानधन त्वरीत वितरित किया जाए आदि मांगों के लिए यह धरना प्रदर्शन किया गया. आंदोलन में आयटक के अर्चना भांडवलकर, पुरुषोत्तम खोब्रागडे, राजेंद्र शहाले, रमेश गायकवाड, सुरेश पखले, आकाश कडू समेत सैकडों कर्मचारियों ने हिस्सा लिया.

मनपा पर धमकी आशा वर्कर
28 व 29 मार्च के देशव्यापी हडताल में शामिल आशा वर्कर्स गुट प्रवर्तक संगठन ने मनपा मुख्यालय में धमककर मनपा अंतर्गत आरोग्य केंद्र संबंधित लंबित मांगों का निवेदन निगमायुक्त को सौंपा. महानगर पालिका व्दारा वर्ष 2021-22 के बजट में किये प्रावधान के अनुसार मानधन वृध्दि व सात महिने के बकाये का भुगतान करने के लिए आगामी बजट में प्रावधान किया जाए, शासन ने जुलाई 2020 से आशा कर्मचारियों को 2 हजार रुपए व गुट प्रवर्तकों को 3 हजार रुपए का वितरण किया नहीं है. वर्ष 2021 से आशा वर्कर को 1500 रुपए व गुट प्रवर्तकों को 1700 रुपए लागू किये गए है, लेकिन अब तक उसका वितरण नहीं हुआ है. यह वितरण जल्द से जल्द करने की मांग सिटू संगठन ने निगमायुक्त को सौंपे निवेदन से की.

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