बैंक हडताल के चलते 2400 करोड रूपयों के व्यवहार ठप्प
निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मी कर रहे हडताल
अमरावती/दि.17- राष्ट्रीयकृत बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण का विरोध करते हुए युनायटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स् के नेतृत्व में बैंक कर्मियों द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हडताल की गई. जिसके परिणाम स्वरूप गुरूवार व शुक्रवार को जिले में करीब 2400 करोड रूपयों के व्यवहार ठप रहे. ऐसी जानकारी सामने आयी है.
बता दें कि, केंद्र सरकार द्वारा बैंकिंग एक्ट 1970-1980 कानून में संशोधन करते हुए राष्ट्रीयकृत बैंकों का निजीकरण करने के लिहाज से प्रयास किया जा रहा है. जिसका विरोध करते हुए यूनायटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स का कहना है कि, सरकार द्वारा बैंक के ग्राहकों, निवेशकों, शेयरधारकों, वित्त विशेषज्ञों तथा राजनीतिक दलों को विश्वास में न लेते हुए और उनके विरोध को दरकिनार करते हुए सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है. अपनी इसी भूमिका के चलते संगठन द्वारा गुरूवार 15 दिसंबर व शुक्रवार 16 दिसंबर को दिवसीय राष्ट्रव्यापी हडताल का आवाहन किया गया. जिसके तहत दोनों ही दिन अमरावती विभाग की बैंक शाखाओं के 700 अधिकारी व 900 कर्मचारी इस हडताल में शामिल हुए. साथ ही अपनी-अपनी बैंक शाखाओं सहित एसबीआय की मुख्य शाखा के सामने तीव्र प्रदर्शन किये गये.
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए एसबीआई बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन फोरम के विभागीय अध्यक्ष मंगेश मिसाल ने बताया कि, इस हडताल के दौरान भी इंटरनेट बैंकिंग, कैश डिपॉझिट मशीन तथा एटीएम आदि शुरू है, ताकि लोगबाग अपने आर्थिक लेन-देन से संबंधी व्यवहार कर सके.
* जिले की 150 सरकारी बैंकों का समावेश
केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आहूत की गई दो दिवसीय हडताल में जिले में स्थित करीब 150 सरकारी बैंक शाखाओं के अधिकारी व कर्मचारी शामिल हुए. जिसके चलते लगातार दो दिन बैंकों में ऑफलाईन कामकाज पूरी तरह से बंद था. ऐसे में सभी बैंक कार्यालयोें में पूरी तरह सन्नाटा दिखाया गया. वहीं ऑनलाईन कामकाज पहले की तरह ही जारी रहा. अमरावती शहर सहित बडनेरा, तिवसा, मोर्शी, वरूड, अचलपुर, चिखलदरा, धारणी, धामणगांव रेल्वे, चांदूर बाजार, भातकुली, नांदगांव खंडेश्वर, अंजनगांव सूर्जी, दर्यापुर के भी शहरी व ग्रामीण इलाकों में राष्ट्रीयकृत बैंकों में ऑफलाईन कामकाज पूरी तरह से बंद था.