अकोट और मेलघाट के सरकारी चावल का व्यवहार भी परतवाडा तक
तस्करों की लिंक ग्रामीण इलाकों से शहर तक जुडी
* सरमसपुरा की महिला थानेदार ग्रामीण मुख्यालय अटैच
परतवाडा/दि.18(अमरावती)- चावल तस्करों की लिंग ग्रामीण इलाकों से बडे शहरों तक जुडी हुई हैं. अकोला जिले के अकोट और मेलघाट के चावल के लिए परतवाडा तक लेन-देन होता रहने की जानकारी सामने आई हैं. यह मामला प्रकाश में आते ही सरमसपुरा की महिला थानेदार को जिला पुलिस अधीक्षक अविनाश बालगल ने ग्रामीण मुख्यालय अटैच कर दिया हैं. शासकीय चावल की भारी मात्रा में तस्करी होती रहने और प्रशासन को इस पर रोक लगाने में विफलता होती रहने की बात अनेक कार्रवाईयों से उजागर हुई हैं.
अकोट के एक जड वाहन ने अचलपुर-रासेगांव मार्ग पर एक मासूम को कूचल दिया था. उस वाहन में रहे चावल की जांच होना आवश्यक हो गया हैं. जिस वाहन से यह दुघर्टना हुई उस वाहन चालक की कडी जांच होने पर तस्करों की लिंक पुलिस और प्रशासन के हाथ लगने की संभावना जताई जा रही हैं. दूसरी तरफ मेलघाट के धारणी, चिखलदरा तहसील का चावल अकोट मार्ग से परतवाडा लाकर वहां के एक तस्कर को भेजा जाता रहने की सूत्रोंं की जानकारी हैं.
मेलघाट और अकोला जिले के ग्रामीण इलाकों सें खरीदी किया यह सरकारी अनाज तस्कर शहर के कुछ इलाकों में वजन करते हैं. वजन करते समय शासकीय चावल में 10 किलो खरीदी किया दुकान का चावल मिलावट किया जाता हैं. उसकी रसीदें भी अकोट की उपजमंडी के बिना लाइसेंसधारी कुछ अडतिया व्दारा बनावटी रुप से बना ली जाती हैं. चावल पकडा गया तो, यही रसीद दिखाई जाती हैं ऐसा भी सूत्रों ने कहा. सरमसपुरा थाना क्षेत्र में तीन दिन पूर्व वाहन की चपेट में आने से मासूम की मौत हो गई. इस वाहन में चावल था. आरोपी को गिरफ्तार किया गया. जबकि उसमें लदा चावल कागजोपत्री पुरावा प्रस्तुत करने से छोड दिया गया. वास्तविक रुप से इस संपूर्ण प्रकरण की जांच होना आवश्यक था. इस कारण थानेदार सुलभा राउत को तत्काल मुख्यालय अटैच किया गया. चिखलदरा के सहायक निरीक्षक शहाजी रुपनर को प्रभारी तौर पर सरमसपुरा भेजा गया हैं.
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* कबाड विक्रेता करते हैं खरीदी
शासन के विविध योजना सहित नि:शुल्क अनाज योजना का लाभ भारी मात्रा में गरीबों को दिया जाता हैं. लेकिन आवश्यकता से अधिक अनाज जमा होता रहने से कबाड विक्रेता ग्रामीण इलाकों में घूमते हुए 7 से 9 रुपए दाम से खरीदी कर यह चावल तस्करों को 12 रुपए के दाम से बेचते हैं और पश्चात चंद्रपुर, गोंदिया का सफर अकोला जिले से होकर परतवाडा मार्ग से किया जाता हैं. गडचिरोली, चंद्रपुर परिसर से आने वाले ट्रक और अनाज के तस्करों के वाहनों की वीरान मार्ग पर मुलाकात होती हैं. वहां तस्करी का चावल ट्रक में डालकर भेज दिया जाता हैं. ऐसा भी सूत्रों ने कहा.