सायबर पुलिस की अब तक की सबसे बडी कार्रवाई
30 घंटे में ऑनलाइन ठगी के 5.86 लाख रुपए लौटाएं
* केवायसी अपडेट के नाम पर लगाया था चुना
अमरावती/ दि.19– विगत 13 जनवरी की शाम 6.45 बजे शिकायतकर्ता देवेश व्यवहारे इस युवक के मोबाइल पर एक मैसेज प्राप्त हुआ. उस मैसेज में लिखा हुआ था कि तुम्हारा खाता ब्लॉक किया गया है. उसे अपडेट करने के लिए पैन कार्ड नंबर लिंक कर केवायसी अपडेट करें. उसके लिए लिंक भी प्राप्त हुआ. शिकायतकर्ता ने जैेसे ही उस लिंक पर क्लिक किया, उनके स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बचत खाते से 5 लाख 71 हजार 480 रुपए ऑनलाइन निकाल लिये गए. यह बात समझ में आते ही शिकायतकर्ता ने सीधे सायबर सेल पुलिस में शिकायत की. पुलिस ने तेजी से उच्च तकनीक का उपयोग करते हुए बैंक से संपर्क कर उस युवक की रकम केवल 30 घंटे में वापस उसके खाते में दिलाई. बताया जाता है कि इतने कम समय में सायबर सेल व्दारा वापस दिलाई गई रकम में यह सबसे बडी रकम है.
शिकायतकर्ता ने दी शिकायत में बैंक स्टेटमेंट का अवलोकन करने पर शिकायतकर्ता के बैंक खाते से युनियन बैंक में 25 हजार रुपए, फिल्प कार्ड पेमेंट में 72 हजार रुपए, अमेझॉन सेलर सर्विस में 4 लाख 74 हजार 480 रुपए ऐसे कुल 5 लाख 71 हजार 840 रुपए की रकम ऑनलाइन तरीके से ट्रान्सफर किये जाने की बात सामने आयी. इसपर सायबर पुलिस थाने की निरीक्षक सीमा दातालकर, सहायक पुलिस निरीक्षक रविंद्र सहारे, काँस्टेबल शैलेंद्र अर्डक, पंकज गाडे, गजानन पवार, प्रशांत मोहोड, उल्हास टवलाने की टीम ने उस तकनीकी ज्ञान का उपयोग करते हुए पहले 72 हजार रुपए की रकम वापस दिलाई, इसके बाद बकाया रकम लगातार प्रयास करते हुए केवल 30 घंटे में बैेंक अकाउंट में वापस दिलाई.
शिकायतकर्ता देवेश व्यवहारे गरीब परिवार का है. वह भंडारा जिले का निवासी है. फिलहाल अमरावती में निजी नोकरी कर रहा है. कम वेतन में अपने परिवार का भरपोषण कर रहा है. उसका आधार रहने वाले पिता का कोरोना के कारण निधन हो गया. पिता और उसने कमाये रुपए के सहारे अपने परिवार का भरपोषण कर रहा था. ऐसे में उसके बैंक खाते से ऑनलाइन इतनी बडी रकम निकल जाने के कारण देवेश व्यवहारे के पैरोतले जमीन खिसक गई थी. जिना या मरना उसके समझ में नहीं आ रहा था. ऐसे में सायबर पुलिस थाने के अधिकारी व कर्मचारियों को हिम्मत देते हुए प्रयास शुरु किये. आखिर 30 घंटे के भीतर 5 लाख 46 हजार 840 रुपए की रकम देवेश के बैंक खाते में वापस लौटाई. बताया जाता है कि, सायबर सेल व्दारा किये प्रयास में वापस लौटाई गई यह रकम सबसे बडी है.